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राजस्थान में दिग्गजों को बनाया है उम्मीदवार, भाजपा को बहुमत मिला तो सरकार में कितने मंत्री बनेंगे ?

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गहलोत और पायलट के अनुरूप ही कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित हुए

एस पी मित्तल अजमेर 

राजस्थान में भाजपा ने 21 अक्टूबर को उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जारी कर दी है। 200 में से अब तक सिर्फ 124 उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। इन 124 उम्मीदवारों के नाम का अवलोकन किया जाए तो ऐसे अनेक नाम है जो मुख्यमंत्री और मंत्री पद के सशक्त दावेदार हैं। यदि एक बार मुख्यमंत्री के पद को छोड़ भी दिया जाए तो घोषित उम्मीदवारों में ऐसे नाम है, जो मंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि इन उम्मीदवारों में से कितने विधायक बनेंगे यह तो 3 दिसंबर को परिणाम आने पर ही पता चलेगा, लेकिन उम्मीदवारों के नाम बताते हैं कि यदि भाजपा को बहुमत मिला तो मंत्रिमंडल के गठन में बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी। हो सकता है कि मंत्री पद न मिलने पर चौथी और पांचवी बार जीते विधायक नाराज हो जाए सबसे बड़ा नाम पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का है। सवाल उठता है कि बहुमत मिलने पर क्या राजे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा यदि मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो क्या राजे एक विधायक की हैसियत से विधानसभा में बैठेंगी? भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भले ही राज्य को विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित न किया हो लेकिन उन्हें झालरापाटन से उम्मीदवार बनाया है। इस विधानसभा क्षेत्र से राजे की जीत मानी जा रही है। 21 अक्टूबर को भाजपा के 83 उम्मीदवारों की जो सूची जारी हुई उसमें अनेक नाम राज्य के समर्थकों के भी है। गुलाबचंद कटारिया जब विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे तो राजे समर्थक 20 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पार्टी की ओर से हमें बोलने नहीं दिया जाता है, उस समय जिन 20 विधायकों ने पत्र लिखा उनमें से भी अनेक विधायकों को फिर से उम्मीदवार बना दिया गया है, क्योंकि दूसरी सूची में राजे समर्थकों के नाम शामिल रहे इसलिए आमतौर पर विरोध देखने को नहीं मिल रहे हैं, जबकि 41 उम्मीदवारों की पहली सूची में कई उम्मीदवारों का विरोध सड़कों पर आया था। राजे ने अभी तक भी घोषित उम्मीदवारों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजे को अभी शेष 76 उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार है। मौजूदा समय में भाजपा विधायक दल के नेता राजेंद्र राठौड़ भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल है। मुख्यमंत्री कौन होगा? यह तो बहुमत मिलने पर राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा, लेकिन राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया जैसे विधायकों मंत्री पद पर मजबूत दावेदारी होगी। भाजपा के 6 सांसद भी विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में यह विधायक भी मंत्री पद के दावेदार होंगे, इसके अलावा कालीचरण सर्राफ, प्रताप सिंह सिंघवी, वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, श्रीचंद कृपलानी, हेम सिंह भडाणा, नरपत सिंह राजवी, ज्योति मिर्धा, ऐसे नाम हैं जो विधायक बनने पर मंत्री पद का दावा करेंगे। 200 विधायकों में से मुख्यमंत्री सहित 20 विधायक मंत्री बन सकते हैं। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान में भाजपा के कम से कम 40 विधायक मंत्री पद पर दावा करेंगे।

गहलोत और पायलट का कथन सही:

21 अक्टूबर को कांग्रेस ने भी 33 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। दिल्ली में हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा था कि हमने एक दूसरे के समर्थकों को उम्मीदवार बनाने की सिफारिश कर दी है। गहलोत और पायलट का यह कथन सही साबित हुआ, क्योंकि इस सूची में उन विधायकों के नाम भी शामिल हैं जो अगस्त 2020 में पायलट के साथ दिल्ली गए थे। इसी प्रकार उन विधायकों के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने गत वर्ष 25 सितंबर को सीएम गहलोत के समर्थक में खुली बगावत की थी। गहलोत ने दिल्ली जाने वाले विधायकों पर 35-35 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाए तो पायलट का आरोप रहा कि गत वर्ष 25 सितंबर को जयपुर में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का अवमानना की गई। चूंकि 33 उम्मीदवारों के नाम पर गहलोत और पायलट की सहमति रही, इसलिए विरोध के स्वर सुनने को नहीं मिल रहे हैं।

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