अग्नि आलोक

जाते-जाते मिसाल बन गया एमपी का ये लाफ्टर किंग

Share

*सबको हंसाने वाले वीर जी नहीं रहे , हंसाते हंसाते आया हार्ट अटेक,एसे गीरे कि फिर उठ ही नहीं पाए*

*इंदौर के हास्य क्लबो से जुड़े हुए रिटायर्ड फौजी और सतत सक्रिय श्री बलवीर सिंह जी छाबड़ा उर्फ वीर जी का आज एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देते हुए निधन हो गया। वे फूटी कोठी  परिसर में आस्था योग केंद्र और आरोग्य भारती द्वारा आयोजित नियमित योग कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीतों के साथ अपनी प्रस्तुति दे रहे थे । इसी दौरान अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया और वह मंच पर ही गिर पड़े। तत्काल उन्हे अस्पताल ले जाया गया,जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।*

 हमेशा एक्शन में रहने वाले वीर जी जब मंच पर गिरे तो आयोजक और योग में शामिल प्रशिक्षक समझे कि शायद यह उनकी एक क्रिया है ।चंद मिनट तक जब भी नहीं उठे तो फिर लोगों ने संभाला और उन्हें तत्काल  अस्पताल ले गए लेकिन वहां डॉक्टरों ने उनका परीक्षण कर उन्हें मृत घोषित कर दिया । बालाजी सेवा संस्थान और हास्य क्लब इंदौर के सभी कार्यक्रमों में सक्रिय रहते हुए सतत रूप से हिस्सेदारी करते थे और हर कार्यक्रम में मौजूद भागीदारों को अपने राष्ट्रीय गीतों और हास्य प्रस्तुतियों से हंसने को मजबूर करते थे। उनके निधन के समाचार से हास्य योग से जुड़े सभी लोगों को अत्यंत दुख पहुंचा है। बालाजी सेवा संस्थान के अध्यक्ष रामबाबू अग्रवाल रामस्वरूप मंत्री , नंदकिशोर अग्रवाल, राजेश अग्रवाल रवि चौधरी मोहनलाल जी चौधरी सुंदरलाल मां की जा संजय गोयल शिवकुमार जी गुप्ता मुकेश राजधानी शरद जी गोयल आदि ने वीर जी के आकाश में निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है तथा कहां है कि यह इंदौर के हास्य जगत और सार्वजनिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति है।

फूटी कोठी में अग्रसेन धाम पर आस्था योग क्रांति अभियान द्वारा आयोजित निशुल्क योग शिविर के दौरान देश भक्ति गीत पर प्रस्तुति देते समय 73 वर्षीय बलवीर सिंह छाबड़ा का हार्ट अटैक से निधन हो गया। गाने के अंत में वे अचानक लडखड़़ाए व जमीन पर सीधे लेट गए। इस दौरान स्पीकर पर गाना बज रहा था व लोग देशभक्ति गीत व तालियां बजा रहे थे। हर किसी को यह लगा कि वे शहीद होने की एक्टिंग कर रहे हैं। थोड़ी देर बाद भी उनके नहीं उठने पर साथियों ने पास जाकर देखा तो अचेत नजर आए। मौके पर सीपीआर दिया गया जिससे होश भी आया। लेकिन अस्पताल ले जाने के बाद वहां उनकी मौत हो गई। परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुसार नेत्रदान व त्वचा दान किया।

पुत्र जगजीत सिंह ने बताया कार्यक्रम के दौरान अटैक आने पर पिता के दोस्त अरिहंत अस्पताल लेकर गए जहां मृत घोषित किया गया। पिता बिजनेसमैन व समाजसेवी रहे हैं। हमेशा देशभक्ति गीतों पर कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति भी दे चुके हैं। इसलिए सभी उन्हें फौजी के नाम से भी बुलाते थे।

युवा अवस्था में सेना में जाने का था जज्बा

बेटे जगजीत सिंह ने बताया पिता युवा अवस्था से ही देश सेवा को लेकर प्रेरित रहते थे। उन्होंने सेना में भर्ती के लिए प्रयास भी किए। इसके बाद वे बिजनेसमैन व समाजसेवा करने लगे। फौजी की ड्रेस में हर राष्ट्रीय त्योहार या अन्य संस्थानों के कार्यक्रमों में प्रस्तुति देते थे।


इंदौर के थे लाफ्टर किंग

समाजसेवी मदन परमालिया ने बताया बलवीर सिंह को वीरजी के नाम से शहर में हर संस्था के लोग पुकारते थे। तिरंगे को साथ लेकर 15 अगस्त, 26 जनवरी पर शहर के चौराहों पर देश भक्ति का जज्बा जगाते थे। इसके साथ ही हंसी का लाफ्टर भी कहा जाता था। देशभक्ति गीत पर अपनी प्रस्तुति देते हुए झंडे को संभालते-संभालते खुद को ना संभाल पाए और मंच पर ही अपने प्राणों को त्याग दिया। रीजनल पार्क मुक्ति धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया व गुरु ग्रंथ साहब की चौपाइयों का वाचन हुआ। उन्हें अनेक संस्थानों ने सम्मानित किया था व नेताजी सुभाष मंच द्वारा नेताजी सुभाष अलंकरण 23 जनवरी 2024 को प्रदान किया गया था।

बेटे जगजीत सिंह ने बताया पिता रोजाना सुबह 5 बजे उठ जाते थे। इसके बाद वॉकिंग करते व साइकलिंग भी करते थे। रोजाना लगभग 5 से 7 किलोमीटर साइकिल चलाते थे। जिस दिन किसी योग शिविर में या लाफ्टर शो में जाना होता था उसे दिन वह बाइक से कार्यक्रम में पहुंचते थे। और वहीं पर व्यायाम के रूप में परफॉर्म भी करते थे। उनका भोजन भी संतुलित रहता था। पिछले लगभग एक सप्ताह से अधिक गर्मी होने के कारण वह सुबह टहलने नहीं जा रहे थे स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक था। आज सुबह घर से निकलने से पहले नाश्ता किया और कार्यक्रम में पहुंचे थे। किसी प्रकार की कोई तकलीफ का जिक्र नहीं किया था।

40 बाद नियमित चेकअप जरूरी

हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए 40 वर्ष से अधिक उम्र होने पर नियमित चेकअप जरूरी है। अगर उम्र अधिक है तो व्यक्ति को अधिक व्यायाम या कार्य करने से बचना चाहिए। नियमित दिनचर्या में थोड़ी सी भी तकलीफ नजर आए तो जांच कराएं। ऐसे मामलों में सीपीआर भी बहुत महत्व रखती है। शुरुआत के दो मिनट व्यक्ति के लिए बहुत अहम होते हैं।

-डॉ. भारत रावत, कार्डियोलॉजिस्ट

Exit mobile version