आए दिन विवादों में रहने वाली ज़ोमेटो फूड डिलीवरी कंपनी एक बार फिर विवाद के घेरे में है। इस बार विवाद बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन द्वारा किए गए जोमेटो कंपनी के ही विज्ञापन को लेकर है। जिसमें उन्होंने कहा – थाली का मन किया, उज्जैन में हैं, तो मँगा लिया। विज्ञापन की इसी लाइन को लेकर महाकाल मंदिर के पुजारियों ने सख्त विरोध करते हुए इस विज्ञापन को बंद करने के साथ ही जोमेटो कंपनी के साथ-साथ रितिक रोशन से भी इस विज्ञापन पर माफी मांगने को कहा है। विज्ञापन में रितिक रोशन अनेक शहरों के नाम लेते नजर आए और खत्म उज्जैन के महाकाल पर किया।
मंदिर के पुजारी महेश का कहना है कि महाकाल इस प्रकार कि किसी भी थाली का डिलीवरी नहीं करता है। जोमेटो ने लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। अगर कोई दूसरा समाज होता तो अब तक कंपनी में आग लगा दिया होता, वह तो हिन्दू समाज सहिष्णु है, वह कभी उग्रता से विरोध नहीं करता। उन्होंने इस विज्ञापन को तुरंत बंद करने को कहा।
महाकाल में भक्तों को प्रसादी की थाली दी जाती है, मंदिर आने वाले भक्त अन्न क्षेत्र में प्रसाद की थाली ग्रहण करते हैं न कि किसी को मंगाने पर थाली डिलीवर की जाती है। यह थाली पूरी तरह से वेज होती है और मंदिर समिति की तरफ से इस थाली की कोई कीमत भक्तों से नहीं ली जाती बल्कि यह मुफ़्त में ही प्रदान की जाती है और हजारों भक्त सुबह-शाम इस प्रसाद को लेने के लिए लाइन लगाते हैं। इस तरह के प्रसाद वितरण का काम सैकड़ों साल से चली या रही है। उज्जैन का महाकालेश्वर बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। जबकि जोमेटो फूड डिलीवरी कंपनी नॉनवेज खाने की भी डिलीवरी भी करता है। इस बात को लेकर मंदिर समिति में भयंकर रोष है। जिस पर उन्होंने जोमेटो कंपनी द्वारा इस विज्ञापन को बंद करने के साथ ही माफी मांगने की बात रखी है। यदि माफी नहीं मांगी तो समिति इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटकटाएगी।
उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने भी इस विज्ञापन को संदेह पैदा करने वाला और तथ्यहीन बताया है। जल्द ही इस विज्ञापन को बंद करवाने की कार्यवाही करेंगे ताकि लोगों की भावानाएं आहत न हों। उन्होंने भी इस बात को रेखांकित किया कि महाकाल की तरफ से कोई थाली नहीं मँगवाई जाती बल्कि भक्त प्रसादी ग्रहण करते हैं।
सके पहले भी जोमेटो कंपनी कई बार विवाद में आ चुकी है। 2018 में डिलीवरी बॉय द्वारा ग्राहक के पैकेट से खाना निकाल कर खाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिस पर बहुत बवाल हुआ था। पाँच महीने पहले भी कंपनी तब विवाद के घेरे में आई जब कंपनी ने ऑर्डर देने के दस मिनट में फूड डिलीवरी का दावा किया था। 2008 में पंकज चड्ढा और दीपेंदेर गोयल ने फूडीबी के नाम से कंपनी की स्थापना की गई है। लेकिन जनवरी 2010 में इस कंपनी का नाम जोमेटो (जोमेटो मीडिया पीवीटी एलटीडी) कर दिया गया।