इंदौर
काेराेना संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई तो शहर अनलाॅक हो गया। अनलॉक के साथ ही नगर निगम अब एक्शन मोड़ में आ गया और शनिवार को राजेंद्र नगर क्षेत्र के चोइथराम चौराहे से लेकर तेजपुर गड़बड़ी पुलिया तक करीब एक किलोमीटर लंबी सकड़ पर अवैध कब्जा कर दुकान-मकान बनाकर बैठे लोगों को हटाने पहुंचा। कार्रवाई का विरोध शुरू हुआ तो एक पुलिस अधिकारी ने एक युवक पर हाथ छोड़ दिया। हालांकि बाद में उन्होंने इस प्रकार की किसी घटना से इनकार कर दिया। निगम टीम ने यहां करीब 40 अवैध निर्माणों को हटाया। अवैध रूप से बनी इन दुकानों को काफी समय पहले से चेतावनी देकर हटाने को निगम द्वारा कहा जा रहा था।

जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को ढहाया गया।
नगर निगम अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने बताया कि चोइथराम चौराहे से लेकर तेजपुर गड़बड़ी पुलिया तक करीब 40 लोगों ने अवैध रूप से सड़क पर अधिक्रमण कर लिया था। इन लोगों ने सड़क किनारे ही अस्थाई निर्माण कर फर्नीचर की दुकान लगाना शुरू कर दी थी। इसके अलावा भी कुछ अन्य दुकानें सजा ली गई थीं। इन्हें निगम द्वारा लंबे समय से अधिक्रमण हटाने की समझाइश दी जा रही थी। हालांकि ये चेतावनी को दरकिनार कर अतिक्रमण को बढ़ाते ही जा रहे थे। इसे देखते हुए कार्रवाई की गई है।
दुकानदारों ने विरोध किया तो पुलिस अधिकारी को आ गया गुस्सा
सिंह ने बताया कि सुबह राजेद्र नगर थाने के फोर्स के साथ निगम की टीम अधिक्रमण हटाने पहुंची थी। यहां पर करीब साढ़े 300 का बल कार्रवाई करने पहुंचा था। अवैध निर्माण के जेसीबी की मदद से हटाया गया। हालांकि निगम की इस कार्रवाई का दुकानदारों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला। हालांकि दुकानदार मानने को तैयार ही नहीं हो रहे थे। जिसके बाद उन्हें समझाइश देने खुद सीएसपी जयंत राठौर मौके पर पहुंचे, लेकिन दुकानदार उनसे भी बहस करने लगे। इस पर गुस्साए सीएसपी ने एक युवक को चांटा रसीद कर दिया। इसके बाद पुलिस जवानों ने पिता-पुत्र को वहां से डंडा पटकारते हुए भगा दिया।
देखते ही देखते फर्नीचर का ढेर लग गया
निगम की टीम सुबह जेसीबी, बुलडोजर और पोकलोन मशीन और डंपर लेकर पहुंची थी। यहां पर दुकानों पर जब कार्रवाई शुरू हुई तो देखते ही देखते टीम टप्पर के साथ दुकान निर्माण में लगी अन्य सामग्री का ढेर लग गया। इतना ही नहीं दुकानों से निकला फर्नीचर भी काफी मात्रा में यहां जमा हो गया। हालांकि टीम ने इस बात का ध्यान रखा कि कार्रवाई के दौरान उनके द्वारा तैयार फर्नीचर को नुकसान नहीं पहुंचे।

देखते ही देखते सामान का ढेर लग गया।
व्यापारी बोले – अभी मुश्किल समय, कार्रवाई नहीं करें
निगम की कार्रवाई का विरोध कर रहे व्यापारियों का कहना था कि कोरोना के कारण वैसे भी अभी मुश्किल समय चल रहा है। ऐसे में यदि यह कार्रवाई हुई तो हम सड़क पर आ जाएंगे। हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। निगमकर्मियों के तेवर को समझते हुए कुछ दुकानदार तो खुद ही अपना सामान हटाने लगे थे। वहीं, जिम्मेदारों का कहना था कि यह कार्रवाई कोई तत्काल नहीं की जा रही है। लंबे समय से आप सभी को यहां से सामान समेटने का कहा जा रहा था। निगम की टीम ने इनकी एक नहीं सुनी और कार्रवाई को अंजाम दिया।