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जिनके नाम में ही कमल उनसे क्या उम्मीद करें-सपा प्रमुख अखिलेश यादव

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मध्यप्रदेश के चुनावों में कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य दल भी ताकत झोंकने में लगे हैं। एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान पहुंचे थे, तो आज यानी शुक्रवार को छतरपुर जिले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हुंकार भरी। अखिलेश ने छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पुष्पेंद्र अहिरवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा।

अखिलेश ने कहा कि चुनाव शुरू होने के बाद ये हमारी पहली जनसभा है और जनसभा में देख रहा हूं मैदान में बड़ी संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं। ये उत्तर प्रदेश के बॉर्डर की बिल्कुल बगल की विधानसभा है। दो बार समाजवादियों को इस जगह पर आशीर्वाद मिला है, इस बार भी यहां की जनता हमारे प्रत्याशी को जिताकर भेजेगी। बदलाव के लिए और एक नए रास्ते के लिए मैं आपसे अपील करने आया हूं। 

भाजपा-कांग्रेस में कोई फर्क नहीं
अखिलेश ने कहा कि अगर गहराई से देखोगे आप तो कांग्रेस और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है, उनके सिद्धांतों में कोई फर्क नहीं। बड़े संघर्ष और समाजवादियों की लड़ाई के बाद जाकर मंडल कमीशन लागू हुआ था। मुझे याद है उस समय मुख्यमंत्री जो बने थे कांग्रेस के, उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी अगर समर्थन कर दे तो दूसरे दलों से भी समर्थन मिल जाएगा। सबसे पहले सपा ने अपने इकलौते विधायक का समर्थन दिया और फिर दूसरे दल का समर्थन मिला और उसके बाद गवर्नर ने बुलाकर कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया।

कमलनाथ पर साधा निशाना
अखिलेश ने कहा कि मैं सुबह 6 बजे जब यहां आ रहा था तो एक अंग्रेजी अखबार पढ़ रहा था। उस अखबार के फ्रंट पेज की पहली खबर थी, जो यहां के एक कांग्रेस नेता के नाम से मिलती-जुलती थी। जिनके नाम में कमल हो, उनसे क्या उम्मीद कर सकते हो। वो बीजेपी की भाषा ही बोलेंगे, दूसरी भाषा नहीं बोलेंगे। अखिलेश ने कहा कि वैसे तो अखबारों में आपने बहुत कुछ पढ़ लिया होगा। एक समय तो ऐसा था, लग रहा था हम लोग गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हम लोगों में बातचीत हुई और पता नहीं क्या, किस कारण वो बात खत्म हो गई। गठबंधन में चुनाव लड़ने का मौका मिला था। मैं तो कहूंगा कि ये अच्छा किया कांग्रेस पार्टी ने अभी धोखा दे दिया, अगर बाद में धोखा दिया होता तो हम कहीं के नहीं बचते। उस धोखे की वजह से हमें पुष्पेंद्र अहिरवार को चुनाव लड़वाना पड़ रहा है। ये तालियां बता रही है कि इस बार न बीजेपी, न कांग्रेस सिर्फ साइकल चुनाव लड़ने वाला है। 

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