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प्रधानमंत्री संविधान रक्षा की दुहाई देते  रहे और शंभू बॉर्डर पर किसानों पर हमला

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शनिवार को एक बाऱ फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे किसानों को शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। इससे पहले भी किसान दो बार दिल्ली मार्च की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों ने उन्हें सीमा पर ही रोक दिया।

इस बार दिल्ली आने की कोशिश कर रहे 101 किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछार मारी गयी। वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले और पुलिस हमले में लगभग 10 किसान घायल हो गए हैं।

यह सब अंबाला जिले के शंभू बॉर्डर पर हुआ। वहीं जींद जिले के खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत ज्यादा खराब हो रही है।

दिल्ली की सीमा पर यह सब तब हो रहा था जब संसद के अंदर सत्तारूढ़ भाजपा-एनडीए के सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान रक्षा की दुहाई दे रहे थे। पीएम मोदी संसद में कांग्रेस समेत पूर्ववर्ती सरकारों पर देश के साथ संविधान के तहत कार्य न करने का आरोप लगाया है।

जबकि सचाई यह है कि पीएम मोदी और उनकी सरकार कई सालों से आंदोलन कर रहे किसानों की मांग को समझौते के बावजूद पूरा नहीं कर रहे हैं।

आज यानी शनिवार को 101 किसानों का मरजीवड़ा जत्था दिल्ली के लिए कूच किया तो हरियाणा पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया।

दरअसल हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर सीमेंटेड बैरिकेडिंग के ऊपर जाली और अब जाली के ऊपर भी एक पूरी शील्ड बनाई गई है, क्योंकि पिछली बार देखा गया है कि आगे से ऊपर चढ़ कुछ किसान जाने की कोशिश कर रहे थे। इसीलिए अब इसको भी सील लगाकर बंद किया गया है।

हरियाणा की सरकार पहले ही साफ कर चुकी थी कि परमिशन न होने की वजह से किसी भी किसान को आगे जाने नहीं दिया जाएगा। अंबाला प्रशासन की तरफ से और भी पुख्ता इंतजाम किए गए।

अंबाला के डीसी पर्थ गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है और अब दिल्ली के लिए परमिशन मांगी थी, वो अभी उन्हें नहीं दी गई है।

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि “विरोध-प्रदर्शन 307वें दिन में प्रवेश कर गया है। पूरा देश इस विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इसे दूरी बनाए हुए हैं और केंद्रीय कृषि मंत्री इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं। सरकारी एजेंसियां ​​यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि मोर्चा जीत न पाए।

लेकिन हम कोशिश करेंगे। और आज 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था 12 बजे तक दिल्ली के लिए कूच किया। लेकिन पुलिस और सुरक्षा बलों ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी का बौछार किया। जिसमें लगभग 10 किसान घायल हो गए।”

हरियाणा पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा किसानों पर हमले को लेकर कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि “हम बिल्कुल शांतिपूर्वक जा रहे हैं। जो हमारी ड्यूटी लगाई जाएगी, हम उसके साथ खड़े हैं। बोलने और करने में फर्क होता है, आप बोलते हैं कि 24 फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं, लेकिन 24 तो फसल ही नहीं है…हरियाणा में, पहली बात।

आप कह रहे है कि आप किसान को नहीं रोक रहे हैं तो रोड पर कील, बड़े-बड़े कंटेनर हैं, किसलिए इतनी फोर्स रखी गई हैं। वो इंडिया-पाकिस्तान का बॉर्डर नहीं हैं। वो चीन का बॉर्डर नहीं हैं। सरकार ही झूठ बोल रही है। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आप लोग दिल्ली जा रहे हैं तो आप किससे परमिशन लेते हैं। ये तो पैदल जाना चाहते हैं।

अगर लिखित में सरकार ने गारंटी दी थी, फिर क्यों मुकर गए वो? सरकार मुकर गई। किसान कहा जाएंगे? किसान बस एमएसपी चाहते हैं और उसके बदले में उससे लाठी, डंडे, आंसू गैस के गोले, जहरीली गैसें मिल रही हैं।”

बजरंग पुनिया ने कहा कि आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल जी की तबियत ठीक नहीं है। पिछले 18 दिन से वो अनशन पर बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट का हम धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया हैं। रामचंद्र जांगड़ा जी का हम सम्मान करते है, लेकिन मुझे लगता है कि उनका दिमागी संतुलन ठीक नहीं है।

हरियाणा के शंभू बॉर्डर के पास किसान तीसरी बार भी आगे नहीं बढ़ पाए हैं। यहां पर डीसी और एसपी ने किसानों से बातचीत की और इस दौरान बहसबाजी देखने मिली। लेकिन बाद में पुलिस ने यहां पर किसानों पर आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने घग्गर नदी का गंदा पानी पाइपों से खींच कर किसानों पर पानी की बौछार मारी। शंभू बॉर्डर पर पुलिस फोर्स और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती थी। काफी संख्या में एंबुलेंस और स्ट्रेचर लाए गए थे।  

किसान नेता चढूनी ने कहा कि दिल्ली कूच करने के 101 किसानों के जत्थे में काफी बुजुर्ग महिलाएं और बुजुर्ग किसान थे। दूसरी तरफ एक बैरिकेड लगाया गया है और यहां युवा किसान को लाइन में खड़ा किया गया है। तीसरी तरफ दिल्ली की तरफ जाने वाला रास्ता है, जहां हरियाणा पुलिस और RPF के जवान मुस्तैद थे।

वहीं, क‍िसान सांसद रामचन्द्र जांगड़ा के बयान पर भी काफी नाराज द‍िखे। जांगड़ा ने क‍िसानों को लेकर अभद्र टिप्‍पणी की थी। जांगड़ा ने क‍िसान नेताओं को नशे का सौदागर और कसाई तक कह डाला था।

इस पर किसानों ने कहा, यह मुद्दा इतनी देरी से क्यों उठाया गया। सरकार उनकी है, पुलिस व प्रशासन उनका है। इसकी जांच क्यों नहीं करवाई।

क‍िसानों ने कहा, रामचंद्र जांगड़ा को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने रामचंद्र जांगड़ा को पार्टी से निकालने की मांग भी रखी।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले पर बोलते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, सरकार को बातचीत करने और बल न प्रयोग करने के लिए कहा गया है। अब देखते हैं कि सरकार कितनी बात सुप्रीम कोर्ट की मानती है।

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