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बांके बिहारी मंदिर हादसे के शिकार हुए श्रद्धालुओं के आंसू रुक नहीं रहे हैं

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वृंदावन में मंगला आरती के दौरान हादसे के शिकार हुए श्रद्धालुओं के आंसू रुक नहीं रहे हैं। जान बचने पर बारंबार बांकेबिहारी को प्रणाम कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रभु की कृपा से ही उनकी जान बची, अन्यथा वह तो मौत निश्चित मान चुके थे। दम घोंटू माहौल के वह 30 मिनट लोग कभी नहीं भूल सकते जो उस समय वहां मौजूद थे। अचानक गेट नंबर-1 पर एक व्यक्ति की तबियत बिगड़ने के बाद अफरा तफरी का जो माहौल बना तो हर कोई जान बचाने की जुगत लगाने लगा था।

फरीदाबाद की सुभाष कॉलोनी से बांकेबिहारी के दर्शन को आईं मनीता पत्नी नेत्रपाल ने बताया कि उन्हें मंगला आरती के बारे में पता चला तो वह वृंदावन में रुक गए। उन्हें नहीं पता था कि मंगला आरती में इतनी भीड़ होगी। वह और उनके पति एवं पड़ोसी भीड़ में बुरी तरह से फंस गए। वह जैसे ही नीचे हुईं भीड़ में दब गईं। पति ने जब उन्हें गिरते देखा तो पुलिस के सहयोग से बाहर निकाला और फिर अस्पताल में भर्ती कराया। घटना से सिहरे नेत्रपाल ने कहा कि एक बार वह भी घबरा गए थे कि भीड़ से बचकर कैसे बाहर निकलेंगे।

वहीं, देहरादून से मंगला आरती दर्शन की लालसा से आईं शीतल पुत्री लक्ष्मण सिंह तो 24 घंटे बाद भी घटना के बारे में सोचकर कंपकपा रही थीं। उन्होंने गेट नंबर तीन से मंदिर में प्रवेश किया था। वह जब सीढ़ियों से मुख्य प्रांगण में उतर रही थीं, तभी पीछे से भीड़ का रेला आया। दबाव से दम घुटने लगा और बेसुध होकर वह काफी आगे जाकर गिरीं। उठने की कोशिश के दौरान किसी ने उनके चेहरे पर तो किसी ने उनके पेट पर पैर रखकर उन्हें बुरी तरह से रौंद दिया। पास खड़े एक व्यक्ति ने पुलिस के सहयोग से उन्हें उठाया और मंदिर से बाहर लाकर गलियों से होते हुए ऑटो से अस्पताल पहुंचाया। आरके मिशन अस्पताल में भर्ती रुकमणि विहार निवासी सरोज तो घटना को बयां करते करते रोष में भर उठती हैं। वह कहती हैं कि मंदिर में भीड़ नियंत्रित करने के कोई इंतजाम नहीं थे। लगातार भीड़ का दवाब बढ़ रहा था।

पहली बार वृंदावन गई महिला का घर लौटा शव
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार रात मची भगदड़ में नोएडा की महिला की मौत हो गई। म्महिला अपने बेटे और बहू के साथ पहली बार वृंदावन गई थी। शनिवार सुबह 48 वर्षीय निर्मला देवी का शव नोएडा लाया गया।

निर्मला देवी परिवार के साथ सेक्टर 99 स्थित ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में रहती थी। उनके 31 साल के बेटे अमन ने बताया कि रात 155 बजे मंगला आरती के दौरान अचानक भगदड़ मच गई। उन्होंने अपनी मां का हाथ थाम रखा था, लेकिन भगदड़ उनका हाथ छूट गया। वहीं पत्नी फर्श पर गिर गई।

अमन ने बताया कि वहां बहुत भयानक मंजर था। लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भाग रहे थे। वे भीड़ के धक्के में बाहर निकले लेकिन मां नहीं दिखी। पत्नी से वे फोन पर संपर्क में थे। मशक्कत के बाद एक हलवाई को बताए गए हुलिए से उन्हें पता लगा कि दो महिलाओं को सरकारी अस्पताल ले गए हैं। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मां की मृत्यु हो गई है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए व दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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