इंदौर
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जज की खंडपीठ ने इंदौर के भूमाफिया चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, सोनाली अजमेरा सहित अन्य की अग्रिम जमानत याचिका सहित अन्य मामलों की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि जमीन हड़पने वालों की टाउनशिप के उद्घाटन में मंत्री जाते हैं।
भूमाफियाओं के पीछे वहां के नेताओं का हाथ है, फिर उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में यह भी कहा कि हमने पिछली सुनवाई पर सरकार और याचिकाकर्ताओं को आदेश दिया था कि पहले टाउनशिप के पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा, इसका प्रपोजल बनाकर दिया जाए।
सरकार और याचिकाकर्ताओं ने हमारे आदेश को निष्ठुरता से दरकिनार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा कि हम 10 दिन का आखिरी मौका दे रहे हैं। सभी पीड़ितों को साथ बैठाकर उन्हें न्याय कैसे मिले, इसके लिए बैठक की जाए। प्रपोजल बनाकर पेश किया जाए।
खंडपीठ में सीजेआई जस्टिस एनवी रमन्ना के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। विगत 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने और पुलिस द्वारा दर्ज की गई दर्जनों एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रस्ताव मांगा था।
शुक्रवार को सुनवाई में शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकिता चौधरी उपस्थित हुईं। उन्होंने बैठक नहीं होने, प्रपोजल तैयार नहीं होने की बात कही। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम यहां एकदम साफ कर देना चाहते हैं कि अबकी बार आदेश के पालन में लापरवाही बरती तो प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब किया जाएगा।
चंपू जेल में, जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है
चंपू अजमेरा लंबे समय से जेल में है। उसका भाई नीलेश, सोनाली सहित अन्य आरोपी फरार हैं। पुलिस, प्रशासन इनकी संपत्ति की कुर्की भी कर चुका है। चंपू की जमानत की अर्जी जिला कोर्ट, हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है, वहीं नीलेश और सोनाली को अग्रिम जमानत देने से भी अदालतें इनकार कर चुकी हैं।
06 केस बाएं से नीलेश अजमेरा के खिलाफ हैं। 18 केस दर्ज हैं दाएं से चंपू अजमेरा पर।
केस निरस्त करने की मांग की है
सरकार ने माफिया विरोधी अभियान के तहत केस दर्ज किए थे। भूमाफिया चंपू और परिजन ने सभी दर्ज प्रकरणों को एक साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पैरवी के लिए दिल्ली के वकीलों को रखा है। एसएलपी में कहा गया है कि पुलिस ने सभी मामले एकतरफा जांच के बाद दर्ज किए हैं।
पूर्व में भी इस तरह के मामले दर्ज हो चुके थे, जिनमें जमानत मिली थी। शिकायतें भी लगभग एक जैसी हैं। जमानत का लाभ देने के साथ ही सभी प्रकरण निरस्त किए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निवेशकों की परेशानी को सबसे पहले देखा और पहले प्रपोजल देने की बात कही है।
फैसला; पीड़ित प्लॉट धारकोंं की शिकायतें आज सुनेंगे एसडीएम
रविवार को एसडीएम पीड़ित प्लॉट धारकों की समस्याएं सुनेंगे। फिनिक्स वेबकॉन सोसायटी के पीड़ितों की समस्याएं एसडीएम अंशुल खरे (रेसीडेंसी कोठी), कालिंदी गोल्ड सिटी की शिकायतें पराग जैन (पलासिया पुलिस कंट्रोल रूम), सैटेलाइट हिल कॉलोनी से जुड़ी शिकायतें विशाखा देशमुख (सिटी बस ऑफिस सभाकक्ष) सुनेंगी। शनिवार को प्रशासन की बैठक में यह फैसला लिया गया।