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टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर यूपी-राजस्थान पुलिस आमने-सामने

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राजस्थान पुलिस का एक दल टीवी पत्रकार अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी के लिये नोएडा में डेरा डाले हुए है। राजस्थान पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चोपड़ा पर कथित तौर पर भ्रामक न्यूज चलाकर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है। उन्होंने बताया कि चोपड़ा के खिलाफ पिछले महीने बूंदी, अलवर, और डूंगरपुर जिलों में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस के मुताबिक चोपड़ा पर पिछले दिनों अलवर के राजगढ में अतिक्रमण हटाने के दौरान प्राचीन मंदिर को तोड़ने के बाद कथित तौर पर एक खबर चलाकर कर दुष्प्रचार का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने बताया कि चोपड़ा के खिलाफ बूंदी और अलवर जिलों में दर्ज प्राथमिकी में राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तार पर रोक मिली है, लेकिन डूंगरपुर जिले में स्थानीय अदालत के आदेश के बाद उन्हें गिरफ्तारी वारंट का सामना करना पड़ा रहा है।

एसपी बोले- यूपी पुलिस ने हमारी टीम को रोक दिया

डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि हमारी टीम नोएडा में डेरा डाले हुए है और उनका पता लगाने के लिये सभी संभावित स्थानों की तलाश कर रही हैं। शनिवार को भी हमारी टीम चोपड़ा के घर गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिले और उनके आवास पर ताला लगा हुआ था। मामले में नोएडा पुलिस के सहयोग के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा-हमारी टीम को रोक दिया गया और गिरफ्तारी वारंट पर सीधे कार्रवाई करने से पहले एक स्थानीय पुलिस स्टेशन जाने के लिये कहा गया। हम यह नहीं कह सकते कि यह पूर्ण सहयोग है। उन्होंने कहा कि नोएडा पुलिस को पहले ही मामले के विवरण के बारे में सूचित कर दिया गया था और यह दूसरी बार था जब पुलिस टीम उनकी गिरफ्तारी के लिये गई थी।

यूपी ने आरोपों को बतया गलत

हालांकि, नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने दावा किया कि प्रक्रिया को पूरा करने में राजस्थान पुलिस का पूरा सहयोग किया गया जबकि टीवी पत्रकार बिसरख इलाके स्थित घर पर नहीं मिले। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) जी.इलामारन ने कहा-कार्रवाई राजस्थान पुलिस को करनी है न कि उत्तर प्रदेश पुलिस को। हमने उनकी मदद की और तय प्रक्रिया के तहत कार्य करने में उनकी सहायता की। हमने नोटिस जारी करने, इलाके की पहचान करने में मदद की और हमारी तरफ से कोई बाधा उत्पन्न नहीं की गई। डूंगरपुर कोतवाली पुलिस थाने के अनुसार चोपड़ा के खिलाफ एक निजी व्यक्ति द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने पत्रकार पर अलवर जिले के राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने के दौरान मंदिर का हिस्सा तोड़ने पर कथित तौर पर भ्रामक खबर देने का आरोप लगाया है।

टीवी पत्रकार पर गलत जानकारी देने का आरोप 

उन्होंने आरोप लगाया कि पत्रकार ने अपनी खबर में अलवर के मंदिर को तोड़ने संबंधी गलत और काल्पनिक विवरण दिखाया और उसे दिल्ली की जहांगीरपुरी अतिक्रमण के बदले की कार्रवाई बताया था। पुलिस ने कहा कि शिकायत के बाद 23 अप्रैल को पत्रकार चोपड़ा के खिलाफ देशद्रोह, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, दो समूहों के बीच दुश्मीन को बढ़ावा देने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। डूंगपुर पुलिस अधीक्षक जोशी ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश में डूंगरपुर में दर्ज प्राथमिकी का जिक्र नहीं है जबकि बूंदी और अलवर जिले में दर्ज प्राथमिकी में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है।

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