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‘अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में हर महीने 3 ट्रेन हादसे

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हादसे पर हादसे.. आखिर कब जागेगा रेलवे

उत्तर  प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस डिरेल हो गई। भारतीय रेलवे में इस तरह की दुर्घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस ने जानकारी जुटाई है कि जब से मौजूदा रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने पदभार संभाला है, तब से हर महीने 3 डिरेलमेंट हो रहे हैं। पैसेंजर सेफ्टी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। आरटीआई से पता चला है कि 7 जुलाई, 2021 में अश्विनी वैष्णव ने रेलमंत्री का पदभार संभाला था। पिछले तीन सालों में हर महीने दो पैसेंजर ट्रेन और 1 मालगाड़ी डिरेल हुई है। आरटीआई के जरिए रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 7 जुलाई, 2021 से 17 जून, 2024 तक 131 ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं हैं, इनमें से 92 ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाएं हैं। इन दुर्घटनाओं में 64 पैसेंजर ट्रेन और 28 मालगाड़ी शामिल हैं।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का आजकल मुंबई आना-जाना बढ़ गया है। उन्हें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी की ओर से चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है। मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे के आला अधिकारियों का भी अब ज्यादा फोकस रेलमंत्री से मीटिंग और उसकी तैयारी पर होता है। बहरहाल, शुक्रवार को अश्विनी वैष्णव पश्चिम रेलवे के हेड क्वॉर्टर में सुरक्षा से जुड़ी मीटिंग कर ही रहे थे कि एक और डिरेलमेंट हो गया। यह डिरेलमेंट पश्चिम रेलवे के मुंबई डिविजन में वलसाड के पास हुआ, जहां इस बार मालगाड़ी के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए।

किसी भी रेल दुर्घटना के बाद हर बार ‘कवच’ जैसी टेक्नॉलजी की बात होती है। इस भारतीय तकनीक से ट्रेनों को हेड ऑन कॉलिशन यानी आमने-सामने की टक्कर से रोका का सकता है, लेकिन आरटीआई के आंकड़े बताते हैं डिरेलमेंट की घटनाएं कहीं ज्यादा हैं। कवच तकनीक से डिरेलमेंट जैसी दुर्घटनाओं को नहीं रोका जा सकता है। आरटीआई से पता चला है कि 2023-24 में 36,545 किमी रेल रूट के लिए कवच इंस्टॉल करने का काम शुरू हुआ है। रेलवे इसके लिए 710 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

भारतीय रेलवे में दस लाख पद संरक्षा की श्रेणी में स्वीकृत हैं। एक आरटीआई के जरिए पता चला है कि इनमें से करीब डेढ़ लाख पद अभी भी खाली हैं। इनमें लोको पायलट्स, ट्रैक मेंटेनर्स, पॉइंट्स मैन, इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर्स जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। रेलवे ने यह जानकारी मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रकांत शेखर गौड़ को दी थी। मुंबई में भी लगातार सिग्नल फेल होने जैसी घटनाएं होती रहती हैं। कुछ अधिकारी वर्ग के लोगों ने कहा है कि अब ज्यादा फोकस अमृत भारत और वंदे भारत ट्रेन जैसे प्रॉजेक्ट पर चला गया है। महीने में करीब 15 दिन इन्हीं प्रॉजेक्ट से जुड़ी हाई लेवल मीटिंग्स होती रहती हैं। इसमें आला अधिकारी शामिल होते हैं, जिसके कारण डिविजन में होने वाले घटनाक्रम से ध्यान बंट गया है।

बड़े डिरेलमेंट की फेहरिस्त

13 जनवरी, 2022: बीकानेर-गोवाहाटी एक्सप्रेस जलपाईगुडी के पास डिरेल हुई जिसमें 9 यात्रियों की मौत हो गई।
2 जनवरी, 2023: मारवाड़ जंक्शन के पास सूर्यनगरी एक्सप्रेस के 11 कोच डिरेल हो गए। इसमें 9 लोग घायल हो गए थे।
11 अक्टूबर, 2023: रघुनाथपुर स्टेशन के पास आनंद विहार- कामाख्या एक्सप्रेस के 6 कोच डिरेल हो गए। इसमें 4 यात्रियों की मौत हुई और 70 घायल हुए।
29 अक्टूबर, 2023: कोट्टावालसा जंक्शन के पास एक पैसेंजर ट्रेन डिरेल हुई। इसमें 14 लोगों की मौत हुई और 50 लोग घायल हुए।
18 जुलाई, 2024: गोंडा स्टेशन के पास डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस डिरेल हुई। इसमें 4 लोगों की मौत और 25 लोग घायल हो गए।

हादसे पर हादसे.. आखिर कब जागेगा रेलवे

 यूपी के गोंडा मेंहुए इस हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई , जबकि 20 ज्यादा पैसेंजर घायल हो गए। यह इस साल की तीसरी चौथी रेल दुर्घटना है। 17 जून को भी पश्चिम बंगाल के सियालदह जाने वाली दार्जिलिंग में कंचनजंघा एक्सप्रेस की चार बोगी मालगाड़ी की टक्कर के बाद पटरी से उतर गई थी। कंचनजंघा हादसे में 9 लोगों की मौत हुई थी और 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। रंगापानी स्टेशन के पास हुई दो ट्रेनों की टक्कर में जांच के बाद पता चला कि सिग्नल में खराबी और मेमो में गड़बड़ी के कारण एक्सिडेंट हुआ था। इससे पहले 17 फरवरी 2024 को दिल्ली के सराय रोहिल्ला रेलवे के पास एक मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। 2 जून 2024 को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में सरहिंद के माधोपुर के पास दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं थी। इस टक्कर में दो ट्रेन ड्राइवर घायल हो गए थे।

पिछले साल बालासोर हादसे में गई थी 293 लोगों की जान
करीब एक साल पहले 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा भयानक था, जिसमें 296 लोग मारे गए थे और 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 29 अक्टूबर 2023 को दो पैसेंजर ट्रेनें टकरा गई थीं। 29 अक्टूबर 2023 को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को पीछे से टक्कर मारी थी। दो पैसेंजर ट्रेनों की टक्कर में 14 यात्रियों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे।

पिछले दो सालों में ये रेल हादसे भी हुए
इसके अलावा 26 अगस्त 2023 को लखनऊ से रामेश्वरम जा रही ट्रेन में तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास आग लग गई थी। इस हादसे में 10 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। रेलवे ने बताया कि आग गैस सिलेंडर की वजह से लगी। वहीं 11 अक्टूबर को बिहार के बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 13 जनवरी 2022 को बिकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए थे। इस रेल हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे।

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