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पाथ किनारे बेंच पर बैठ चटकारे लेने वालों को देख तीन दोस्तों को आया बिजनेस आइडिया, अब 3 लाख महीना कमा रहे

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सूरत

सड़क के किनारे, पार्कों में बैठे लोग स्ट्रीट फूड खाकर चटकारे ले रहे हों और उससे किसी को बिजनेस का आइडिया कौंध जाए। सूरत शहर के तीन दोस्तों के साथ ऐसा ही हुआ। इन तीनों के दिमाग में आया कि क्यों न ऐसे लोगों को सिर्फ एक ऑर्डर पर उस जगह अलग-अलग वैरायटी का खाना पहुंचाया जाए। लिहाजा, इन नौजवानों ने ‘बड़ा बक्सा’ नाम से अपना स्टार्ट अप शुरू किया। आइडिया क्लिक कर गया और आज उनका ‘बड़ा बक्सा’ महीने में तीन लाख रुपए की कमाई कर रहा है।

फुटपाथ किनारे लगी बेंच पर बैठकर लोगों को खाते देख आया आइडिया

होटल मैनेजमेंट में मास्टर्स की पढ़ाई कर चुके नवसारी गांव के रहने वाले आकाश और शिवम कहते हैं, ‘बड़ा बक्सा का आइडिया फुटपाथ किनारे लगी बेंच पर बैठकर खाते लोगों को देखकर आया।’ दोनों दोस्त बताते हैं, ‘सूरत शहर में सड़क किनारे लगी बेंच, फुटपाथ, पार्कों में बैठकर कुछ खाने की अच्छी-खासी परंपरा है। कई बार लोग घर या कहीं से खाना पैक कराकर लाते हैं और फिर अपनी पसंदीदा जगह बैठकर खाते हैं। ‘बड़ा बक्सा’ भी उन्हीं के लिए है, जिन्हें घर से बाहर खाना खाने में मजा आता है, लेकिन वे रेस्टोरेंट या स्ट्रीट फूड की किचकिच से बचना चाहते हैं।’ ‘बड़ा बक्सा’ के दूसरे फाउंडर आकाश बताते हैं कि अपने साथ हमने सूरत शहर में काफी दिनों से रहने वाले अपने एक दोस्त विश्वास को भी जोड़ा और फिर ‘बड़ा बक्सा’ का काम सरपट चल पड़ा।

बॉक्स में डिस्पोजेबल ग्लास से लेकर माउथवॉश तक की व्यवस्था

स्टार्ट अप को ‘बड़ा बक्सा’ नाम देने की वजह भी काफी दिलचस्प है। आकाश बताते हैं कि वीकेंड पर आमतौर पर लोग बाहर ग्रुप में खाना खाते हैं, हमने खाने के पैकेट का साइज ऐसा रखा कि आराम से चार लोग खाना खा सकें। बाहर खाना खाते समय प्लेट्स वगैरह की भी दिक्कत आती है। इसके लिए बॉक्स में डिस्पोजेबल ग्लास-प्लेट, चम्मच, पानी की बोतल, टिश्यू पेपर और माउथवॉश तक की भी व्यवस्था रहती है। ताकि पार्क या सैर-सपाटे की किसी जगह पर लोगों को कोई दिक्कत न हो।

तीन दोस्तों ने मिलकर कारोबार शुरू किया था। आज इनकी टीम में 20 लोग काम करते हैं।

7 से 8 वैरायटी का खाना

स्टार्टअप की फूड वैरायटी के बारे में आकाश गांधी बताते हैं, ‘बड़ा बॉक्स 7 से 8 अलग-अलग ऑप्शंस देता है। इनमें साउथ इंडियन, पंजाबी, चाइनीज, इटैलियन, मैक्सिकन फूड शामिल हैं। बड़ा बक्सा का मुख्य फोकस बाहर खाने का लुत्फ उठाने वाले लोग हैं, लेकिन अब बर्थडे-फैमिली पार्टी या किटी पार्टी के लिए भी ऑर्डर लिए जाने लगे हैं।’

शिवम बताते हैं कि ‘बड़ा बक्सा’ में हम सबसे ज्यादा ध्यान खाने की क्वालिटी पर देते हैं। इसके लिए हमने अलग-अलग शेफ भी रखे हैं। इसके अलावा हमारी कोशिश रहती है कि खाना ऑर्डर होने के 30 मिनट के भीतर हम खाना पहुंचा दें। इसके लिए डिलिवरी का बेहतर सिस्टम बनाया गया है।’

विश्वास और शिवम। ये लोग अपना बिजनेस ऑनलाइन हैंडल करते हैं। लोगों के ऑर्डर और जरूरत के हिसाब से अपना प्लान करते हैं।

खाने का इको-फ्रैंडली बक्सा

‘बड़ा बक्सा’ की खासियत यह भी है कि साइज में बड़ा होने के बाद भी यह पूरी तरह इको-फ्रैंडली है। पैकिंग में कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता है। खाने के पैकेट की कीमत 999 रुपए है। बॉक्स में इतना खाना होता है कि चार लोग आराम से खा सकते हैं।

बड़ा बक्सा के तीसरे संस्थापक विश्वास कहते हैं, ‘अभी तो यह शुरुआत है और शुरुआत में ही हमें सूरत के लोगों का प्यार मिल रहा है। आगे हमारी प्लानिंग पूरे सूरत जिले को कवर करने की है। फिर लोगों की जरूरत और मांग के मुताबिक इसे और शहरों में भी शुरू करने का प्लान है।’

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