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आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को कैंडल मार्च के जरिए श्रद्धांजलि

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शंभू व खनौरी बॉर्डर के साथ-साथ पंजाब तथा हरियाणा के कई शहरों और कस्बों में भी आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को नमन करने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया

बीती रात शंभू व खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन-2 में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें हजारों किसानों ने शिरकत की। आंदोलनरत किसानों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली तथा हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान हरियाणा पुलिस की गोली से मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह और अन्य किसानों के लिए इंसाफ की मांग कर रहे थे। शंभू व खनौरी बॉर्डर के साथ-साथ पंजाब तथा हरियाणा के कई शहरों और कस्बों में भी आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को नमन करने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया।   

   शंभू बॉर्डर में किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि युवा किसान शुभकरण की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। लड़ाई अभी शुरू हुई है, जब तक किसान जीत नहीं जाते तब तक जारी रहेगी। किसान कुर्बानियों के लिए तैयार हैं।     

इस दौरान सरवण सिंह पंधेर ने संगीन आरोप लगाए कि हरियाणा सीआईडी विभाग के करीब 200 लोग किसान आंदोलन में घुस गए हैं। ये लोग किसान नेताओं को अपना निशाना बना सकते हैं। इसके तहत या तो किसान नेताओं का एक्सीडेंट कराया जा सकता है या फिर लड़ाई-झगड़ा करके उन पर हमला भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की तमाम जायज मांगे माने तो किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ देंगे।

अस्पताल में भर्ती संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मुताबिक किसान अमन और सद्भाव के साथ अपनी मांगे मनवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकार उन्हें ऐसा करने से रोक रही है। अंतरराज्यीय सीमा पर वे हथियार चलाए जा रहे हैं, जो दुश्मनों पर चलाए जाते हैं। किसानों को आंदोलन से ही इंसाफ मिलेगा।                               

युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत को पांच दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। परिजन और किसान संगठन इस बात पर अड़े हुए हैं कि पहले धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज करके दोषियों को नामजद किया जाए; उसके बाद शुभकरण का पोस्टमार्टम और संस्कार होगा।     

गौरतलब है कि पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच की कोशिश के दौरान खनौरी बॉर्डर पर संगरूर का नवागांव निवासी 26 वर्षीय किसान प्रितपाल सिंह हरियाणा की सीमा में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। रोहतक के पीजीआई में इलाज के लिए उसे दाखिल कराया गया था। प्रितपाल के परिजनों का आरोप था कि हरियाणा पुलिस की बर्बरता का शिकार हुआ युवा किसान रोहतक में पुलिस की दहशत में और ज्यादा खौफजदा था। इसलिए भी कि उसके वार्ड के बाद पुलिस का पहरा था।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दखल के बाद प्रितपाल को शनिवार शाम पीजीआई चंडीगढ़ लाया गया। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंजाब के मुख्य सचिव ने हरियाणा के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था कि प्रितपाल सिंह को बेहतर इलाज के लिए पंजाब के हवाले कर दिया जाए। अप पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल प्रितपाल का इलाज राज्य सरकार करवाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा सीमा पर लोकतंत्र की खुली हत्या कर रही है और देश के संविधान व कानून-व्यवस्था का मजाक उड़ा रही है। प्रितपाल सिंह पर हरियाणा पुलिस ने अमानवीय कहर ढाया है।       

इस बीच शंभू बॉर्डर किसान आंदोलन में जा रहे किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली राजपुरा के बसंतपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में जीरा के गांव मंसूर देवा के युवा किसान गुरजंट सिंह की मौत हो गई। ‘किसान आंदोलन-2’ के दौरान जान गंवाने वाले वह छठे किसान हैं।                      

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