नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट किसी वक्त जारी हो सकती है। पहली लिस्ट में 100 से अधिक उम्मीदवारों के नाम होंगे और इसमें कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट के अंतिम नाम तक पहुंचने के लिए पार्टी की ओर से इस बार कई नए प्रयोग किए गए हैं। लिस्ट को लेकर बीजेपी की ओर से 2 साल पहले से होमवर्क शुरू किया गया था। बुधवार देर रात तक चली बैठक में अंतिम नाम पर मुहर लगाने से पहले उन सभी बातों पर भी गौर किया जिसकी तैयारी पार्टी ने लंबे वक्त से की थी। इस बार बीजेपी अपने कई मौजूदा सांसदों का टिकट काट सकती है। बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। इस मीटिंग में कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
पिछले दो वर्षों में बीजेपी ने लगातार अपने सांसदों के कामकाज का फीडबैक लिया है। उनके संसदीय क्षेत्र में जनता उनके बारे में क्या सोचती है इसको लेकर भी लोगों से राय ली गई है। माना जा रहा है कि पार्टी और संघ की राय के अलावा हर एक संसदीय सीट पर बीजेपी ने सर्वे के लिए प्राइवेट एजेंसियों का भी सहारा लिया है। कुछ समय पहले कई केंद्रीय मंत्रियों को भी अलग-अलग संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी और रिपोर्ट पार्टी को देने के लिए कहा गया था। जनता अपने संसदीय क्षेत्र में किसे उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहती है उनकी राय को भी इस पूरी प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही ग्राउंड लेवल पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए पार्टी ने टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया है। नमो ऐप के जरिए जनता को मौजूदा सांसदों के प्रदर्शन पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफार्म दिया गया। पारंपरिक तरीकों से हटकर भाजपा ने तीन सबसे लोकप्रिय नेताओं के बारे में पूछताछ करके जमीनी स्तर पर लोगों की राय मांगी। पार्टी आलाकमान की ओर से इस बार यह सख्त हिदायत थी कि यह सुनिश्चित किया जाए किए उम्मीदवार स्थानीय आबादी की भावनाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हो।
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया कि खराब प्रदर्शन वाले सांसदों के टिकट बिना किसी हिचकिचाहट के काटे जाएंगे। नए चेहरों के लिए रास्ता बनाने के लिए कम से कम 60-70 मौजूदा सांसदों को टिकट काटे जा सकते हैं। पार्टी ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आने वाले उसके कई सांसदों के दोबारा चुनाव लड़ने की उम्मीद है जिनका प्रदर्शन बेहतर रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सफलता में 85 ओबीसी सांसदों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
भूपेन्द्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मांडविया सहित कई ऐसे केंद्रीय मंत्रियों को आम चुनाव में मैदान में उतारे जाने की संभावना है जिन्हें पार्टी ने संसद के उच्च सदन के लिए हाल में हुए द्विवार्षिक चुनावों के दौरान दोबारा राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाया। बीजेपी इस बार खेल और बॉलीवुड सेलिब्रिटी को भी चुनावी मैदान में उतार सकती है। बीजेपी की ओर से हर एक संसदीय सीट के लिए नाम फाइनल करने से पहले काफी विचार विमर्श किया गया है।