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26 साल पहले रिश्वत के मामले में फूड इंस्पेक्टर पर लगा रिश्वत का कलंक नहीं धुल पाया

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इंदौर। एक फूड इंस्पेक्टर को करीब 26 साल पहले रिश्वत के मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई थी, जिसके खिलाफ उसने तभी हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की थी। वर्षों से अपील लंबित थी। इस बीच कुछ साल पहले अपीलार्थी की मौत हो गई तो उसके परिजनों ने अपने वकील के माध्यम से जिरह जारी रखी, लेकिन लगभग ढाई दशक गुजर जाने के बाद आए फैसले में अपीलार्थी पर लगा रिश्वत का कलंक धुल नहीं पाया। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपील खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा।

मामला इस प्रकार है कि करीब 33 साल पहले 9 अक्टूबर 1991 को फूड एंड सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के फूड इंस्पेक्टर शिवदर्शन ने पान मसाला फैक्ट्री में बनाए गए मिलावट के केस में शिकायतकर्ता अनिल की पत्नी का नाम हटाने के नाम पर एक हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस इंदौर में की गई। इस पर लोकायुक्त टीम ने डेंटल कॉलेज के पास कैंटीन में आरोपी फूड इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया।

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