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राहुल गांधी पर अब बंगला खाली करने की तलवार लटकी

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एस पी मित्तल,अजमेर

23 मार्च को सूरत की अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाई और 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी। हालांकि ये दोनों ही निर्णय संवैधानिक है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि यह सब भाजपा और पीएम मोदी के इशारे पर हो रहा है। यही वजह है कि राहुल की बहन और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हम कर्नाटक में चुनाव जीत कर भाजपा और मोदी को जवाब देंगे। प्रियंका ने भले ही यह बयान गुस्से में दिया हो, लेकिन इस बयान का स्वागत किया जाना चाहिए। क्योंकि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो राजनीतिक दल चुनाव जीतता है, वहीं प्रदेश और देश में शासन करता है। राजनीतिक दलों के नेताओं की लोकप्रियता भी चुनाव परिणाम से ही आंकी जाती है। प्रियंका गांधी ने सही बयान दिया है कि भाजपा और मोदी को कर्नाटक में हरा कर जवाब दिया जाएगा। यह अच्छी बात है कि गांधी परिवार की सदस्य अब देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा जता रही हैं। राहुल गांधी ने भले ही लंदन में भारत के लोकतंत्र को खतरा बताया हो, लेकिन प्रियंका गांधी लोकतंत्र के माध्यम से ही भाजपा मोदी को जवाब देना चाहती हैं। भारत में चीन की तरह तानाशाही व्यवस्था नहीं है। भारत में चुनाव के माध्यम से सरकार चुनी जाती हैं। यदि किसी राजनीतिक दल को सत्तारूढ़ दल से नाराजगी है तो उसका बदला चुनाव में ही लिया जा सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रियंका गांधी ने जो बयान दिया उस पर कांग्रेस के कार्यकर्ता भी अमल करेंगे। कर्नाटक में मई माह में ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और इसी वर्ष नवंबर में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होंगे। इन तीनों राज्यों में भी चुनाव के माध्यम से ही कांग्रेस मोदी और भाजपा को जवाब दे सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के दायरे में रहकर यदि कोई कार्य किया जाता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए।

बंगले पर तलवार:

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द हो जाने के बाद अब दिल्ली वाले बंगले को खाली करने की तलवार भी लटक गई है। राहुल गांधी को सांसद होने के नाते दिल्ली में आलीशान बंगला मिला हुआ है। चूंकि अब सांसद नहीं रहे, इसलिए बंगले को खाली करना पड़ सकता है। जिस प्रकार लोकसभा सचिवालय में सदस्यता रद्द करने के त्वरित कार्यवाही की है, उससे प्रतीत होता है कि राहुल गांधी से बंगला भी जल्द खाली करवा लिया जाएगा। देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जब यूपीए की सरकार थी, तब राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी को भी सरकारी बंगला आवंटित कर दिया गया था। लेकिन एनडीए की सरकार ने वर्ष 2021 में प्रियंका गांधी से सरकारी बंगला खाली करवा लिया। बंगला इसलिए खाली करवाया गया कि प्रियंका गांधी संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी। नोटिस मिलने के बाद प्रियंका ने सरकारी बंगला खाली कर दिया। अब चूंकि राहुल गांधी भी संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहे है, इसलिए स्वाभाविक तौर पर बंगाल खाली करना पड़ेगा। राहुल गांधी की माताजी श्रीमती सोनिया गांधी के पास दिल्ली में सरकारी बंगला है। श्रीमती गांधी मौजूदा समय में रायबरेली से सांसद हैं। हालांकि सोनिया गांधी को कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाला बंगला आवंटित है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी लोकसभा का चुनाव अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐसे में सोनिया गांधी के पास अभी जो दस जनपथ का बंगला है, उस पर भी लोकसभा चुनाव के बाद तलवार लटक सकती है। राहुल गांधी के प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि हाईकोर्ट से राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगी तो राहुल गांधी अगले आठ वर्ष तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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