उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में करवा चौथ माता का मंदिर है। जीवनखेड़ी के समीप शिप्रा नदी के किनारे ये करवा चौथ माता का मंदिर वर्ष में एक ही दिन खुलता है। करवा चौथ के दिन माता के दर्शन होते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 20 अक्टूबर को सुबह 8 बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
मुख्य अतिथि स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज चारधाम मंदिर पीठाधीश्वर होंगे। इस दिन यहां दर्शन के लिए आने वाली सुहागिन महिलाओं को नि:शुल्क रूप से मां कामाख्या का सिंदूर कपड़ा एवं नेपाल से लेकर आए रुद्राक्ष प्रसाद के रूप में भेंट किए जाएंगे।
दर्शन व कथा सुनने आती है महिलाएं
इस मंदिर का निर्माण समाजसेवी डॉ. केसी नागवंशी और उनकी पत्नी उषा द्वारा करवाया गया। अन्य अतिथियों में साध्वी मीरा दीदी, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती रहेंगे। मंदिर में करवा चौथ माता के अलावा संतोषी माता, शुभ-लाभ आदि की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। करवा चौथ पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं यहां दर्शन व कथा सुनने आती हैं। मंदिर में चौथ माता के अलावा सास-बहू व बहन-भाई मंदिर भी है।
12 महीने बंद रहता है मंदिर
निजी जमीन पर मां की याद में यह मंदिर वर्ष 2000 में बनाया था। मंदिर के भीतर ही सास-बहू यानी पार्वती और ऋद्धि-सिद्धि की प्रतिमा तथा भाई-बहन यानी लाभ-शुभ और संतोषी माता की प्रतिमा है। यहां के गांव वालों का कहना है कि मंदिर में 12 महीने चौथ माता विश्राम करती है। इसलिए मंदिर में चौथ माता के दर्शन बंद रहते हैं। करवा चौथ के दिन यह मंदिर खोला जाता है। जिसमें दूर-दूर की महिला दर्शन करने आती है. और अपने सुहाग की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है।