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वीवी पेट बिना कराए गए नगरीय निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश की अवमानना 

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नोटा जागरूकता अभियान में भी राज्य चुनाव आयोग ने लापरवाही बरती

रीवा । समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने आरोप लगाया है कि ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट के इस्तेमाल को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत के दिए गए दिशा निर्देश का संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में पालन न किया जाना अत्यंत आपत्तिजनक एवं अवमानना का विषय है । ईवीएम को लेकर उठे सवाल के संबंध में मतदाताओं की संतुष्टि के लिए वीवीपैट मशीन का लगाया जाना बेहद जरूरी है लेकिन यह भारी विडंबना है कि इस बात को मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने अनदेखा किया है । श्री खरे ने बताया कि सन 2018 के विधानसभा चुनाव एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाई गई थी लेकिन 2022 के नगरीय निकाय चुनाव में ईवीएम के साथ बीबीपेट की आवश्यकता को जानबूझकर अनदेखा किया गया । जिसे लेकर मतदाताओं में तरह तरह की शंका पैदा हो रही है । श्री खरे ने कहा कि जब मंगल यान अभियान को भारत की धरती से नियंत्रित किया जा सकता है तो ऐसी स्थिति में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की संभावना को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए । वीवीपैट मशीन के इस्तेमाल से मतदाताओं में ईवीएम को लेकर उपजे संदेश का काफी हद तक समाधान हुआ था लेकिन इधर वीवीपैट मशीन न लगाए जाने से जहां जनसाधारण में चुनावी परिणाम को लेकर तरह तरह की शंका उठ रही है वहीं सर्वोच्च अदालत के दिशा निर्देशों का पालन न होने पर भी लोगों को गहरी आपत्ति है । 

समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव एवं पंचायत चुनाव में नोटा के प्रचार को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका अत्यंत गैर जिम्मेदाराना रही है । शत प्रतिशत मतदान प्रचार अभियान के दौरान नोटा के बारे में जागरूकता लाने का काम भी चुनाव आयोग का है लेकिन इस बात का सही प्रचार प्रसार नहीं करके लापरवाही बरती गई है । चुनाव आयोग के इस गैर जिम्मेदाराना रवैए को लेकर समाजवादी जन परिषद के नेता अजय खरे ने गहरी आपत्ति जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया है ।

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