अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय निरुपम ने जगदलपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से अब तक का स्वर्णिम 5 वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य रहा तो वह पिछले 5 वर्ष का रहा यह निष्कर्ष तीन-चार महत्वपूर्ण विषयों पर नजर डालें तो निकाल कर सामने आता है। यदि छत्तीसगढ़ की पूरी राजनीति पर नजर डालें तो वह धान किसानों के इर्द-गिर्द ही नजर आती है।
छत्तीसगढ़ का सामाजिक जीवन यदि आश्रित है तो वह खेती किसानी और खास करके धन के कृषकों पर आश्रित होता है। पिछले 5 वर्षों में किसानों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जो किया वो अप्रत्याशित कार्य है, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पिछले चुनाव में राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आए थे। तब उन्होंने घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ के धान किसानों को धान खरीद मूल्य 2500 प्रति क्विंटल दिया जाएगा और किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।
उस समय भाजपा के लोग राहुल गांधी का उपहास उड़ाते नजर आ रहे थे। परंतु प्रदेश का किसान राहुल गांधी की घोषणा पर विश्वास जताया और हमें पूर्ण बहुमत की सरकार दी और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उसे विश्वास को बनाए रखते हुए सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया और धान का समर्थन मूल्य 2500 से भी अधिक 2640 रुपये करके दिखाया और यही छत्तीसगढ़ मॉडल का सबसे बड़ा आकर्षण स्तंभ है।
छत्तीसगढ़ मॉडल का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण जो रहा वह छत्तीसगढ़ के वनांचल जो की आदिवासी क्षेत्र है जिसे भाजपा के शासनकाल में नक्सलवाद क्षेत्र बना दिया गया। वहां सबसे ज्यादा यदि किसी वनोपज का उठाओ है तो वह है तेंदू पत्ता जिसे भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में 2500 मानक बोरा के दर से खरीदा जाता था। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार आते ही उसे 4000 प्रति मानक बोरा किधर से खरीदी करना रहा साथ ही साथ 67 अन्य वन उपज को एमएसपी पर खरीद कर छत्तीसगढ़ सरकार ने वनांचल के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने का कार्य किया।
छत्तीसगढ़ मॉडल का तीसरा प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा तो वह नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की नीतियां रही छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने नक्सलवाद को एक चुनौती के रूप में लेते हुए कोई आक्रामक रूप नहीं अपनाया। अपितु किस तरह से नक्सली विचारधारा के लोगों को मुख्य धार में जोड़ा जाए। इस ओर कदम बढ़ाया आज परिणाम देश के सामने है। लगातार नक्सलवाद सिकुड़ते चला जा रहा है और पिछले 5 वर्षों में अब तक तकरीबन 2000 से ज्यादा नक्सली गतिविधियों में लिप्त लोगों ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण करते हुए मुख्य धारा को अपनाया है। वहीं कहीं ना कहीं पिछले 15 वर्ष से नक्सलवाद के नाम पर 2000 से ज्यादा बेगुनाह आदिवासियों को जेल से रिहा करा कर बस्तर के ग्रामीणों का दिल जीतने का कार्य भी भूपेश बघेल की सरकार ने किया।
छत्तीसगढ़ मॉडल का चौथा सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र रहा तो वह छत्तीसगढ़ की महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगार से जोड़ने का रहा, स्व सहायता समूह के माध्यम से छत्तीसगढ़ की महिलाएं खास करके ग्रामीण महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। वहीं बात की जाए तो देश में आज की समय में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। आज देश में बेरोजगारी दर तकरीबन 8 प्रतिशत से अधिक है। वहीं छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो पॉइंट 1 फीसदी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर आज के समय में है। जहां एक देश में बेरोजगारी दर 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में अत्यधिक गिरावट या दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को युवाओं को रोजगार और2500 बेरोजगारी भत्ता देने का कार्य किया है।
छत्तीसगढ़ मॉडल का एक और आकर्षण का केंद्र रहा बिजली बिल हाफ योजना। जब हम चुनाव में उतरे थे। उसे समय राहुल गांधी ने वादा किया था किसानों का कर्ज माफ बिजली बिल हाफ और साफ इन तीन वादों में से दो वोदों को कांग्रेस की सरकार बनते ही हमने पूरा किया। किसानों का कर्ज माफ के साथ में प्रदेश में बिजली बिल हाफ किया। वहीं प्रदेश की जनता ने तीसरे वादे को पूरा करते हुए भाजपा को साफ किया, प्रदेश के लगभग 44 लाख परिवारों को 4000 करोड़ से ज्यादा बिजली बिल माफ का फायदा मिला। वो भी सिर्फ पांच सालों में।
संजय निरुपम ने कहा गोबर खरीदी की जो सोच छत्तीसगढ़ सरकार ने लेकर के आई वह सोच पूरे देश में पिछले 50 वर्ष में किसी भी सरकार ने नहीं सोचा आज अगर आप देखेंगे तो छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी योजना को प्रदेश जैसे राज्य भी अपने राज्य में लागू कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता को यह विश्वास दिलाया। यह प्रदेश की जनता की सरकार है आपकी सरकार है और इस सरकार में प्रदेश का कोई वर्ग विकास के इस रोल मॉडल से अछूता नहीं रह सकता।
छत्तीसगढ़ की सरकार ने जो आरक्षण की जो नई नीति पेश की है। वह आज देश के लिए नया रोल मॉडल बन चुकी है। जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने विधानसभा में आरक्षण संशोधक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया। परंतु पिछले 9 महीना से यह विधेयक राज्यपाल के दफ्तर में जस का तस रखा हुआ है। कानून में तब्दील करने में राज्यपाल ने रोक लगाई रखी है। इस आरक्षण विधेयक के अंतर्गत एस टी समुदाय को 32 फीसदी एस सी समाज को 13 फीसदी, ओबीसी 27 फीसदी। वहीं ईबीसी के लिए 4 फीसदी के साथ कुल मिलाकर 76 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। जिसे पिछले 9 महीने से राज्यपाल ने रोक कर रखी है और केंद्र सरकार को लगातार पत्र लिखने के बावजूद भी वह चुप्पी साधे बैठी है। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण विरोधी पार्टी है।