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गेमिंग इंडस्ट्री को हुआ जबरदस्त बूम! रेवेन्यू 13,600 करोड़ के पार,अगले पांच वर्षों में 29,000 करोड़ तक बढ़ जाएगा

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नई दिल्ली. एक तरफ जहां भारत में पिछले साल कोरोना वायरस के चलते हुए पेंडेमिक और लॉकडाउन ने सभी सेक्टर की आर्थिक स्थिति खराब कर दी तो वहीं एक सेक्टर ऐसा भी रहा जिसने इसे जबरदस्त बूम दिया. बात हो रही है गेमिंग इंडस्ट्री जिसके लिए लॉकडाउन जबरदस्त मुनाफे का सौदा रहा. पिछले एक साल के दौरान गेमिंग इंडस्ट्री को 100 मिलियन से ज्यादा इंडियन यूजर्स मिले हैं. इस बात का खुलासा KMPG की रिपोर्ट में हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या जहां वर्ष 2019 में 300 मिलियन थी वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह बढ़कर 433 मिलियन हो गई. जाहिर सी बात है यूजर्स बढ़े तो रेवेन्यू भी बढ़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार गेमिंग इंडस्ट्री का मुनाफा दोगुना बढ़ा. वर्ष 2019 में जहां यह 6200 करोड़ रुपये था तो वहीं 2020-21 में बढ़कर 13600 करोड़ हो गया. पोकर और रमी जैसे रियल-मनी गेम्स और ड्रीम 11 जैसी ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियों ने खुर्खियां बटोरी हैं. वहीं ऐसा लगता है कि गेम्स में लीड कैजुअल गेम्स ने किया है. कैजुअल गेम्स का पिछले वित्तीय वर्ष में 6020 करोड़ रुपये का रेवेन्यू था जबकि रियल मनी और फैंटेसी स्पोर्ट्स का क्रमश: 4980 करोड़ और 2430 करोड़ रुपये था.

भारत में 2020 में दुनिया में (चीन को छोड़कर) कैजुअल मोबाइल गेमिंग सेगमेंट में सबसे ज्यादा डाउनलोड्स हुए. जो कि वैश्विक गेम डाउनलोड के 17 प्रतिशत ( लगभग 43 बिलियन, चीन को छोड़कर) 7.3 बिलियन का था. पिछले एक साल में भारतीय गेमिंग में लगातार वृद्धि देखी गई है.

तीन पत्ती गेम में पिछले साल आश्चर्यजनकर रूप से 800 प्रतिशत की वृद्धि
जनवरी में मोबाइल गेमिंग कंपनी ऑक्टो ने कहा कि उसके तीन पत्ती गेम में पिछले साल आश्चर्यजनकर रूप से 800 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और उस समय 150 मिलियन से अधिक प्लेयर्स द्वारा यह खेला जा रहा था. दक्षिण कोरिया की क्राफ्टन इंक. ने कहा कि उसके आगामी गेम बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया को इस महीने 20 मिलियन से अधिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए हैं. बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया लोकप्रिय बैटल रॉयल गेम पबजी मोबाइल की जगह ले सकता है, जिसे पिछले साल भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसका रजिस्ट्रेशन 6 मई से शुरू हुआ था.

ऑनलाइन गेमिंग सेगमेंट का मूल्य ₹13,600 करोड़
रिपोर्ट में कहा गया है कि गेमिंग कंपनियों ने भी वर्ल्ड क्लास गेमिंग टाइटल, स्थानीय कॉन्टेंट और नए फीचर्स पर फोकस किया और इसका भी फायदा मिला. वहीं कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए टिपिंग पाइंट बना. जबकि लगभग सभी गेमिंग सेगमेंट ने ग्रोथ हासिल की तो वहीं भारत में ज्यादातर गेमर्स अभी भी मोबाइल पर ही गेम खेल रहे हैं. भारत में मोबाइल फोन यूजर्स करीब 94 फीसदी हैं जबकि पर्सनल कम्प्यूटर के 9 और कंसोल के करीब 4 फीसदी हैं. केपीएमजी के पार्टनर और हेड (मीडिया और मनोरंजन) गिरीश मेनन ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐतिहासिक रूप से दुनिया भर में ज्यादातर गेमिंग लैपटॉप और पीसी पर होता था, जबकि भारत ने इस जेनरेशन को पीछे छोड़ दिया है.” रिपोर्ट में भारत के ऑनलाइन गेमिंग सेगमेंट का मूल्य ₹13,600 करोड़ आंका गया है और कहा गया है कि यह अगले पांच वर्षों में 21% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से 29,000 करोड़ तक बढ़ जाएगा.

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