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हर साल बिजली गिरने से दो हजार भारतीयों की मौत

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नई दिल्ली. राजस्थान के प्रमुख नगरों में से एक जयपुर में बीते रविवार को कम से कम 16 लोग आकाशीय बिजली का शिकार हो गए. खबर है कि जिस वक्त यह घटना हुई, तब पीड़ित 12वीं सदी के आमेर किले पर सेल्फी ले रहे थे. हालांकि, यह देश का पहला और अकेला मामला नहीं है, जब बिजली गिरने से मौतें हुई हैं. आंकड़े बताते हैं कि रविवार को ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कम से कम 70 लोगों ने ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवाई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच 1619 लोगों की बिजली गिरने से मौत हुई है.

दरअसल, कई बार पीड़ित की मौत बिजली का शिकार होने के बाद तुरंत मदद ना मिलने के चलते हो जाती है. इससे जुड़ी कई जानकारियां उपलब्ध हैं, लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर इस तरह की परेशानी से निपटने के आसान उपाय बताए हैं. वीडियो में बताई गईं कुछ मामूली बातें कई जीवन बचा सकती हैं. साथ ही सीपीआर और प्राथमिक उपचार के तरीके भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं.

क्या करें अगर कोई आकाशीय बिजली का शिकार हो जाए तो?
NDMA का कहना है कि बिजली गिरने से किसी व्यक्ति को चोट लग सकती है. या बुरी स्थिति में मौत भी हो सकती है.

ऐसे में अगर आप किसी पीड़ित को देखें तो-
तुरंत एंबुलेंस को फोन करें. पीड़ित को छूने से डरें नहीं. क्योंकि मानव शरीर बिजली संग्रह नहीं करता है. डॉक्टर के पहुंचने तक प्राथमिक उपचार देने से पीड़ित व्यक्ति की जान बच सकती है.

यदि आप पर भी बिजली गिरने का खतरा है, तो उसके टलने तक इंतजार करें. अगर मुमकिन हो, तो पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर लेकर जाएं. अगर बिजली का शिकार व्यक्ति बेहोश हो गया है, तो दिल का दौरा हो सकता है. ऐसे में श्वांस की जांच करें और सीपीआर दें.

व्यक्ति के पास जब तक मेडिकल हेल्प नहीं पहुंचती, तब तक उन्हें सीपीआर देते रहें. अगर व्यक्ति जागृत है, तो उन्हें इस तरह से लिटाए कि सिर और धड़ नीचे, जबकि पैर ऊपर रहें.

डरावने हैं मौत के आंकड़े
BBC की रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि भारत में हर साल बिजली गिरने से औसतन 2000 लोगों की मौत हो जाती है. इंडिया टुडे के मुताबिक, एनुअल लाइनट्निंग रिपोर्ट 2020-21 में बताया गया है कि देश में बिजली गिरने के मामलों में 34 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2019-20 में आंकड़ा 1 करोड़ 38 लाख पर था, जो 2020-21 में बढ़कर 1 करोड़ 85 लाख 44 हजार 367 पर पहुंच गया है.

ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड में बिजली गिरने की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं. बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें अनजाने में होती हैं. वहीं, 70 फीसदी से ज्यादा मौतें अलग-अलग ऊंचे पेड़ों के नीचे खड़े होने के चलते हुईं. वहीं, 25 फीसदी लोग खुले में आकाशीय बिजली का शिकार हुए.

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