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गोधरा दंगों से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे… मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर को बताया?

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“27 फरवरी 2002 विधानसभा में मेरा बजट सत्र था, हम सदन में बैठे थे और उसी दिन विधायक बने हमें तीन दिन हुए थे कि गोधरा की घटना हो गई. यह भयंकर घटना थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया था. कंधार विमान से शुरू होकर कई बड़ी घटनाओं की पृष्ठभूमि और उसमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों का मर जाना, जिंदा जला देना. आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कैसे होगी?उन्होंने कहा कि जो ये कहते हैं कि बहुत बड़ा दंगा था तो यह भ्रम फैलाया गया है.पीएम मोदी ने कहा, “अगर 2002 से पहले का डेटा देखें तो पता चलता है कि गुजरात में कितने दंगे होते थे? पतंग के चक्कर में सांप्रदायिक हिंसा हो जाती थी. साइकिल टकराने पर सांप्रदायिक हिंसा हो जाती थी. 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे. 1969 में जो दंगे हुए थे वह छह महीने तक चले थे. इतनी बड़ी घटना स्पार्किंग प्वाइंट बन गई और कुछ लोगों की हिंसा हो गई.”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के यूट्यूब चैनल पर एक पॉडकास्ट के लिए इंटरव्यू दिया है.तीन घंटे 17 मिनट के इस पॉडकास्ट में मोदी ने अपनी ज़िंदगी के अलावा, आरएसएस और हिंदू राष्ट्र, महात्मा गांधी सहित कई और मुद्दों पर अपनी राय दी है.उन्होंने गुजरात दंगों पर भी विस्तार से बात की. इसके अलावा चीन, पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों को लेकर भी चर्चा की है.उधर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी के इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जो व्यक्ति प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया का सामना करने से डरता है, उसने एक ‘दक्षिणपंथी विचारधारा वाले विदेशी पॉडकास्टर से बात की है.’

एक्स पर पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा, “और वह यह कहने की हिम्मत रखता है कि ‘आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है’ जबकि उसने अपनी सरकार को जवाबदेह ठहराने वाली हर संस्था को व्यवस्थित रूप से खत्म कर दिया है. और आलोचकों पर इस तरह से हमला किया है, जिसकी तुलना हाल के इतिहास में किसी से नहीं की जा सकती.”

आतंकवाद कहीं भी हो, सूत्र पाकिस्तान में’

अमेरिका में 9/11 हमले का दृश्य
इमेज कैप्शन,अमेरिका में 9/11 हमले का दृश्य

पड़ोसी पाकिस्तान के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया में कहीं भी आंतकवाद की घटना घटती है. सूत्र कहीं न कहीं पाकिस्तान जाकर अटकते हैं.”

उन्होंने कहा, “अमेरिका में 9/11 की इतनी बड़ी घटना घटी. उसका मेन सूत्रधार ओसामा बिन लादेन आखिर में कहां से मिला? पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पाकिस्तान सिर्फ भारत के लिए नहीं दुनियाभर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है. हम लगातार उसको कहते रहे हैं कि इस रास्ते से किसका भला होगा. आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए. स्टेट स्पॉन्सर्ड आतंकवाद बंद होना चाहिए.”

फ्रीडमैन के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, “शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर चला गया था. प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को खास तौर से आमंत्रित किया था ताकि एक शुभ शुरुआत हो. हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. हम आशा करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिले.”

गोधरा और उसके बाद हुए दंगों पर क्या बोले पीएम मोदी?

इमेज कैप्शन,साबरमती ट्रेन की वह कोच जिसमें आग से जलकर लोग मर गए थे.

इंटरव्यू के दौरान फ़्रीडमेन ने पीएम मोदी से साल 2002 में गुजरात में दंगों के बारे में भी सवाल पूछा.इस मामलें पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,”मैं उससे पहले की तस्वीर आपको बताना चाहूंगा. 24 दिसंबर 1999 विमान हाईजैक कर कंधार ले जाया गया. 2000 में दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमला हुआ.””11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टावर्स पर आतंकी हमला हुआ. अक्टूबर 2001 में, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आतंकी हमला हुआ. 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला हुआ.”

पीएम मोदी ने कहा, “उस समय आठ से दस महीनों के बीच की घटनाएं देखिए. ऐसे में मुझे मुख्यमंत्री का दायित्व मिला. उससे पहले शताब्दी का सबसे बड़ा भूकंप आया था. मैं शपथ लेने के साथ ही इस काम में जुट गया.”

उन्होंने ने कहा, “27 फरवरी 2002 विधानसभा में मेरा बजट सत्र था, हम सदन में बैठे थे और उसी दिन विधायक बने हमें तीन दिन हुए थे कि गोधरा की घटना हो गई. यह भयंकर घटना थी. लोगों को जिंदा जला दिया गया था. कंधार विमान से शुरू होकर कई बड़ी घटनाओं की पृष्ठभूमि और उसमें इतनी बड़ी संख्या में लोगों का मर जाना, जिंदा जला देना. आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कैसे होगी?उन्होंने कहा कि जो ये कहते हैं कि बहुत बड़ा दंगा था तो यह भ्रम फैलाया गया है.

पीएम मोदी ने कहा, “अगर 2002 से पहले का डेटा देखें तो पता चलता है कि गुजरात में कितने दंगे होते थे? पतंग के चक्कर में सांप्रदायिक हिंसा हो जाती थी. साइकिल टकराने पर सांप्रदायिक हिंसा हो जाती थी. 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे. 1969 में जो दंगे हुए थे वह छह महीने तक चले थे. इतनी बड़ी घटना स्पार्किंग प्वाइंट बन गई और कुछ लोगों की हिंसा हो गई.”

‘युद्ध नहीं शांति के पक्ष में हूं’

,मोदी ने कहा कि जंग बातचीत से ही ख़त्म हो सकती है.

अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहा, “हमारा बैकग्राउंड इतना मज़बूत है कि जब भी हम शांति के लिए बात करते हैं, तो विश्व हमें सुनता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है.”

रूस-यूक्रेन को लेकर उन्होंने कहा, “मेरे रूस और यूक्रेन दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन के सामने यह कह सकता हूं कि ये युद्ध का समय नहीं है. और एक मित्र भाव से ज़ेलेंस्की को भी कहता हूं कि दुनिया कितनी भी आपके साथ खड़ी क्यों न हो जाए रणभूमि में कभी भी परिणाम नहीं निकलने वाला है.”

पीएम मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि युद्ध का परिणाम टेबल पर ही निकलने वाला है और ये तभी निकलेगा जब उस टेबल पर रूस और यूक्रेन दोनों मौजूद होंगे.प्रधानमंत्री ने कहा, “पूरी दुनिया यूक्रेन के साथ बैठकर कितनी भी बातचीत कर ले, दोनों पक्ष का होना ज़रूरी है. मैं हमेशा कहता हूं कि मैं शांति के पक्ष में हूं.”

आरएसएस और महात्मा गांधी पर क्या बोले पीएम मोदी

,संघ के एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी

इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने आरएसएस के बारे में विस्तार से बात की.उन्होंने कहा, “संघ एक बड़ा संगठन है. उसके 100 साल पूरे हो रहे हैं. दुनिया में इतना बड़ा स्वयंसेवी संगठन कहीं होगा? करोड़ों लोग उसके साथ जुड़े हुए हैं. संघ को समझना इतना सरल नहीं है. संघ के काम को समझना चाहिए. संघ जीवन के उद्देश्य को दिशा देता है.”

पीएम मोदी ने कहा, “संघ के कुछ स्वयंसेवक जंगलों में वनवासी कल्याण आश्रम चलाते हैं. आदिवासियों के बीच वह एकल विद्यालय चला रहे हैं. अमरीका में कुछ लोग हैं जो इन्हें 10 से 15 डॉलर का दान देते हैं. ऐसे 70 हजार विद्यालय चल रहे हैं. इसी तरह से शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती नाम का संगठन खड़ा किया गया. देश में उनके करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं.”

पीएम मोदी ने भारतीय मज़दूर संघ की भी चर्चा की.उन्होंने कहा कि ‘वामपंथी मजदूर संघ कहते हैं, दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ. आरएसएस की शाखा से निकले लोग जो मजदूर संघ चलाते हैं वह कहते हैं,’मजदूरों, दुनिया को एक करो’. दो शब्दों में ही बदलाव है लेकिन वैचारिक बदलाव बड़ा है. संघ के सेवा भाव ने मुझे गढ़ने में मदद की है.”पीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताया कि महात्मा गांधी का प्रभाव आज भी किसी न किसी रूप भारतीय जीवन पर दिखता है.

उन्होंने कहा, “आजादी की बात करें तो यहां लाखों वीरों ने बलिदान किया.जवानी जेलों में खपा दी. ये आते थे और देश के लिए शहीद हो जाते थे. परंपरा बनी रही और उसने एक वातावरण भी बनाया लेकिन गांधी ने जन आंदोलन खड़ा किया. उन्होंने हर काम को आजादी के रंग से रंग दिया. अंग्रेजों को कभी अंदाजा भी नहीं था दांडी यात्रा एक बहुत बड़ी क्रांति खड़ा कर देगी.”

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सामूहिकता का भाव जो जगाया और जनशक्ति के सामर्थ्य को पहचाना. मेरे लिए आज भी वह उतना ही महत्वपूर्ण है. मैं जो भी काम करता हूं. मेरी कोशिश रहती है कि जनसामान्य को जोड़ करके करूं.

‘आँख में आँख डालकर बात’

,कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमीद अल थानी का स्वागत करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि जब 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो लोग कह रहे थे कि ‘उसने एक राज्य चलाया है और उसको विदेश नीति क्या समझ में आएगी.’

पीएम मोदी ने कहा, “तब मैंने कहा कि भाई एक इंटरव्यू में पूरी विदेश नीति तो समझा नहीं सकता हूं लेकिन मैं आपको इतना कहता हूं कि हिंदुस्तान न आंख झुकाकर बात करेगा, न आंख उठाकर बात करेगा लेकिन अब हिंदुस्तान आंख में आंख मिलाकर बात करेगा. आज भी मैं उस विचार को लेकर चलता हूं.”उन्होंने कहा, “मेरे लिए मेरा देश प्रथम है लेकिन किसी को नीचा दिखाना, बुरा भला कहना, ये न मेरे संस्कृति के संस्कार हैं और ही मेरी सांस्कृतिक परंपरा है. “

डोनाल्ड ट्रंप पर क्या बोले मोदी?

हाउडी मोदी कार्यक्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ह्यूस्टन के स्‍टेडियम में हाउडी मोदी का कार्यक्रम का भी ज़िक्र किया.उन्होंने कि भाषण के बाद जब ट्रंप से पूछा कि क्या स्टेडियम का चक्कर लगाएं तो वे तुरंत तैयार हो गए.

मोदी ने कहा, “अमेरिका का सुरक्षा तंत्र बेचैन हो गया.आप जानते ही हैं कि सुरक्षा कितनी कड़ी होती है. कितनी जांच होती है. मेरे लिए यह बात दिल को छू गई कि इस व्यक्ति में हिम्मत है. वह फैसले खुद लेते हैं और दूसरा उनको मोदी पर भरोसा है कि मोदी उनको ले जा रहा है तो चलिए चलते हैं.”पीएम मोदी ने कहा ट्रंप ने उन्हें सारा प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सारा भवन दिखाया.

मोदी ने कहा, “वे अमेरिका फर्स्ट वाले हैं और मैं भारत फर्स्ट वाला हूं. हमारी जोड़ी बराबर जम जाती है.”

चीन के साथ संबंधों पर क्या बोले मोदी?

पीएम मोदी ने चीन के साथ संबंधों के बारे में पूछे सवालों के भी जवाब दिए.उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने रिश्तें है और एक ज़माने में दुनिया के जीडीपी में आधा हिस्सा भारत और चीन का हुआ करता था.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष का कोई इतिहास नहीं रहा है.पीएम मोदी ने कहा, “बुद्ध का प्रभाव तो किसी समय चीन में काफी था. यहीं से ही वह विचार गया था.”

पीएम मोदी ने कहा, “इन संंबंधो को ऐसे ही मजबूत और जारी रहना चाहिए. दो पड़ोसी देश होते हैं तो कुछ न कुछ होता है. कभी कभार असहमति भी स्वाभाविक है.यह परिवार में भी रहता है लेकिन हमारी कोशिश है कि हमारे मतभेद विवाद में न बदलें.”गलवान की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, “2020 में सीमा पर जो घटनाएं घटी उसके कारण हमारे बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई.अभी राष्ट्रपति शी के साथ मेरा मिलना हुआ, उसके बाद सीमा पर जो स्थिति थी वो सामान्य स्थिति में आ चुकी है.”

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