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प्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन हैं कुलगुरु रेणु जैन के छोटे भाई

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इंदौर। इसे महज एक संयोग ही कहा जाएगा। 4 साल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति और कुलगुरु रही डॉ रेनू जैन जिस दिन यहां से विदाई ले रही है उसी दिन उनके छोटे भाई अनुराग जैन भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव का दायित्व संभालेंगे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु के रूप में डॉक्टर जैन का कार्यकाल 27 सितंबर को समाप्त हो गया था। नई कुलगुरू डॉ राकेश संघई शुक्रवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे और इसके एक दिन पहले डॉक्टर जैन कुलगुरु पद से विदा हो जाएंगी। विश्वविद्यालय की ओर से आज ही उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया है। शांत और शालीन डॉक्टर जैन को उनके गरिमामय कार्यकाल के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी गिनती उन चुनिंदा कुलपतियों में रहेगी जिन्हें सालों बाद अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका मिला। सेवानिवृत्ति के बाद डॉक्टर जैन के दिल्ली में बेसन की संभावना जताई जा रही है।

इधर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अनुराग जैन ने आज सुबह दिल्ली से भोपाल पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश के 35वें मुख्य सचिव के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वे कुलगुरु डॉक्टर जैन के छोटे भाई हैं। वह अभी दिल्ली में केंद्रीय भूतल परिवहन सचिव के पद पर पदस्थ थे। 1989 बैच के आयएएस अधिकारी जैन की गिनती देश के बहुत काबिल अफसर में होती है और मध्य प्रदेश और दिल्ली में अलग-अलग पदों पर प्रस्तावना के दौरान वह अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं। नए मुख्य सचिव की गिनती प्रशासनिक कामकाज में नवाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारी के रूप में होती है।

वे प्रधानमंत्री के भी बेहद विश्वस्त्र माने जाते हैं और उनकी मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में पद स्थापना में यह फैक्टर भी बहुत महत्वपूर्ण रहा। पहले यह माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उन्हें दिल्ली में ही रखना चाहते हैं इसी के चलते उनके मध्य प्रदेश लौटने की संभावना है बहुत कम थी लेकिन एन वक्त पर दिल्ली के ही हस्तक्षेप से मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव बनने में कामयाब रहे। वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ जैन के सामने बड़ी चुनौती प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को सुधार करने के साथ ही लगातार बिगड़ रही वित्तीय स्थिति को सुधारने की भी रहेगी। उनकी केंद्रीय पद स्थापना का लाभ भी मध्य प्रदेश को मिलेगा और केंद्र और राज्य के बीच तालमेल बैठाकर मध्य प्रदेश को केंद्रीय योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाने मैं भी उनकी बड़ी भूमिका रहेगी।

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