इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा छावनी में सडक़ को चौड़ा करने के लिए सेंट्रल लाइन डालने का काम किए जाते ही सडक़ का विरोध शुरू हो गया है। क्षेत्र के व्यापारियों ने सडक़ की चौड़ाई कम करने की मांग उठाई। इसके लिए क्षेत्र के विधायक से व्यापारियों ने बातचीत की तो विधायक ने मदद करने से इनकार कर दिया।
नगर निगम द्वारा मधुमिलन चौराहे से लेकर अग्रसेन प्रतिमा चौराहे तक 80 फीट चौड़ी सडक़ का निर्माण करने के लिए सेंट्रल लाइन डालने का काम किया गया है। अब नगर निगम द्वारा मकान में तोडफ़ोड़ के निशान लगाए जाने का काम किया जाना है। निगम का काम आगे बढ़ता उसके पहले ही इस सडक़ का विरोध शुरू हो गया है। कल इस क्षेत्र के व्यापारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में व्यापारियों द्वारा सडक़ को चौड़ा करने के निगम के फैसले का विरोध करते हुए कहा गया कि इस सडक़ को 80 फीट के बजाय 60 फीट चौड़ा बनाया जाए। यदि ऐसा कर दिया जाता है तो बहुत सारे मकानों के निर्माण टूटने की स्थिति से बच जाएंगे। ध्यान रहे कि अभी इस सडक़ की चौड़ाई के कारण 190 मकानों के हिस्से तोडऩा पड़ेंगे।
अपनी मांग पर जोर देने के लिए कल व्यापारियों द्वारा क्षेत्र के विधायक गोलू शुक्ला को भी बुलाया गया। उनके समक्ष व्यापारियों द्वारा सडक़ की चौड़ाई कम करने की आवाज उठाई गई। व्यापारियों की बात सुनने के बाद विधायक ने इस मामले में मदद करने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि नियम के अनुसार मास्टर प्लान में जो सडक़ की चौड़ाई का प्रावधान है उसी हिसाब से सडक़ का निर्माण किया जाएगा। शुक्ला द्वारा नागरिकों को इस क्षेत्र में बढ़ते हुए यातायात के दबाव और हमेशा लगने वाले जाम के बारे में भी कहा गया। उन्होंने कहा कि जब यह सडक़ चौड़ी बन जाएगी तो फिर यातायात सुगम हो जाएगा और उससे व्यापारियों का कारोबार और ज्यादा बेहतर तरीके से चल सकेगा।
आंदोलन की तैयारी शुरू
छावनी के व्यापारियों द्वारा अब आंदोलन करने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। व्यापारी इस बात से सहमत नहीं हैं कि यहां पर 80 फीट चौड़ी सडक़ का निर्माण किया जाए। विधायक द्वारा व्यापारियों की मांग को संरक्षण देने से इनकार किए जाने के बाद अब व्यापारी महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी के पास जाकर समर्थन जुटाने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही व्यापारियों द्वारा इस मामले को कोर्ट ले जाने की भी तैयारी शुरू की गई है।
हर सडक़ पर यही समस्या
नगर निगम द्वारा जहां भी सडक़ को चौड़ा करने का काम शुरू किया जाता है तो वहां सबसे पहली समस्या चौड़ाई के विरोध की आती है। हर क्षेत्र में नागरिक निर्धारित चौड़ाई से कम चौड़ाई में काम करने के लिए नगर निगम पर दबाव बनाते हैं। इस स्थिति के चलते ही सुभाष मार्ग सहित कई स्थानों पर सडक़ को चौड़ा करने और नया बनाने का मामला लंबित हो गया है। यदि नगर निगम द्वारा एक भी स्थान पर चौड़ाई को कम करने का फैसला लिया गया तो फिर वह फैसला उदाहरण बन जाएगा और हर जगह पर इस फैसले की तर्ज पर चौड़ाई को कम करने के लिए दबाव बनाया जाने लगेगा।