मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 में से 24 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। पार्टी ने भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, गुना-शिवपुरी सांसद केपी सादव समेत 6 सांसदों के टिकट काटे हैं। इन सांसादों को दोबारा मौका नहीं देने की जाने वजह क्या हैं? भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है। वहीं, गुना-शिवपुरी सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सागर से राजबहादुर सिंह का टिकट काट कर लता वानखेड़े, रतलाम से जीएस डामोर की जगह अनिता नागर सिंह चौहान, विदिशा में रमाकांत भार्गव का टिकट काटकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और ग्वालियर से विवेक शेजवलकर की जगह प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रहे भारत सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है।
भोपाल- महात्मा गांधी पर विवादित बयान देने वाली सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह पार्टी ने दूरी बना ली है। 2019 के लोकसभा चुनाव के आखिरी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्ञा के बयान पर कहा था कि गांधी जी पर बोलने वालों को मैं कभी माफ नहीं करूंगा। इसके बाद से ही साध्वी प्रज्ञा पार्टी के अंदर हासिए पर चल रही थीं।
गुना-शिवपुरी- सांसद केपी यादव के काम से कई बार पार्टी असहज हो जा रही थी। वहां, उनकी सिंधिया समर्थकों से नहीं बन रही थी। खुलकर यह विवाद कई बार सामने आ जा रहा था। हाल ही में जिस पासपोर्ट केंद्र का गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उद्घाटन करने वाले थे, उसका बिना किसी कार्यक्रम के केपी यादव ने जाकर उद्घाटन कर दिया था। इसके बाद सिंधिया खेमे की नाराजगी और बढ़ गई थी। पार्टी ने उनसे भी दूरी बना ली।
विदिशा- सांसद रमाकांत भार्गव पूर्व सीएम शिवराज के करीबी माने जाते हैं। शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद से ही चर्चा चल रही थी कि उनको पार्टी केंद्र में लेकर जाएगी। विदिशा से शिवराज को टिकट देने को लेकर लंबे समय से चर्चा थी। शिवराज विदिशा से पांच बार सांसद रह चुके हैं।
ग्वालियर- भाजपा ने सांसद विवेक शेजवलकर का टिकट काट दिया है। उनको टिकट काटने का कारण उनकी बढ़ती उम्र को भी बताया जा रहा है। पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है।
सागर- सागर से सांसद राजबहादुर सिंह को पार्टी ने इस बार मौका नहीं दिया है। राजबहादुर सिंह को लेकर स्थानीय नेताओं का फीडबैक ठीक नहीं था। यहां से पार्टी ने महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लता वानखेड़े को प्रत्याशी बनाया है।
रतलाम- भाजपा ने जीएस डामोर का टिकट काट दिया है। इस सीट पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सक्रियता बढ़ी है और अच्छा प्रदर्शन किया है। इस बार डामोर की जीत को लेकर पार्टी को संशय था। यहां से भाजपा ने प्रदेश सरकार में वन मंत्री नागर सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है।
विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद सतना से गणेश सिंह ही होंगे उम्मीदवार
सतना लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद गणेश सिंह ही इस बार भी चुनाव में भाजपा का चेहरा होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार सतना सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को घोषित हुई भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में सतना सीट से गणेश सिंह को ही एक बार फिर प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान किया गया है।
हाल ही में 2023 के मप्र विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी ने सतना सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे 4400 वोट से चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में हार के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा इस बार सतना सीट से चेहरा बदला जा सकता है। इन्हीं अटकलों ने भाजपा के अंदर दावेदारों के हौसले बुलंद कर दिए थे और लोगों ने टिकट पर अपना अपना दावा करना शुरू कर दिया था। लेकिन शनिवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए गणेश सिंह के नाम पर मुहर लगा दी।
भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 2 लाख 31 हजार 473 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें 5 लाख 88 हजार 753 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजाराम त्रिपाठी को 3 लाख 57 हजार 280 वोट मिले थे। इसके पूर्व के चुनावों में गणेश सिंह मप्र के पूर्व डिप्टी स्पीकर डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व सांसद स्व सुखलाल कुशवाहा और विंध्य की कांग्रेसी सियासत के छत्र माने जाने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को भी पराजित कर चुके हैं।
सतना लोकसभा सीट से संसद सदस्य
स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त 61 वर्षीय गणेश सिंह कानून से भी स्नातक हैं। वे लॉ कॉलेज के महासचिव व छात्र संघ अध्यक्ष रहे। 1994 में जिला पंचायत सदस्य एवं 1999 में सतना जिला पंचायत के अध्यक्ष बने। वर्ष 2004 में भाजपा के टिकट पर पहली बार सांसद चुने गए। तब से अब तक सतना लोकसभा सीट से संसद सदस्य हैं।
विधानसभा चुनाव प्रबन्ध समिति के सदस्य
2023 में सतना सीट से विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन 4400 वोटों से हार गए। केंद्र की ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन एवं कई केंद्रीय समितियों के सदस्य रह चुके हैं। सिंह भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश मंत्री और विधानसभा चुनाव प्रबन्ध समिति के सदस्य रहे।
सजातीय वोटों पर भी अच्छी पकड़
चार बार से सतना लोकसभा सीट से सांसद हैं। ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरे, ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी के चैयरमैन रहे हैं। सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में समर्थकों की बड़ी तादाद और कार्यकर्ताओं की अपनी टीम है। सजातीय वोटों पर भी अच्छी पकड़ है।