अब वित्त मंत्रालय भी मान रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का देश के आर्थिक विकास पर असर दिख सकता है। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2021) की आर्थिक विकास दर में गिरावट की आशंका है।
हालांकि, कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का आर्थिक विकास पर नहीं के बराबर असर रहेगा। वित्त मंत्रालय को एक बार फिर से कृषि क्षेत्र से अर्थव्यवस्था और ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
आर्थिक कार्य विभाग की तरफ से अप्रैल के लिए जारी मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना आने वाले मामलों की संख्या नए शीर्ष पर पहुंचती दिख रही है। रोज होने वाली मौत और संक्रमण की दर अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए चुनौती पैदा कर रही है।
स्थानीय पाबंदियों से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर गिरने का जोखिम है। हालांकि, दूसरे देशों के अनुभवों से पता चलता है कि आवाजाही पर प्रतिबंध का आर्थिक गतिविधियों में गिरावट से खास नाता नहीं हैं, क्योंकि कोरोना के बीच रहते हुए लोग आर्थिक गतिविधियां जारी रखने की कला सीख चुके हैं। इसलिए पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का आर्थिक विकास पर नहीं के बराबर प्रभाव रहेगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन एवं इस साल मानसून के सामान्य रहने के अनुमान से एक बार फिर अर्थव्यवस्था के लिए कृषि क्षेत्र बेहद मददगार साबित होगा। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जब जीडीपी में 23.9 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी, तब भी कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई थी। ग्रामीण क्षेत्र में वस्तुओं की मांग में भी मजबूती बरकरार है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार प्रत्यक्ष और परोक्ष करों से हासिल राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।