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14 को इंदौर के चिमनबाग मैदान पर एकत्रित होगा जनजातीय समुदाय, भगोरिया, करमा नृत्य की होगी प्रस्तुति

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इंदौर

पूरे देश में इस समय स्वतंत्रता के 75वां वर्ष पूरा होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश के हर हिस्से में स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के योगदान की स्मृतियों को पुनः याद किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष पूरे राष्ट्र में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजतीय गौरव दिवस’ के रूप मनाया जाएगा। इसे देखते हुए इंदौर में भी एक जनजातीय संगम का आयोजन 14 नवंबर को किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय शामिल होगा। इसे लेकर जनजाति विकास मंच के पदाधिकारी तैयारी कर रहे है। पहली बार इतनी वृहद स्तर पर इस आयोजन को किया जा रहा है। जनजाति विकास मंच इंदौर अध्यक्ष गोविंद भूरिया और संयोजक विक्रम मस्कुले के मुताबिक भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हमारे जनजातीय समाज का उल्लेखनीय योगदान रहा है। आगामी 15 से 22 नवंबर तक आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में जनजातीय महोत्सव मनाया जाएगा। जिसके तहत जनजातीय समुदाय के स्वंतत्रता सेनानियों के कृतित्व, उनकी कला और संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसी कड़ी में जनजाति विकास मंच 14 नवंबर को दोपहर 12.30 बजे चिमनबाग में जनजाति संगम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में राष्ट्रभक्त शामिल होंगे।

भगवान बिरसा मुंडा लोकनायक थे
उन्होंने बताया भगवान बिरसा मुंडा देश के इतिहास में ऐसे नायक थे, जिन्होंने जनजाति समाज की दिशा और दशा बदल कर रख दी थी। उन्होंने हमारे वनवासी बंधुओं को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त होकर सम्मान से जीने के लिए प्रेरित किया था। भगवान बिरसा अंग्रेजों के खिलाफ ‘उलगुलान’ आंदोलन के लोकनायक थे। ऐसे स्वतंत्रता के महानायक को आज भी पूरा समाज भगवान के तौर पर पूजता है। उन्होंने बताया आयोजन पर भगवान बिरसा मुंडा, महारानी दुर्गावती, महानायिका सिनगी दई, टंट्या मामा भील, तिलका मांझी आदि जैसे जनजातीय महानायकों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएगी।

सुबह 10 बजे से जुटना शुरू होंगे
चिमनबाग मैदान पर सुबह 10 बजे से लोग जुटना शुरू होंगे। मस्कुले के मुताबिक यहां प्रसिद्ध गायक आनंदीलाल भावेल (हम काका बाबा ना पोरिया के फेम) अपनी प्रस्तुति देंगे। 1 बजे मंच से उद्बोधन शुरू होगा, जिसमें जनजाति विषयों पर विभिन्न वक्ता अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा आयोजन में करमा नृत्य, भगोरिया नृत्य, गोंडी नृत्य की प्रस्तुतियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। वे बोले पहली बार इतने वृहद स्तर पर यह आयोजन किया जा रहा है। वहीं कोरोना गाइड लाइन को देखते हुए सभी से मास्क लगाकर आने की अपील की है। वहीं आयोजन स्थल पर सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की जा रही है।

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