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भारत में अमृतसर और जम्मू में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आया नजर

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आज (25 अक्टूबर को) साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देश के अधिकतर हिस्सों में देखा जा सकेगा। देश में सबसे पहले इसे अमृतसर में शाम 4.19 बजे से देखा गया। वहीं, मुंबई में शाम 6.09 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ज्यादातर जगह ग्रहण सूर्यास्त के साथ ही खत्म होगा।

बिड़ला तारामंडल, कोलकाता के खगोल वैज्ञानिक देवी प्रसाद दुआरी के मुताबिक सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में आसानी से देखा जा सकेगा। देश के पूर्वी हिस्सों में ये ग्रहण दिख नहीं पाएगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में उस समय सूर्यास्त हो चुका होगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजे के बाद हो जाएगी। ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों के हिसाब अलग-अलग रहेगा, 4.50 बजे तक ग्रहण अधिकतर शहरों में दिखने लगेगा।

मध्य प्रदेश में ग्रहण देखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। यहां प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का सूर्य रूप में श्रृंगार किया गया।

भारत से पहले दुनियाभर में नजर आया सूर्य ग्रहण
भारत से पहले दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्य ग्रहण देखा गया। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक आज का सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में दिखाई दे रह् हे। नीचे दी गई तस्वीरों में आप दुनिया के अलग-अलग देशों में ग्रहण का नजारा देख सकते हैं….

गोरखपुर में सूर्य ग्रहण देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

दिवाली के बाद ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा एक दिन बाद
इस बार दीपावली पर सूर्य ग्रहण और बुध, गुरु, शुक्र, शनि का अपनी-अपनी राशि में हैं, ऐसा योग पिछले 1300 सालों में नहीं बना है। और इसका सूतक सुबह चार बजे से शुरू हो गया है। आज का ग्रहण भारत में दिखाई दे रहा है, इसलिए सूतक की वजह से इस साल दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का गैप है। अब गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। 2022 के बाद दीपावली और सूर्य ग्रहण का योग 2032 में 3 नवंबर को बनेगा। इस सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण भी होगा, जो एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखेगा।

मध्यप्रदेश में चांद ने सूरज के करीब 32% हिस्से को ढंका

मध्यप्रदेश में शाम 4.42 बजे से सूर्य ग्रहण दिखाई दिया। इस दौरान चांद ने सूरज के करीब 32% हिस्से को ढंक लिया। भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में बड़ी संख्या में लोग सूर्य ग्रहण की घटना को देखने पहुंचे हैं। उज्जैन की वेदशाला में भी खगोलीय घटना को देखने का इंतजाम है। उधर, उज्जैन महाकाल मंदिर में आज भगवान महाकालेश्वर का सूर्य के स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। बता दें कि 27 साल बाद दिवाली के दूसरे दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हो रहा है। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। इससे पहले यह खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दिवाली के दूसरे दिन हुई थी।

सीएम के बेटे ने नहीं खाया बिस्किट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय भी इस खगोलिय घटना को देखने रीजनल साइंस सेंटर पहुंचे। वैज्ञानिक ने उन्हें बिस्किट देते हुए कहा कि आप साइंटिफिक खगोलीय घटना को मानें और बिस्किट खाकर मिथक तोड़ें। लेकिन कार्तिकेय ने बिस्किट नहीं खाया।
दैनिक भास्कर ने जब उनसे इस संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा- हर व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था होती है। हमारे देश में इस आस्था को लोग अलग-अलग ढंग से मनाते हैं। उसका भी सम्मान होना चाहिए। विज्ञान अपनी जगह है, आस्था अपनी जगह है। इसमें मैं कोई मैसेज नहीं देना चाहता। जो बिस्किट खाना चाहे खाए। मेरी अपनी आस्था है। बता दें कि धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहण के दौरान खाना-पीना वर्जित रहता है। इसी वजह से कार्तिकेय ने बिस्किट नहीं खाया।

उज्जैन की वेधशाला में भी खगोलीय घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

भोपाल में शाम 4 बजकर 42 मिनट पर सूर्य ग्रहण शुरू हुआ। इसे दिखाने के लिए भोपाल के रीजनल साइंस सेंटर में खास इंतजाम किया गया।

महाकाल में भस्म आरती के बाद प्रवेश बंद
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार तड़के हरिओम का जल चढ़ाने के बाद भस्म आरती की गई। आरती के बाद गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिए गए। इस दौरान बाहर से ही दर्शन व्यवस्था की गई। ग्रहण के बाद शाम साढ़े 6 बजे मंदिर के शुद्धिकरण के बाद संध्या आरती होगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर निशुल्क अन्नक्षेत्र भी सूतक होने के कारण बंद रहा।

गोपाल मंदिर में शाम 4 बजे पट बंद हुए
श्री गोपाल मंदिर में ग्रहण के दौरान शाम 4 बजे से मंदिर के पट बंद हुए। मंदिर के व्यवस्थापक अजय धाकने ने बताया कि ग्रहण के कारण भगवान का स्पर्श वर्जित है। मंदिर के पट अब बुधवार सुबह खुलेंगे।

सांदीपनि आश्रम में ग्रहण समाप्ति पर पूजन
श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली श्री सांदीपनि आश्रम में मंगलवार को गर्भगृह में प्रवेश बंद रहा। पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि दर्शनार्थियों को दूर से ही दर्शन की अनुमति रही। शाम साढ़े 6 बजे के बाद ग्रहण के मोक्ष होने पर मंदिर का शुद्धिकरण कर भगवान के वस्त्र बदलने के बाद पूजन-आरती की जाएगी।

हरसिद्धि मंदिर में संध्या आरती देर से होगी
शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में भी गर्भगृह में प्रवेश बंद रखा गया। मंदिर के रामचंद्र गिरी ने बताया कि ग्रहण के मोक्ष होने के बाद संध्या को मंदिर का शुद्धीकरण कर माता हरसिद्धि के वस्त्र बदलने के साथ ही नया श्रृंगार करने के बाद शाम 7 बजे होने वाली आरती देरी से होगी।

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