भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों का मिलना जारी है। मौसमी वायरस कहे जाने वाले एचएमपीवी को लेकर पूरी दुनिया में कहा जा रहा है कि यह सिर्फ एक मौसमी वायरस है। हालांकि, चीन में इस वायरस के कई केस आने के चलते भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय को गाइडलाइंस तक जारी करनी पड़ी हैं। आखिर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की रफ्तार क्या है? यह वायरस अब तक किन-किन राज्यों में फैल चुका है? एचएमपीवी से अब तक किस उम्र वर्ग के लोगों को संक्रमित पाया गया है? साथ ही इनमें क्या लक्षण मिले हैं? आइये जानते हैं…
1. भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस की क्या रफ्तार?
भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का पहला मामला सोमवार को कर्नाटक के बंगलूरू में मिला था। तब से लेकर शुक्रवार शाम (10 जून) तक भारत में कुल 13 लोगों के एचएमपीवी से संक्रमित मिलने की बात सामने आ चुकी है।
2. किन-किन राज्यों में आए हैं एचएमपीवी के मामले?
भारत में एचएमपीवी के मामले सबसे पहले कर्नाटक में मिले थे। वहीं इसके बाद से गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले मिलने की बात सामने आ चुकी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी एचएमपीवी से जुड़े कुछ संदिग्ध मामले मिले हैं। हालांकि, इनके एचएमपीवी से ही संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। इनमें एक संदिग्ध मामला लखनऊ और दूसरा गाजियाबाद में दर्ज हुआ।
i). कर्नाटक
यहां बंगलूरू में दो बच्चों को संक्रमित पाया गया। एक तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इन दोनों की ही मेडिकल हिस्ट्री में ब्रॉन्कोन्यूमोनिया मिला था। इस स्थिति में बच्चों के फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है और उन्हें जुकाम, सीने में जकड़न और बुखार की शिकायत होती है।
ii). गुजरात
गुजरात में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कुल चार केस मिल चुके हैं। इनमें से तीन मामले अकेले अहमदाबाद में मिले हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अहमदाबाद में जो केस मिले हैं, उनमें से दो नवजात हैं, जिनकी उम्र एक साल से भी कम है। वहीं, संक्रमण का एक मामला 80 वर्षीय बुजुर्ग में पाया गया है।
अहमदाबाद के अलावा सबरकांठा में एक बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसकी उम्र 8 वर्ष बताई गई है। बच्चे को हिम्मतनगर शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसकी जांच की जा रही है।
अहमदाबाद में एचएमपीवी से सबसे पहले एक 3 महीने के बच्चे को संक्रमित पाया गया था, उसमें जुकाम, बुखार के अलावा सांस लेने में समस्या और कफ की परेशानी भी देखी गई। अहमदाबाद नगर निगम के चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, शुरुआत में बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहां उसकी हालत में सुधार हुआ। उसके माता-पिता राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले हैं।
वहीं, गुजरात में सबसे ताजा यानी चौथा केस एक नौ महीने के बच्चे में पाया गया है। बताया गया है कि इस बच्चे को पहले दक्षिण बोपल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बाद में उसे कफ, सर्दी-जुकाम और सांस की तकलीफ की बढ़ती समस्या के चलते दूसरे अस्पताल में सघन देखरेख में रखा गया है। उसे 6 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे की रिपोर्ट 9 जनवरी को पॉजिटिव मिली। उसकी या उसके माता-पिता की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है।
iii). असम
एचएमपीवी का सबसे ताजा मामला असम से आया है। यहां 10 महीने के एक बच्चे के ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से पीड़ित होने का पता चला है। बच्चे का डिब्रूगढ़ स्थित असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में इलाज हो रहा है। उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही।
एएमसीएच के अधीक्षक डॉ. ध्रुबज्योति भुइंया ने बताया कि बच्चा चार दिन पहले सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती हुआ था। कल हमें लाहोवाल स्थित आईसीएमआर-आरएमआरसी से परीक्षण रिपोर्ट मिली, जिसमें एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू जैसे मामलों के लिए नियमित रूप से नमूने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को भेजे जाते हैं। यह एक नियमित जांच थी, जिसमें संक्रमण का पता चला। बच्चे की हालत स्थिर है। यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है।
iv). महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कुल तीन केस मिल चुके हैं। इनमें नागपुर में एक 7 साल और एक 13 साल के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया। दोनों को ही जुकाम-बुखार की शिकायत देखी गई थी।
इसके अलावा मुंबई में जिस बच्चे को संक्रमित पाया गया, उसकी उम्र छह महीने बताई गई थी। बच्चे को जुकाम-बुखार के अलावा सीने में जकड़न की शिकायत थी। इसके अलावा उसका ऑक्सीजन लेवल भी 84 फीसदी तक आ गया था। हालांकि, उसकी स्थिति में सुधार होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
v). तमिलनाडु
तमिलनाडु में दो लोगों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि हुई है। इनमें एक 45 वर्षीय शख्स चेन्नई का रहने वाला है। दूसरे व्यक्ति की उम्र 69 वर्ष है और वह सलेम का रहने वाला है। यह शख्स पहले से कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित है। दोनों संक्रमितों की स्थिति स्थिर बनी हुई है।
vi). राजस्थान
राजस्थान में एचएमपीवी के दो मामले मिलने की बात सामने आई है। बताया गया है कि डूंगरपुर और बारां जिले में दो बच्चे इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। पहला मामला डूंगरपुर जिले के रीछा गांव से आया था। इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए अन्य संक्रमितों का पता लगाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया था।
राजस्थान का दूसरा संक्रमण का केस बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र के बादलड़ा गांव में मिला है। यहां 6 महीने की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। यहां भी मेडिकल टीम को सर्वे के लिए भेजा गया है। यह टीम जांच कर रही है कि बाकी लोगों में वायरस से जुड़े लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं।
vii). उत्तर प्रदेश
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में भी एचएमपीवी के दो संदिग्ध केस मिले हैं। इनमें एक संदिग्ध मामला लखनऊ तो दूसरा गाजियाबाद में मिलने की बात सामने आई है। लखनऊ में एचएमपीवी से जुड़े लक्षण एक 60 वर्षीय महिला में देखे गए थे।
गाजियाबाद में भी एक 93 वर्षीय बुजुर्ग में एचएमपीवी से जुड़े लक्षण देखे गए हैं। फिलहाल उनके सैंपल्स को दिल्ली एम्स में जांच के लिए भेजा गया है। बुजुर्ग को सांस की समस्या हुई थी। उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है।
viii). पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में नवंबर से लेकर अब तक एचएमपीवी के 30 से ज्यादा केस आने से जुड़े दावे हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता की पांच लैब्स ने ही नवंबर-दिसंबर 2024 में जितनी जांचें कीं, उनमें से करीब 30 केस एचएमपीवी से जुड़े थे। एचएमपीवी से प्रभावित लोगों में से 3-4 ही वयस्क थे। बाकी सारे बच्चे थे, जिनमें कई की उम्र एक साल से भी कम थी। हालांकि, सभी इस संक्रमण से उबर गए। इन लैब्स का दावा है कि एचएमपीवी के हर महीने औसत दो से तीन केस मिलते हैं।