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क्या नैतिकता के आधार आरपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रोतिये इस्तीफा देंगे?

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सदस्य बाबूलाल कटारा का पुत्र दीपेश कटारा को भी पकड़ा।

बर्फ में 200 मीटर नीचे 72 घंटे तक दबे रहने के बाद अजमेर-किशनगढ़ के पर्वतारोही युवक अनुराग मालू जिन्दा निकला

एस पी मित्तल, अजमेर  

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 19 अप्रैल की रात को राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा के पुत्र डॉ. दीपेश कटारा को भी डूंगरपुर से पकड़ लिया है। सैकण्ड ग्रेड शिक्षक भत्र्ती पेपर लीक के मामले में कटारा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि बाबूलाल कटारा ने आयोग से जो प्रश्न चुराये उसको बेचने में डॉ. दीपेश कटारा की भी भूमिका है। डॉ. कटारा की गिरफ्तारी से जाँच को आगे बढ़ाया जायेगा लेकिन सवाल उठता है कि क्या आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोतिये अब अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे? आयोग की प्रश्न पत्र तैयार करने और फिर प्रिंटिंग प्रेस को भेजने में आयोग अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है किसी भी परीक्षा के प्रभारी सदस्य द्वारा प्रश्न-पत्र के जो तीन-चार सैट तैयार किये जाते हैं उसमें से 1 सैट का चयन आयोग अध्यक्ष ही करते हैं। सैट के चयन के बाद अध्यक्ष ही पिं्रटिंग प्रेस में भेजते हैं। सवाल उठता है की सदस्य बाबूलाल कटारा ने जो प्रश्न चुराये उसकी जानकारी क्या अध्यक्ष को नहीं थी? सवाल यह भी है कि यदि जानकारी नहीं भी तो संजय श्रोतिये अध्यक्ष की भूमिका कैसे निभा रहे थे? यह सही है कि एसओजी की जाँच अध्यक्ष तक नहीं जा पायेगी, क्योंकि संजय श्रोतिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसन्द है यह माना कि गहलोत के मुख्यमंत्री रहते संजय श्रोतिये का कुछ नहीं बिगड़ेगा, लेकिन श्रोतिये एक जिम्मेदार आईसीएस अधिकारी रहे हैं। इस नाते आयोग में किसी भी गलत कार्य होने पर उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है। आयोग के इतिहास में यह पहला अवसर है कि जब पेपर लीक के मामले में किसी सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। आयोग का जब कभी इतिहास लिखा जायेगा तो यह उल्लेखित होगा कि संजय श्रोतिये अध्यक्षीय कार्यकाल में एक सदस्य ने पेपर लीक किया। सरकार हटाये या नहीं लेकिन संजय श्रोतिये को नैतिकता के नाते आयोग के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना चाहिये.। श्रोतिये माने या नहीं लेकिन बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर युवाओं का आयोग पर से भरोसा उठ गया है। 

मालू जिन्दा निकला

आखिरकार 20 अप्रैल को तड़के 3 बजे अजमेर के किशनगढ़ के पर्वतारोही अनुराग मालू को नेपाल के अन्नपूर्णा शिखर से जिन्दा निकाल लिया गया है। फिलहाल मालू को नेपाल के पोखर अस्पताल में इलाज के लिए रखा गया है। मालूम हो कि 16 अप्रैल को जब अपने दल के साथ अनुराग मालू बर्फ के अन्नपूर्णा पहाड़ पर चढ़ाई कर रहा था कि तभी बर्फ की गहरी खाई में घुस गया। कोई 200 मीटर बर्फ में जाने के बाद विभिन्न ऑपरेशन चलाये गये लेकिन मालू को निकाला नहीं जा सका मालू को जिन्दा निकालने के लिए परिवार में जो प्रक्रिया की उसमें समाजसेवी सुभाष काबरा की भी भूमिका रही है काबरा ने बताया कि जिला कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखवा कर विदेश मंत्रालय में भिजवाया गया, ताकि सरकारी स्तर पर ऑपरेशन चलाया जा सके इस मामले में लोक सभा अध्यक्ष ओम ूिबड़ला की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। काबरा ने बताया कि सरकारी स्तर पर हुये प्रयासों से ही अनुराग मालू को जिन्दा निकाल लिया गया है। इस सम्बन्ध में ओर अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9829071696 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है। काबरा ने भी इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि 200 मीटर बर्फ में रहने के बाद भी मालू सकुशल बाहर आ गया है। 

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