अशोक मधुप
पोर्न की मादकता , नशे और मायाजाल से आने वाली पीढ़ी और समाज को बचाना एक बड़ी चुनौती है।ऐसी चुनौती जिसके कारण हमारी नई पीढ़ी अपराध और नशे की और जा रही है।किशोर छेड़छाड़ रेप जैसी घटनाओं में शामिल हो रहे हैं। कोरोना काल में शुरू हुई आनलाइन पढ़ाई ने स्कूल जाने वाले हर बच्चे में मोबाइल पंहुच गया।मोबाइल के हाथ में आने के बाद शुरू हो गया आनलाइन गेम और पोर्न का शिकजां। इससे बचना और बच्चे और किशोरों को बचाकर रखना परिवारजनों के सामने एक बड़ी चुनौती बन गया है। पोर्न के जाल को लेकर हम भारतीय ही नही, गुरू पोप फ्रांसिस भी चिंतित नजर आए।उन्होंने तो हाल में यहां तक कह दिया कि चर्च के फादर और नन भी पॉर्न देखते हैं।
भारतीय समाज में बहुत समय से शिकायत आ रही थीं कि बच्चे , किशोर और युवा पोर्न फिल्म देख रहे हैं। डीवीडी प्लेयर आने के समय जगह− जगह छोटे −छोटे थियेटर खुल गए थे। घर के कमरे में भी थियेटर रूम बन गए थे।पुलिस से मिलकर इनमें अश्लील फिल्म दिखाई जाने लगी थीं।बच्चे स्कूल छोडकर इन थियेटर तक जाने लगे थे।सरकार ने सख्ती की। यह मिनी थियेटर बंद हो गए।उस समय पार्न फिल्म आने लगीं थी, किंतु अधिकतर दबा− छिपा था।मोबाइल और इंटरनेट आने पर बच्चा, किशोर और युवा भी इसकी जद में आ गया। मोबाइल और इंटरनेट के कारण ये पोर्न देखने की कहानी बढ़ती ही गई।
कोरोना काल में आनलाइन क्लास शुरू हुईं तो परिवार के प्रत्येक बच्चे के हाथ में मोबाइल आ गया। पहले पति− पत्नी के पास ही मोबाइल होता था।आन −लाइन पढ़ाई शुरू हुई तो मोबाइल बच्चों को मिल गया। एक समय क्लास होने के कारण परिवार के अलग− अलग बच्चे को मोबाइल देना मजबूरी बन गई। मोबाइल बच्चों किशोर और युवाओं को मिला तो नेट के साथ पोर्न भी इन तक पंहुच गई।हम भारतीय परिवार पोर्न के समाज में आती गंदगी को लेकर चिंतित रहे हैं। यह भी सूचनांए आती रहीं कि बच्चे और किशोर पोर्न देखकर अपराध के रास्ते पर जा रहे हैं। वे छेड़छाड़ और बलात्कार में लग रहे हैं।हालत यह है कि नेट पर अपनी जरूरत के सामान की खोज में धीरे− धीरे अश्लील फोटो,शार्ट मूवी आनी शुरू हो जाती हैं। पढ़ने के लिए समाचार खोजते हुए बिकनी पहने फिल्मी एक्टर दीखने लगती हैं।बार− बार चर्चा होती रही है किंतु इसकी गंभीरता का अदांजा नही था। गंभीरता का पता गुरू पोप फ्रांसिस के चिंतित नजर आने से लगा।उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि चर्च के फादर और नन भी पॉर्न देखते हैं।
26 अक्टूबर को पोप फ्रांसिस रोम में अध्ययन कर रहे पादरियों और अन्य लोगों को संबोधित कर रह रहे थे। इस दौरान उनसे पूछा गया कि डिजिटल और सोशल मीडिया का किस तरह सबसे अच्छा इस्तेमाल किया जाए. इसका जवाब देते हुए पोप फ्रांसिस ने पॉर्नोग्राफी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि “पॉर्न वीडियो मत देखो” कहने वाले भी पॉर्न देखते हैं। पोप फ्रांसिस ने इस सच्चाई को स्वीकार किया । उन्होंने ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी पर चिंता जताते हुए माना है कि पादरी और नन भी पॉर्न देखते हैं। पोप फ्रांसिस ने कहा कि ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी का “लालच” पुरोहित स्वभाव के व्यक्ति को भी कमजोर कर देता है।“कई लोगों को पॉर्नोग्राफी का लालच है. सामान्य पुरुषों, महिलाओं, यहां तक कि पादरियों और नन को भी ये बुरी आदत है। मैं सिर्फ क्रिमिनल पॉर्नोग्राफी की बात नहीं कर रहा हूं, वो तो पतन है ही. मैं बात कर रहा हूं उस पॉर्नोग्राफी की जिसे “सामान्य” कहा जाता है. उसे मोबाइल फोन से डिलीट कर दिया जाना चाहिए.”।
कैथोलिक चर्च के प्रमुख ने बताया कि उन्होंने कभी मोबाइल नहीं रखा। ना उसका इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि लोगों को इस डिवाइस को उचित तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। पोप ने कहा कि मोबाइल पर लगातार न्यूज देखने-पढ़ने, संगीत सुनने जैसी आदतें व्यक्ति को उसके काम से भटकाती हैं। उसके बाद वो पॉर्न जैसी चीजों की तरफ बढ़ता है।
छत्तीसगढ के सरगुजा मुख्यालय पर पांच फरवरी 2022 को प्रकाश में आई एक घटना से पता चला कि अंबिकापुर में आठ साल की बच्ची से उसीके परिवार के छह नाबालिग लड़कों द्वारा दुष्कर्म किया गया। डराया −धमकाया गया। सभी मोबाइल में अश्लील वीडियो देखकर उसके साथ करीब पिछले डेढ़ महीने से दुष्कर्म कर रहे थे।बच्ची के पेट में दर्द होने पर जब परिजनों से पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हुआ।परिजनों ने पुलिस को आरोपितों का मोबाइल भी दिया है। उसमें पुलिस को ढेरों अश्लील वीडियो मिले हैं। इंटरनेट के जरिए पोर्न साइट्स पर जाने की लिंक मिली है।आरोपितों ने सबसे छोटे छह साल के बच्चे को भी ये वीडियो दिखाया और उससे ऐसा करने को कहा।छत्त्सगढ़ अकेला ऐसा प्रदेश नहीं जहां ये घटना हुई।इस तरह की घटनाएं अब काफी प्रकाश में आ रही हैं। काफी पहले 2018 में देशभर में बढ़ रही रेप की घटनाओं के बीच मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह का बयान सामने आया है। भूपेन्द्र सिंह ने बच्चों के खिलाफ बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं की वजह पोर्न साइट्स को बताया है। उन्होंने कहा है कि मासूमों के साथ बढ़ रही रेप और छेड़छाड़ की घटनाओं के लिए पोर्न साइट्स जिम्मेदार हैं। हालाकि भारत में पोर्न बेन है,फिर भी भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक पोर्न देखने वाला देश है।
एक साइट बेन होती है तो नाम बदल कर दूसरी साइट सामने आ जाती है।सब कुछ वही रहता है ,सिर्फ मुखोटे बदलते रहतें हैं।
जुलाई 20201 में एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के बिजनेसमैन पति राज कुंद्रा को अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप के जरिए पब्लिश करने के मामले में गिरफ्तार किया गया ।इसके बाद पुलिस को मिली जानकारी ये पता चला कि फिल्मी दुनिया पोर्न फिल्म का बड़ा बाजार बन गया है। बाहर से फिल्मी दुनिया में भाग्य आजमाने आने वालों को फिल्मी दुनिया के पुराने घाघ फांस लेते हैं।उन्हें पतन के इस रास्ते का पता तब चलता है, जब वह इस गंदगी की दलदल में गले− गले तक फंस जाते हैं।
गुरू पोप फ्रांसिस तो मोबाइल से दूर रह सकते हैं।किंतु आम आदमी के लिए आज मोबाइल जिंदगी की जरूरत बन गया है।रास्ता दिखाने से लेकर टार्च,घड़ी, डायरी ,नोटबुक, डिक्शनरी, कैलेंडर सब कुछ इसमें आ गया है।यह एक तरह से आतशी चराग है, जिससे मांगने पर सब कुछ खोजा जा सकता है।ऐसे हालात में बस आत्म संयम और परिवार के बच्चों और किशोरों पर नजर रखने से ही बचा जाना संभव है।बच्चों और किशोरों के मोबाइल को समय− सयम पर चैक किया जाता रहना चाहिए।उन्हें मोबाइल या टेबलेट लेकर ऐसी जगह बैठाया जाए जहां परिवार के सब सदस्यों की नजर रहे।
अशोक मधुप
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)