एस पी मित्तल अजमेर
25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में भाजपा की विधायक सूर्यकांता व्यास से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि व्यास ने मेरे कार्यों की प्रशंसा की। इसलिए भाजपा ने इस बार उन्हें सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार नहीं बनाया। मेरी वजह से ही व्यास का टिकट कटा है। गहलोत ने कहा कि भाजपा भले ही सूर्यकांता व्यास का सम्मान न करें, लेकिन व्यास जोधपुर की सम्मानित नेत्री हैं। चूंकि मेरी वजह से टिकट कटा इसलिए मैं सम्मान देने के लिए व्यास के घर गया। गहलोत ने दावा किया कि आज की मुलाकात में भी व्यास ने मेरे कार्यों की प्रशंसा की है। व्यास का टिकट कटने पर गहलोत ने भाजपा को महिला विरोध भी बताया। एक तरह से व्यास की आड़ में गहलोत ने भाजपा पर जोरदार हमला किया। हो सकता है कि आने वाले दिनों में सूर्यकांता व्यास जोधपुर में कांग्रेस के समर्थन में प्रचार प्रसार करें। राजनीति के जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत आज जो भरोसा भाजपा की नेत्री व्यास पर जता रहे हैं, वैसा ही भरोसा उन्होंने चार वर्ष पहले घनश्याम तिवाड़ी पर भी जताया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में तिवाड़ी ने भाजपा से बगावत की और स्वयं भी जयपुर से चुनाव लड़ा। तब तिवाड़ी की जमानत जप्त हो गई। निराश और हताश तिवाड़ी के कंधे पर सीएम गहलोत ने हाथ रखा और उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलवा दी। गहलोत ने विधानसभा से उपचुनाव में तिवाड़ी को मंच पर बैठाया और तिवाड़ी की आड़ में भाजपा पर हमला बोला। गहलोत का कहना रहा कि तिवाड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे लेकिन आज भाजपा में उनका सम्मान नहीं हुआ। इससे भाजपा की नीति का अंदाजा लगाया जा सकता है। भाजपा जब तिवाड़ी जैसे कार्यकर्ता का सम्मान नहीं कर सकती है, तो फिर किसी भी कार्यकर्ता का सम्मान नहीं हो सकता है। इस समय घनश्याम तिवाड़ी पूरी तरह गहलोत के जादू में फंसे हुए थे, इसलिए कांग्रेस के मंच से भाजपा की आलोचना करते रहे। लेकिन गहलोत का जादू समाप्त होती ही तिवाड़ी वापस भाजपा में आ गए और राज्य सभा के सांसद हैं। कांग्रेस और अशोक गहलोत कैसे यह तिवाड़ी से पूछा जा सकता है।
राजे समर्थक कांग्रेस में:
25 अक्टूबर को भाजपा के युवा नेता विकास चौधरी ने कांग्रेस में शामिल होने पर अपनी सहमति दे दी है। चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने पर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी स्वागत किया है। अब चौधरी जल्द ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। माना जा रहा है कि चौधरी को किशनगढ़ से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाएगा। भाजपा की राजनीति में चौधरी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है। 2018 में राजे की सिफारिश से ही विकास चौधरी को किशनगढ़ से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। पिछले पांच वर्षों में चौधरी वसुंधरा राजे के समर्थक बने रहे। राजे ने जब जब भी शक्ति प्रदर्शन किया तब तब चौधरी उपस्थित रहे। राजे के किशनगढ़ आने पर चौधरी ही प्रमुख नेता के तौर पर नजर आए। चौधरी को उम्मीदवार थी कि इस बार भी उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन भाजपा ने मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया। इसी से नाराज होकर चौधरी ने अब कांग्रेस का दामन थामा है। हालांकि चौधरी कांग्रेस में शामिल होने से बार बार इंकार करते रहे, लेकिन आखिर उन्होंने अपनी सहमति दे ही दी। इधर झुंझुनूं में विकास चौधरी कांग्रेसी बन रहे थे, इधर किशनगढ़ में कांग्रेस के कार्यकर्ता में नाराजगी प्रकट की। कांग्रेस के नेता राकेश, राजेंद्र गुप्ता, नाथूराम सिनोदिया आदि कार्यकर्ताओं ने विकास चौधरी को कांग्रेस में शामिल होने पर ना खुशी जाहिर की है। समर्थकों का कहना है कि विकास चौधरी के मुद्दे पर कांग्रेस के बड़े नेताओं खासकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कोई चर्चा नहीं की।