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विजयवर्गीय ने अफसरों को अपने निशाने पर लिया

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इंदौर

बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने अफसरों को अपने निशाने पर लिया है। नगर निगम के अपने समर्थक नेताओं और मीडिया को स्पष्ट कह दिया कि ज्यादा अफसरों की मालिश मत किया करो। 

मौका था इंदौर का सफाई में सिक्सर लगाने पर सफाई मित्रों के सम्मान का। आयोजन गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में रखा। यहां विजयवर्गीय ने कह दिया कि ‘ज्यादा अधिकारियों की मालिश मत किया करो। इस इंदौर को अगर नंबर वन बनाया है तो इंदौर की जनता ने। आप जनता को नहीं, अधिकारियों को श्रेय देते हो। अरे अधिकारी में अगर दम होता तो यहां के कलेक्टर (नाम नहीं बताया) उज्जैन गए थे उसे फर्स्ट बना पाए क्या? वे यहां (इंदौर) निगम कमिश्नर थे जिन्हें अमिताभ बच्चन ने सम्मानित किया था। इंदौर फर्स्ट है तो इंदौर की जनता के कारण है और उनका सम्मान कीजिए।

कैलाश सिर्फ इतना ही नहीं बोले…

उन्होंने इससे पहले यह भी कहा कि कुछ बात कहना चाहता हूं। हो सकता है मेरी बात कड़वी लग जाए, लेकिन कहना जरूरी है। बीच-बीच में कड़वी बात कहते रहना चाहिए। यहां पत्रकार, अधिकारी और जनता भी है, सफाईकर्मी भी हैं। मुझसे कोई पूछे कि इंदौर की सफाई के लिए सबसे ज्यादा जवाबदार कौन है, तो वे हमारे सफाई मित्र हैं सबसे पहले। दूसरा नंबर जाता है इंदौर की जनता को क्योंकि इंदौर की जनता अनुशासित है, संस्कार वाली जनता है, संस्कारित हैं। ये संस्कार हमारी पहली वाली पीढ़ी ने डाले हैं। इस कारण अगर आप इंदौर की जनता को श्रेय नहीं दोगे, तो क्या सिर्फ अधिकारियों को श्रेय दोगे? उन्होंने दोहराया कि मुझे मालूम नहीं कि मैं बहुत कड़वी बात बोलता हूं लेकिन बहुत जरूरी है क्योंकि मेरे अलावा किसी में ताकत भी नहीं है कि बोल दें।

उसके बाद उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स पर हमला बोला। इससे पहले भी अफसरों को ज्यादा तवज्जो दिए जाने पर बयान दे चुके हैं।

BJP नेताओं द्वारा अफसरों के सम्मान की तस्वीर भी देख लीजिए

जिन्हें बुरा लगता हो तो लग जाए मैं चिंता नहीं करता

विजयवर्गीय ने आखिरी में कहा कि मेरी बात से जिन्हें बुरा लगा हो तो लग जाए मैं चिंता नहीं करता। इसके साथ ही कहा कि अगर बुरा लगा हो तो माफी चाहता हूं। उन्होंने इंदौर की जनता को अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इंदौर अब सत्ता या अठ्ठा नहीं बल्कि दशक लगाएगा।

मंत्री भूपेंद्र सिंह को दी सीख, 7 करोड़ से सफाईकर्मियों की कॉलोनियों को अच्छा बनाएं

‌‌विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ साल पहले सफाईकर्मियों के एक नेता मेरे पास आए और कहा कि आप हमारी माता व बहनों को रात में सफाई के लिए बुलाते हो। मैंने कहा जो आना चाहे वो आए। घर से गाड़ी लेने आएगी और छोड़ने जाएगी। उनकी सुरक्षा और छोड़ने की जिम्मेदारी मेरी। यह कहते हुए मुझे बहुत गर्व है कि उस समय के लिए सभी सफाईकर्मियों का नेता चाहे गौहर साहब हो, चाहे चंदू करोडे हो (अब स्व.), शंकर खलीफा भी नहीं हैं, ये सभी लोग जा चुके हैं। इन लोगों ने तब अनुमति प्रदान की तो इंदौर यह पहला शहर था जहां रात में सफाई शुरू की गई। मैं अभिनंदन करता हूं मंत्री व महापौर से कि आपने 7 करोड़ रुपए इंदौर के लिए दिए। इसके लिए धन्यवाद, लेकिन निवेदन भी करता हूं कि यह 7 करोड़ रुपए जहां हमारे ये सफाईकर्मी रहते हैं, ये आप उनकी कॉलोनियों को अच्छा करने में लगाएं, क्योंकि ये जहां रहते हैं वो स्थान भी अच्छा होना चाहिए।

कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि इंदौर को सफाईमित्रों ने नंबर वन बनाया।

विजयवर्गीय ने मंच से स्पष्ट किया कि इंदौर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने में इंदौर की जनता के संस्कार हैं। ये संस्कार उन्हें पुरानी पीढ़ी ने दिए हैं।

रेलवे स्टेशन को लेकर सांसद लालवानी की ओर इशारा

विजयवर्गीय ने मास्टर प्लान को लेकर मंत्री भूपेंद्रसिंह से कहा कि मैंने एक काम की कल्पना की थी कि इंदौर, उज्जैन, धार, देवास और खण्डवा, इन्हें मिलाकर एक झोनल प्लान बनाइये। इंटरनेशनल एयरपोर्ट देवास जिले में बन रहा है। ऐसे में हमारा रेलवे स्टेशन बहुत छोटा पड़ेगा और उसे इंदौर के बाहर ले जाना पड़ेगा। ऐसे में हजार एकड़ में एक स्टेशन चाहिए क्योंकि 25 साल बाद की कल्पना अभी की तो आने वाले 100 साल तक इंदौर बहुत अच्छा रहेगा। गौरतलब है कि इंदौर में पुरानी रेलवे स्टेशन को नया बनाने का प्लान सांसद शंकर लालवानी ने कुछ समय पहले स्वीकृत कराया था। इस मामले में आज विजयवर्गीय ने लालवानी के इस प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठा दिए।

बंगाल में नौकरशाही का राजनीतिकरण के साथ अपराधीकरण

इसके पूर्व उन्होंने अपने निवास पर मीडिया से कहा कि पश्चिम बंगाल में बहुत खतरनाक बात यह कि वहां नौकरशाही का राजनीतिकरण व अपराधीकरण भी हो गया। वहां की नौकरशाही पीएफआई को सपोर्ट करती है, इसलिए बंगाल की स्थिति बहुत नाजुक है। मुझे लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह के ध्यान में बहुत सारी चीजें आ गई हैं और एनएआई भी वहां कार्रवाई कर रही है। इस प्रकार के अपराधीकरण को ठीक करना बहुत जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने आस्था के केंद्रों का स्वरूप बदल दिया

उन्होंने कहा कि गर्व की बात यह है कि मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में जितने भी आस्था के केंद्र हैं चाहे वह बद्रीनाथ हो, केदारनाथ हो, चाहे बनारस में काशी मंदिर हो, राम मंदिर हो, ऐसे सभी आस्था केंद्रों का विकास हो रहा है। जब आस्था के केंद्रों का विकास होता है तो व्यक्ति में एक अलग प्रकार की भावना पैदा होती है। उसे लगता है कि यह मेरा देश है और मुझे मेरे देश के लिए कुछ करना चाहिए।

अधिकारियों के प्रति भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का रवैया हमेशा सख्त रहा है। फोटो 1994 का है जब विजयवर्गीय ने इंदौर में एएसपी रहे प्रमोद फड़नीकर के सामने चप्पल निकाल ली थी।

पहले भी विवादों में रहे हैं विजयवर्गीय

अग्निवीर को BJP ऑफिस में प्राथमिकता दूंगा

– अग्निपथ योजना को कहा था कि मुझे इस BJP ऑफिस में अगर सुरक्षा रखनी है तो मैं अग्निवीर को प्राथिमकता दूंगा।

– बिहार की राजनीति को लेकर कहा था कि जिस दिन बिहार की सरकार बदली तो मैं विदेश में था, तब एक व्यक्ति ने बोला कि ये तो हमारे यहां होता है, अमेरिका की लड़कियां कभी भी बॉयफ्रेंड बदल लेती हैं। बिहार के मुख्यमंत्री की भी यही स्थिति है। वे कब किससे हाथ मिला लें, कब किसका हाथ छोड़ दें।

– उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के बाद लाउड स्पीकर विवाद पर कहा कि राज्य सरकारें न्यायालय का आदेश नहीं मान रही हैं यही अराजकता का मुख्य कारण है। लाउड स्पीकर पर योगी सरकार के एक्शन को लेकर कहा था कि मुझे लगता है कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन राज्य सरकारें करेंगी तो जल्द डेसीबल के अनुसार ध्वनि को नियंत्रित किया जा सकेगा।

राजस्थान जम्मू में हनुमान चालीसा पर कही ये बात

विजयवर्गीय ने कहा था कि इस तरह की अलगाववादी बातें नहीं होनी चाहिए। सब अपनी आस्था के अनुरूप काम करें, लेकिन ये साफ है कि कुछ लोग इस देश को धर्मशाला समझें तो ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश में हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, कानून व्यवस्था है। उन्हें मानना चाहिए। पटियाला में हिंदूवादी संगठन और सिखों के बीच खालिस्तान को लेकर कहा था कि पंजाब की आप सरकार खालिस्तानियों की समर्थक है, ये सभी जानते हैं। ये साफ नजर आ रहा था कि ऐसा होगा।

मैं दिल्ली में हूंअंधेरे में मच्छर मार रहा हूं, कांग्रेस बोली– कितने मारे?

एक बार ट्वीट किया कि मैं दिल्ली में हूं। यहां पिछले एक घंटे से लाइट नहीं है। खिड़की खोली तो हवा के साथ मच्छर भी आ गए हैं। मैं अंधेरे में मच्छर मार रहा हूं, सुबह स्कोर बताऊंगा। जय हो फ्री बिजली वाली सरकार।

ये बयान भी रहे चर्चाओं में

– इसी साल मार्च में कैलाश ने एक ट्वीट में गुलाम नबी आजाद को सोनिया गांधी का गुलाम कहा था। आजाद ने एक दिन पहले ही अपने बयान में ISIS की तुलना RSS से की थी। इसके बाद विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘सोनिया के गुलाम से देश और क्या उम्मीद कर सकता है…।’

– होली मिलन समारोह में मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री शशि थरूर को महिलाओं का शौकीन और राहुल गांधी को मजाक का विषय बताया था।

– कन्हैया कुमार मामले में कांग्रेस और बीजेपी को विजयवर्गीय ने घेरा था। कैलाश ने कहा था – “कन्हैया में भगत सिंह दिख रहे हैं, तो ये उनका मानसिक दिवालियापन है।”

– “कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियां नेतृत्व विहीन हो गई हैं। इन पार्टियों के पास अब भीड़ जुटाने वाला कोई नेता नहीं बचा है।”

– “कांग्रेस लीडर तलाश रही है। ये अफसोस की बात है कि उसे कन्हैया जैसे छोकरे में लीडर नजर आ रहा है।’

– राहुल मजाक का विषय हो गए हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है। राहुल को राष्ट्रप्रेम के लिए क्लास लेने की नसीहत भी दी थी।

– विजयवर्गीय ने ट्विट कर ओवैसी को भारत की धरती पर बोझ बताया था।

– शाहरुख को भारत विरोधी बताते हुए कहा था कि ‘वे रहते तो भारत में हैं लेकिन उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्में भारत में करोड़ों कमाती हैं लेकिन उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है। यह देशद्रोह नहीं है तो क्या है।’

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