इंदौर। रविवार शाम लाभ मंडपम में संस्था स्वर वेणु गुरुकुल द्वारा आयोजित गरिमामय समारोह में देश के जाने-माने बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया को शास्त्रीय संगीत में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए ‘स्वर वेणु लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन थी। अध्यक्षता पर्यटन-संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने की।संगीतकार इस्माइल दरबार, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत व कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र,सहारा समय के एडिटर इन चीफ उपेंद्र रॉय विशेष अतिथि थे। सभी अतिथियों ने शॉल- श्रीफल, स्मृति चिन्ह, मानपत्र और तीन लाख रुपए की राशि भेंट कर पं. चौरसिया को सम्मानित किया। इस अवसर पर सिने तारिका व शास्त्रीय नृत्यांगना हेमा मालिनी और शास्त्रीय गायिका परवीन सुलताना को भी ‘स्वर हरि सम्मान’ से नवाजा गया। अभिनेत्री, नृत्यांगना और सांसद हेमामालिनी को सम्मान स्वरूप दो लाख और शास्त्रीय गायिका परवीन सुलाताना को डेढ़ लाख की राशि शॉल- श्रीफल, स्मृति चिन्ह व मानपत्र के साथ भेंट की गई।
इंदौर के गुरुकुल से निकलें अच्छे कलाकार
अपने सम्मान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए पं. हरिप्रसाद चौरसिया ने कहा कि इंदौर जैसे सुधिजन उन्होंने कहीं और नहीं देखें। यहां सम्मान पाकर वे अभिभूत हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इंदौर में स्थापित स्वरवेणु गुरुकुल के जरिए युवाओं को बांसुरी सीखने का मौका मिलेगा और कई अच्छे कलाकार यहां से निकलेंगे।
शास्त्रीय संगीत की विरासत को घर- घर पहुंचाना है
बेगम परवीन सुलताना ने कहा कि पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया के नाम से स्थापित स्वर हरि सम्मान उन्हीं के हाथों पाकर वे गौरव महसूस कर रहीं हैं। अवार्ड तो बहुत मिलते हैं पर ये अवार्ड उनके दिल के करीब हैं। बेगम सुलताना ने कहा कि शास्त्रीय संगीत की विरासत को घर- घर पहुंचाना, नई पीढ़ी को उससे अवगत कराना जरूरी है। उन्हें भरोसा है स्वरवेणु गुरुकुल इस काम को बखूबी अंजाम देगा।
दिग्गज कलाकारों का एक मंच पर होना दुर्लभ प्रसंग
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया, बेगम परवीन सुलताना और हेमामालिनी जैसे दिग्गज कलाकारों का एक मंच पर एक साथ आना दुर्लभ प्रसंग है। सुमित्रा ताई ने कहा कि इन कलाकारों को सम्मानित कर हम खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार संस्कृति और आध्यात्म को बढ़ावा देने हेतु कटिबद्ध
मप्र की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया को धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपने गुरुकुल के लिए मप्र के शहर इंदौर को चुना। मंत्री ठाकुर ने कहा कि संस्कृति, आध्यात्म और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उनका मंत्रालय कटिबद्ध है। उन्होंने आजादी के 75 वे वर्ष में घर- घर में क्रांतिकारियों के चित्र लगाने का आह्वान भी उपस्थित लोगों से किया।
पण्डित हरिप्रसादजी को मिले भारतरत्न
उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी मप्र के निदेशक जयंत भिसे ने कहा कि पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया ने पूरे विश्व में अपने बांसुरी वादन के जरिए भारत का मान बढ़ाया है। वे सही मायने में भारतरत्न के हकदार हैं।
इतिहास का मूल्यांकन कला, साहित्य, संस्कृति से होता है
इंदौर के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा किसी भी देश- प्रदेश, शहर का मूल्यांकन उसके कला, साहित्य और संस्कृति से होता है। मालवा की अपनी सांस्कृतिक परंपरा रही है, जो आज भी प्रवाहमान है। उन्होनें पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया, बेगम परवीन सुलताना और हेमामालिनी का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्हें अपने बीच पाकर हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
अभिनेत्री, नृत्यांगना और सांसद हेमामालिनी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया के जीवन पर आधारित लघुफिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।
पेश किया बांसुरी वादन।
संस्था स्वर वेणु के संचालक पण्डित संतोष सन्त ने पण्डित हरिप्रसादजी के सम्मान में सुरीला बांसुरी वादन पेश किया।उनके साथ पखावज पर पण्डित भवानी शंकर, तबले पर पण्डित सत्यजीत तलवलकर और अमित राय व चिंटू सिंह ने गिटार पर संगत करते हुए पण्डितजी को संगीत श्रद्धा पेश की।
कार्यक्रम के आयोजन में सहभागी संस्था अभिनव कला समाज की ओर से भी अतिथि कलाकारों का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।संस्था सानंद, स्टूडियो आलाप और सारेगामा म्यूजिक कॉलेज ने भी आयोजन में सहभागी थे। अतिथियों का स्वागत पं. संतोष सन्त,प्रवीण कुमार खारीवाल,डॉ. पूर्वी निमगावँकर,अभिषेक गावड़े,आसिफ़ शाह, संजीव गवते,आकाश चौकसे,चंद्रशेखर-डॉ. ममता रायकवार,विजय पारिख,अवधेश दवे,कमल कस्तूरी आदि ने किया। संचालन कमल शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया से सीधा संवाद किया गया। कार्यक्रम में शहर के तमाम प्रबुद्धजन, कलाकार और संगीत प्रेमी बड़ी तादाद में मौजूद रहे।