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बंद मिलों की जमीन वनक्षेत्र के रूप में संरक्षित हो 

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इंदौर: शहर की वर्तमान हरियाली और वृक्षों के संरक्षण हेतु जारी अभियान के अंतर्गत,  इंदौर पर्यावरण प्रेमी नागरिक समूह ने रविवार को स्वदेशी मिल इंदौर के वनक्षेत्र और जलाशय का भ्रमण किया। 

इंदौर की बंद हो चुकी मिलों के  परिसर मे हजारों वृक्ष हैं। समूह की  मांग है कि इन वनक्षेत्रों को संरक्षित घोषित कर इन्हें स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए,  जिसमें पैदल पथ,  साइकिल पथ,  व्यायाम,  तैराकी वन विहार आदि की सुविधा उपलब्ध  हों। इन परिसरों में मौजूद जलाशयों को भी विकसित किया जाने पर  भूजल का स्तर सुधारने में मदद मिलेगी। 

ये संरक्षित वनक्षेत्र शहर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को भी कम करने में मददगार हैं। वर्तमान  मे जनसंख्या के अनुपात मे वृक्ष बहुत कम है, हम सब मिलकर नये पौधे तो लगा रहें है, लेकिन हम सब का कर्तव्य है, कि जो पुराने वृक्ष है उनकी रक्षा भी करें।

आज विकास के लिए वर्षों पुराने वृक्षऒ को काटा जा रहा है, इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की आवश्यकता है। 

समूह में आज पर्यावरण विद डाँ. शंकरलालगर्ग, इंटक के वरिष्ठ नेता श्यामसुन्दर यादव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक दिलीप वाघेला, अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के महामंत्री अरविन्द पोरवाल, भाकपा के रूद्रपाल यादव, जनहित पार्टी के अभय जैन, अभ्यास मंडल के  स्वप्निल व्यास के साथ ही अशोक दुबे , अजय लागू, जानकी लाल पटेरिया, डाँ.सी एल यादव, कन्हैयालाल मरमट, , चम्पालाल, सुरेश सहित अनेकों वरिष्ठ जन उपस्थित थे

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