देश के नामी पहलवान अखाड़ों में उतरने की बजाय 3 दिन से दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। वजह- भारतीय कुश्ती महासंघ यानी WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह हैं। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं।
बड़े नामों की वजह से ये मामला सुर्खियों में आ गया। हालांकि पिछले 10 साल में अलग-अलग खेलों में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 45 लोगों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। 7 साल पहले केरल की जूनियर महिला एथलीट अपर्णा रामचंद्रन ने तो कोच के उत्पीड़न से परेशान होकर स्पोर्ट्स अथॉरिटी के हॉस्टल में ही सुसाइड कर लिया था।
पिछले 10 साल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी से जुड़े यौन उत्पीड़न के 8 बड़े आरोपों की कहानी…
1. फुटबॉल कोच पर महिला खिलाड़ियों को गंदे मैसेज भेजने का आरोप
जुलाई 2022 की बात है। भारतीय अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम के साथ सहायक कोच एलेक्स एम्ब्रोस यूरोप दौरे पर गए थे। इस दौरान एक खिलाड़ी ने कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। खिलाड़ी का कहना था कि उसे अपने कोच एम्ब्रोस से ऐसी उम्मीद नहीं थी। इसलिए वह हैरान थी। रिपोर्ट के मुताबिक एम्ब्रोस पर खेल के बाद खिलाड़ियों को गंदे और भद्दे मैसेज भेजने का आरोप है।
ये तस्वीर कोच एलेक्स एम्ब्रोस की है, जिन पर खिलाड़ियों ने गंदे और भद्दे मैसेज भेजने का आरोप लगाया है।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने शिकायत मिलने के कुछ दिनों के भीतर कोच को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही फुटबॉल महासंघ ने कहा था कि-
‘शुरुआती कार्रवाई के तौर पर, फेडरेशन ने आगे की जांच होने तक संबंधित व्यक्ति को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। AIFF ने संबंधित व्यक्ति को टीम के साथ सभी संपर्क बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही तुरंत भारत लौटने और आगे की जांच के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा है।’
2. साइक्लिंग कोच पर खिलाड़ी को अपने कमरे में रोकने का आरोप
जून 2022 की बात है। एक महिला साइक्लिस्ट ने स्लोवेनिया दौरे पर भारतीय राष्ट्रीय महिला साइक्लिस्ट टीम के मुख्य कोच आरके शर्मा पर यौन उत्पीड़न और मिस बिहेव करने के आरोप लगाए।
शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया कि कोच ने उसे अपने साथ एक कमरे में ठहरने के लिए मजबूर किया। इस बहाने से होटल का कमरा साझा करने के लिए मजबूर किया कि दो लोगों के रहने की एक ही कमरे में व्यवस्था की गई है।
बाद में एथलीट ने इस मामले में शर्मा के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था। इसके बाद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने कोच से सभी अनुबंध खत्म कर दिए।
3. कोच पर फिजियोथेरेपी के बहाने यौन उत्पीड़न करने का आरोप
जुलाई 2021 में 7 महिला एथलीटों ने बास्केटबॉल कोच पी नागराजन पर कई वर्षों तक दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए। सबसे पहले 19 साल की एक एथलीट ने नागराजन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
इस घटना को याद कर खिलाड़ी ने एक इंटरव्यू में कहा था- ‘अगर कोई मुझे गले लगाने की कोशिश करता है, तो एकदम से सिहर जाती हूं। उस रोज की घटना को याद कर जीना मुश्किल हो गया है। एक रोज सेशन शुरू होने के कुछ समय बाद मुझे असहज महसूस होने लगा। मैंने देखा कि कोच अपने शरीर को जानबूझकर मेरे शरीर से रगड़ रहे थे। मुझे अपमानित महसूस हुआ। मैंने सेशन को रोकने का फैसला किया, लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया।’
ये आरोप लगाए जाने के दो महीने बाद 7 अन्य महिला एथलीटों ने भी आरोप लगाए। नागराजन के खिलाफ नई शिकायतें आने के बीच जांच में खुलासा हुआ कि वह महिला खिलाड़ियों का ‘फिजियोथेरेपी उपचार’ करने के बहाने यौन उत्पीड़न करता था। 30 मई 2021 को पुलिस ने नागराजन को गिरफ्तार कर लिया था।
4. गौतम गंभीर की मदद से महिला क्रिकेटर ने उत्पीड़न का केस दर्ज कराया
जनवरी 2020 में दिल्ली पुलिस ने दक्षिण-पूर्व दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में एक महिला क्रिकेटर के साथ उसके कोच द्वारा कथित छेड़छाड़ करने के मामले में FIR दर्ज की। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने कहा था कि महिला खिलाड़ी उनके पास पहुंची थी और इस मामले में मदद मांगी थी। इसके बाद गौतम गंभीर की मदद से महिला ने कोच के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
5. महिला जिम्नास्ट ने कोच पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया
सितंबर 2014 में एक महिला जिम्नास्ट ने अपने कोच पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। जिम्नास्ट ने अपने कोच मनोज राणा और साथी जिम्नास्ट चंदन पाठक पर राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर में एक प्रशिक्षण शिविर के दौरान अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 25 अक्टूबर 2014 को मनोज राणा को दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
6. स्टेट एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव पर यौन उत्पीड़न का आरोप
मार्च 2011 में तमिलनाडु स्टेट एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव एके करुणाकरन पर उत्पीड़न, छेड़छाड़ और आपराधिक धमकी के आरोप लगे थे। महिला मुक्केबाज ने कहा कि सचिव राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सेलेक्शन के लिए यौन संबंध बनाने का दबाव बनाते थे।
2009 की महिला सीनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता 24 साल की ई तुलसी ने अपनी शिकायत में कहा था कि एसोसिएशन के सचिव एके करुणाकरन ने विरोध करने पर उसके साथ मिस बिहेव भी किया था। केस दर्ज होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने एके करुणाकरन को गिरफ्तार कर लिया था।
इस तस्वीर में एक कार्यक्रम में तब के केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू से सम्मानित होते हॉकी कोच महाराज किशन कौशिक दिख रहे हैं। बाद में उत्पीड़न के आरोप में इन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।
7. महिला हॉकी टीम की सदस्य ने कोच पर लगाया सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप
जुलाई 2010 में भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी रंजीता देवी ने टीम के कोच महाराज किशन कौशिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। खिलाड़ी का कहना था कि चीन और कनाडा दौरे के दौरान कोच ने जबरन सेक्शुअल हैरेसमेंट की कोशिश की।
इसके बाद हॉकी टीम के कोच महाराज किशन कौशिक के खिलाफ जांच के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी, जिसके बाद कौशिक को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
8. ‘गंदे मैसेज भेजकर यौन संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने के आरोप’
2009 में आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) के सचिव वी चामुंडेश्वरनाथ पर महिलाओं को टीम में शामिल करने के लिए यौन संबंध के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा था।
23 जून 2009 को हैदराबाद में राज्य की गृह मंत्री सबिता इंद्र रेड्डी से मुलाकात कर आंध्र क्रिकेट टीम की कई महिला खिलाड़ियों ने चामुंडेश्वरनाथ के खिलाफ कथित रूप से भद्दे SMS भेजने और उनसे यौन संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई।
गृह मंत्री ने आरोपों की DSP स्तर की जांच का वादा किया था। गृह मंत्री के आदेश के बाद चामुंडेश्वरनाथ को पद से हटा दिया गया।
10 साल में स्पोर्ट्स् अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 45 लोगों पर यौन उत्पीड़न के आरोप
17 जनवरी 2020 को एक RTI से खुलासा हुआ कि 2010 से 2020 के बीच 10 साल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी SAI के 45 लोगों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। इनमें से 29 यौन उत्पीड़न की शिकायत तो अलग-अलग खेलों से जुड़े कोचों के खिलाफ हैं।
इनमें से कई आरोपों की जांच के बाद SAI ने अधिकारियों या कोचों के खिलाफ सामान्य कार्रवाई करते हुए वेतन कटौती, पेंशन में मामूली कटौती या ट्रांसफर के आदेश दिए। कुछ मामले तो सालों से पेंडिंग हैं। इनमें से कई मामलों में आरोपी अब भी अपने पदों पर बने हुए है।
ये जानकारी सामने आने के बाद तब के केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि एक महीने के अंदर सभी पेंडिंग केस को सॉल्व किया जाएगा। 3 मार्च 2020 को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने जानकारी दी कि कुल 19 मामले पेंडिंग थे। इनमें से 9 को सॉल्व कर लिया गया जबकि 5 मामले दो सप्ताह के अंदर सेटल हो जाएंगे।
हैंडबॉल और खो-खो अकादमी में शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था नहीं
देश के कई स्पोर्ट्स अकादमियों में शिकायत की कोई उचित व्यवस्था ही नहीं है। हैंडबॉल, खो-खो और मलखंभ जैसे खेल यूनियनों के पास ऐसे मामलों को सॉल्व करने के लिए अभी भी एक जिम्मेदार इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी (ICC) तक नहीं है। जबकि इन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों ने यौन शोषण के खिलाफ लगातार शिकायत की है।
सितंबर 2018 में मलखंभ संघ के प्रमुख आर इंदौलयि पर सात महिला खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके बाद जांच के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से उन्हें जबरदस्ती पद से हटाया गया।
वहीं, मई 2015 में केरल के सरकारी स्पोर्ट्स अथॉरिटी के हॉस्टल में नौकायन से जुड़े चार जूनियर एथलीटों ने अपने कोच से परेशान होकर संयुक्त रूप से सुसाइड नोट लिखा और आत्महत्या का प्रयास किया। इनमें से एक अपर्णा रामचंद्रन की मौत भी हो गई थी।
इस तस्वीर में ओलिंपिक संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे दिख रहे हैं, जिन्हें उत्पीड़न के आरोप में पद छोड़ना पड़ा था।
भारतीय ओलिंपिक संघ के कोषाध्यक्ष पर दर्ज हुआ रेप का मुकदमा
यौन उत्पीड़न के इस तरह के मामलों से भारतीय ओलिंपिक संघ भी अछूता नहीं है। मार्च 2022 में भारतीय ओलिंपिक संघ के पूर्व कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे पर महिला हैंडबॉल खिलाड़ी सीमा शर्मा ने रेप का मुकदमा दर्ज कराया था।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की पूर्व राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल खिलाड़ी सीमा शर्मा ने पांडेय के खिलाफ राजस्थान के भिवाड़ी में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 511 (अपराध करने का प्रयास) और 506 (आपराधिक धमकी) शिकायत दर्ज कराई थी। आनंदेश्वर पांडेय 2013 से 2020 तक हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया (एचएफआई) के महासचिव भी थे।
जर्मनी में खिलाड़ियों का यौन उत्पीड़न चुनावी मुद्दा बन गया था
भारत में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद महिला खिलाड़ियों को कार्रवाई के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। वहीं, 2021 में जब जर्मनी में महिला खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए तो ये चुनावी मुद्दा बन गया था। वहां की संसदीय समिति ने इस मुद्दे पर लोगों के बीच जाकर अपने विचार रखे। यहां खेलों में शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न न हो, इसके लिए कड़े कानून बनाए गए हैं।