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श्रीराम मंदिर में लगेगा अलीगढ़ का 400 किलो का ताला, खोलने के लिए 4 फ़ीट की चाबी…

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22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का खास आकर्षण अलीगढ़ में बना 400 किलो का ताला होगा। जिसकी चाभी ही 30 किलो की है। इस ताले को लेकर लोग अलीगढ़ से अयोध्या के लिए रवाना हो गए हैं।

अयोध्या में भगवान राम का विशाल एवं भव्य मंदिर बन रहा है, जो अगले साल से खुल सकता है। इस भव्यतम मंदिर के लिए तालों के लिए मशहूर अलीगढ़ में 400 किलो का ताला एक भक्त ने बनाया है। ये ताला हाथ से बना है और पूरी तरह से अटूट है। खास बात ये है कि इस 400 किलो को ताले को खोलने के लिए बनी चाबी भी 4 फिट लंबी है। इस पूरे ताले की लंबाई करीब 10 फिट है, तो 4.5 फिट चौड़ाई और 9.5 इंच मोटाई है।

इसे बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए ये उनकी तरफ से भेंट है। इस ताले पर उन्होंने भगवान राम और माता सीता की तस्वीरें भी लगाई हैं।

ये ताला बनाया है अलीगढ़ के रहने वाले सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मिणी ने। रुक्मिणी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पहले हमने 6 फिट का ताला बनाया था, लेकिन लोगों ने कहा कि जब मंदिर विशाल है, तो ताला भी विशाल होना चाहिए। इसके बाद हमने 10 फिट का ताला बनाने का फैसला किया। उनके पति और ताला कारीगर सत्य प्रकाश ने कहा कि उनके पूर्वज एक सदी से भी ज्यादा समय से हाथों से ही ताला बनाते आ रहे हैं।वो खुद करीब 45 वर्षों से ये काम कर रहे हैं। लेकिन ऐसा मौका अब जाकर आया है, जब उन्हें अपने काम से संतुष्टि मिली है

महीनों तक की है मेहनत

सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस ताले को बनाने में महीनों का समय लगा है। इसे इस साल की शुरुआत में अलीगढ़ के सालाना जलसे में भी रखा गया था, जिसमें कुछ बदलाव हो रहे हैं। अभी इसमें सजावट और थोड़े बदलाव की जरूरत पड़ रही है, जिसमें वो जुटे हुए हैं। इस ताले पर उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अपनी भी तस्वीर लगाई है, तो भगवान राम और माता सीता की तस्वीर मुख्य रूप से लगाई गई है। ताले में बदलाव का काम आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा और अयोध्या भेजने का इंतजाम किया जाएगा।

क्या है ताले की खासियत

कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर को ध्यान में रखते हुए 4 फीट की चाबी से खुलने वाला विशाल ताला बनाया है, जो 10 फीट ऊंचा, 4.5 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है। इस ताले को इस साल की शुरुआत में अलीगढ़ वार्षिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था और अब शर्मा, इसमें मामूली संशोधन करने और सजावट में व्यस्त हैं। 

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह एकदम सही हो। शर्मा के साथ इस काम में उनकी पत्नी रुक्मिणी देवी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस कठिन काम में मेरी पत्नी ने खूब मदद की। रुक्मणी ने कहा, ”पहले हमने छह फीट लंबा और तीन फीट चौड़ा ताला बनाया था, लेकिन कुछ लोगों ने बड़ा ताला बनाने का सुझाव दिया, इसलिए हमने इस पर काम करना शुरू कर दिया।”

 ताले को बनाने में आया इतना खर्चा

शर्मा ने बताया कि ताले को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शर्मा के अनुसार, ताला बनाने में उन्हें लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया और उन्होंने इसके लिए अपनी सेविंग्स खर्च कर दीं। उन्होंने कहा, “चूंकि मैं दशकों से ताला बनाने का व्यवसाय कर रहा हूं, इसलिए मैंने मंदिर के लिए एक विशाल ताला बनाने के बारे में सोचा क्योंकि हमारा शहर तालों के लिए जाना जाता है और इससे पहले किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया है।”

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