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राजस्थान की राजनीति में अब सचिन पायलट का भविष्य क्या है?

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पायलट द्वारा जयपुर में चुनिंदा पत्रकारों को दिए गए लंच में चर्चा का विषय।

एस पी मित्तल, अजमेर

22 फरवरी को पूर्व डिप्टी सीएम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने जयपुर के अपने सरकारी बंगले में चुनिंदा पत्रकारों को लंच दिया। इस लंच में मुझे भी शामिल होने का अवसर मिला। लंच में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दिग्गज पत्रकार शामिल रहे। पायलट ने आत्मीयता के साथ सभी पत्रकारों की आवभगत की। यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों खास कर कांग्रेस में पायलट के इस लंच को महत्वपूर्ण माना गया। 20 फरवरी को हुए कांग्रेस के अधिवेशन में भले ही पायलट नजर न आए हो, लेकिन 22 फरवरी को पायलट दिनभर पत्रकारों के साथ रहे। पांच राज्यों के चुनाव में पायलट कांग्रेस के स्टार प्रचारक है, इसलिए उन्होंने प्रचार के दौरान के संस्मरणों को पत्रकारों के साथ साझा किया, वहीं पत्रकारों से यह चर्चा रही कि अब राजस्थान की राजनीति में पायलट का भविष्य क्या है। मेरा जैसा पत्रकार तो अजमेर में रह कर पत्रकारिता करता है, लेकिन राजधानी जयपुर में तो बड़े बड़े पत्रकार पंडित है। मैं ऐसे पत्रकार और राजनीतिक पंडितों से ही कुछ जानना और समझना चाहता था। पंडितों की राय बताने से पहले यह बताना जरूरी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के संगठन और सरकार में पायलट को कोई महत्व नहीं देते हैं। संबंध इतने खराब है कि पायलट को अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ता है। ऐसे माहौल में कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट भाजपा में चले जाएंगे। ऐसे पंडितों ने पायलट के मित्र रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह के नाम भी गिनाए। लेकिन कुछ पंडितों ने पायलट के भाजपा में जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। ऐसे पंडितों का कहना रहा कि सचिन पायलट की नजर राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर है। भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र सिंह राठौड़ के रहते हुए पायलट का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है। कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के चुनाव से पहले अशोक गहलोत को हटाकर पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा और फिर पायलट के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। इस बार कांग्रेस हाईकमान भी पायलट को ही मुख्यमंत्री बनाने की गारंटी देगा। लेकिन इस संभावनाओं को भी पंडितों ने खारिज कर दिया। पंडितों का कहना था कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा। कुछ पंडितों का मानना रहा कि दिसंबर 2023 के चुनाव में पायलट स्वयं भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे, क्योंकि गहलोत शासन में जो कारनामें हुए हैं उनमें कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। वैसे भी इस बार भाजपा की बारी है। इसलिए गहलोत सरकार की हार का ठीकरा पायलट अपने सिर नहीं फोड़ेंगे। वहीं कुछ पत्रकार पंडितों का मानना रहा कि पायलट 2013 से 2018 की तरह 2023 से 2028 तक एक बार फिर भाजपा के शासन में संघर्ष करेंगे और फिर 2028 के चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाकर मुख्यमंत्री बनेंगे। पायलट के राजनीतिक भविष्य को लेकर पत्रकारों में भले ही अलग अलग राय रही हो, लेकिन सभी पत्रकारों का मानना रहा कि पायलट का भविष्य उज्ज्वल है। पिछले डेढ़ वर्ष से मरोड़ने और कुचलने के बाद भी पायलट की लोकप्रियता को कम नहीं किया जा सका है। भले ही अशोक गहलोत, पायलट को राजस्थान से दूर रख रहे हों, लेकिन प्रदेशभर में पायलट का जलवा बरकरार है। लंच के समय पायलट को भी पता था कि पत्रकार साथी उनके भविष्य पर ही चर्चा कर रहे हैं, इसलिए स्नैक्स और सूप के दौर की समाप्ति के बार पायलट ने पत्रकारों को मूंग दाल के हलवे, गरम गरम गुलाब जामुन के साथ साथ काले अंगूर, आलू, मटर पनीर और दाल तड़का वाले स्वादिष्ट भोजन के लिए आमंत्रित किया। बदलते मौसम के अनुकूल स्वादिष्ट कुल्फी भी खिलाई।

अजमेर के हाथों में पत्रकारिता:
पायलट के लंच पर मेरी मुलाकात भारत में बीबीसी न्यूज के प्रभारी रहे संजीव श्रीवास्तव से भी हुई। श्रीवास्तव ने मुझे बताया कि जयपुर में पत्रकार समूहों के जो वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं उनमें मेरे ब्लॉगों को रोजाना पढ़ते हैं। श्रीवास्तव ने मेरे ब्लागों की प्रशंसा करते हुए मेरी हौसला अफजाई की। पत्रकारों के बीच संजीव श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ पत्रकार द्वारा प्रशंसा किया जाना मुझे अच्छा लगा। मैं संजीव श्रीवास्तव जी का हृदय से आभार हंू। मेरी मुलाकात राजस्थान पत्रिका के स्टेट हैड अमित वाजपेयी, जी न्यूज के स्टेट हैड मनोज माथुर, शशि मोहन शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा आदि से भी हुई। ये सभी पत्रकार अजमेर के हैं, जिन्होंने जयपुर जाकर राजधानी की पत्रकारिता में अपनी योग्यता दिखाई है। पायलट के लंच पर जयपुर पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा और अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार और इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्लॉग लिख रहे महेश झालानी भी लंच में उपस्थित रहे।

 

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