- पत्नियों ने तो वफा की, लेकिन प्रेमिका ने भांडा फोड़ दिया…
- कॉल डिटेल में कोर्ट से जुड़े जो लोग आईएएस के संपर्क में थे सभी के होंगे बयान
इंदौर। पुलिस ने कोर्ट में नकल आवेदन निकालने के दौरान कोर्ट से जुड़े जो भी लोग वर्मा से संपर्क में रहे उन सभी को बयान के लिए बुलाया है। इनके हस्ताक्षर के नमूने भी लिए गए हैं, ताकि पता चल सके कि आदेश बनाने में कौन-कौन लोग शामिल हैं।
दो दिन पहले एमजी रोड पुलिस ने आईएएस संतोष वर्मा को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। वह अब पुलिस (police) की रिमांड पर है। पुलिस (police) ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकाल ली है। इसमें जो भी लोग आदेश की नकल निकालने के दौरान उसके संपर्क में रहे हैं उन सभी को फोन कर बयान के लिए बुलाया गया है। कल डीपीओ मोहम्मद अकरम शेख सहित कोर्ट से जुड़े आधा दर्जन लोगों के बयान लिए गए। बताते हैं कि सभी के हस्ताक्षर (signature) के नमूने भी लिए गए हैं, जिनको जांच के लिए भोपाल भेज दिया गया है। आज कुछ और लोगों को भी बयान के लिए बुलाया गया है। वहीं वर्मा के वकील कल नहीं आए थे। पुलिस (police) ने उन्हें फिर नोटिस जारी कर बयान के लिए बुया है।
न्यायालय के फर्जी आदेश पर प्रमोशन पाने वाले मप्र कैडर के आईएएस संतोष वर्मा की रिश्वतखोरी और आशिकी के किस्से अब चटकारे लेकर सुने और सुनाए जा रहे हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा में आने से पहले वर्मा रीवा में सांख्यिकी अधिकारी थे। वहां उन्हें कामवाली बाई से प्रेम को गया और उससे शादी करके खूब वाहवाही लूटी। डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद उन्होंने दो शादियां और की। इससे भी संतुष्ट नहीं हुए तो हरदा की एक लडक़ी को प्रेमजाल में फंसा लिया। बताया जा रहा है कि इस लडक़ी पर वर्मा ने लगभग 1 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन पत्नियों की तरह प्रेमिका वफा नहीं निभा पाई और जब उससे शादी करने से अफसर ने इनकार कर दिया तो बागी हुई लडक़ी ने उनकी तमाम पोलें खोलकर जेल पहुंचा दिया। न्यायालय के जिस आदेश पर वर्मा आईएएस बने, उसमें कई दिग्गजों की मिलीभगत की संभावना जताई जा रही है। मुखबिरों का कहना है कि इस फर्जी आदेश के लिए भी वर्मा ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपए बांटे थे।
देर रात एसपी-एएसपी पहुंचे पूछताछ करने
मामला आईएएस अफसर से जुड़ा हुआ है, इसके चलते पुलिस कुछ बोलने से बच रही है। देर रात डीपीओ शेख से पूछताछ करने एसपी आशुतोष बागरी, एएसपी जयवीरसिंह भदौरिया भी पहुंचे। पुलिस का कहना है कि कुछ सबूत मिल गए हैं तो कुछ रिमांड खत्म होने से पहले जुटा लिए जाएंगे।
आईएएस ने नहीं खोला मुंह, साक्ष्य से ही पुलिस खोलेगी फर्जी आदेश का राज
आम आरोपी की तरह तो आईएएस से पुलिस कड़ी पूछताछ नहीं कर सकती। वह तो अभी भी इसी बात पर अड़ा है कि उसने तो आदेश की नकल निकलवाई थी। इसके चलते पुलिस साक्ष्य के आधार पर ही फर्जी आदेश का राज खोलेगी।
आज हो सकती है निलंबन की कार्रवाई
सूत्रों का कहना है कि भोपाल से इस प्रकरण की जानकारी पुलिस से मांगी गई थी, जो पुलिस ने भेज दी है। इसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि आज संतोष वर्मा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।