निर्मल कुमार शर्मा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी या National Aeronautics and Space Administration या नासा के खगोल वैज्ञानिकों ने दुनिया को सूचित किया है कि अभी पिछले दिसम्बर 2021में उनके द्वारा अंतरिक्ष में छोड़े गए अब तक के सबसे शक्तिशाली जेम्स वेब टेलीस्कोप या James Webb Space Telescope जो 8 खरब रूपयों की लागत से बना था,से एक अंतरिक्ष पिंड या Micrometeoroid टकरा गया है, जिससे उसके लेंस क्षतिग्रस्त हो गए हैं !
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दु:खद घटना अभी बीते 23से 25मई 2022के बीच किसी दिन जेम्स वेब से इस अंतरिक्ष पिंड की टकराने की घटना हुई है,जिसने उसके सोने की परत वाले दर्पणों को काफी नुकसान पहुंचाया है ! इस टेलीस्कोप के सोने चढ़े दर्पण पर अंतरिक्ष में तेज गति से चक्कर लगा रहे एक अंतरिक्ष पत्थर या Micrometeoroid ने जोरदार टक्कर मार दी ! उस समय जेम्स वेब टेलीस्कोप या James Webb Space Telescope जो हमारी पृथ्वी की कक्षा में हमारी धरती से लगभग 10 लाख मील या 16 लाख 9 हजार 344 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर काट रहा है ।
जेम्स वेब टेलीस्कोप मतलब पृथ्वी की आंख
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को अंतरिक्ष मे पृथ्वी की नई आंख कहा जाता है ! नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जेम्स वेब टेलीस्कोप के प्रक्षेपण के बाद इस टेलीस्कोप में किसी अंतरीक्षीय पिंड के टकराने की यह पांचवीं घटना है,लेकिन हाल में टकराए इस अंतरीक्षीय पिंड ने जेम्स वेब टेलीस्कोप को कुछ गंभीर नुकसान पहुंचाया है !
नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि प्रारंभिक निरीक्षण के बाद टीम ने पाया कि टेलीस्कोप अभी भी उस स्तर पर प्रदर्शन कर रहा है जो उसके सभी मिशन आवश्यकताओं से अधिक है,वह अपने सभी रूटीन कार्य अभी भी पूरी दक्षता के साथ कर रहा है ! अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने क्षतिग्रस्त दर्पण के समायोजन करने में जुटे हैं । वैज्ञानिकों के अनुसार इस हादसे का प्रभाव किसी भी तरह से दूरबीन के कार्य को नष्ट नहीं करेगा ! ज्ञातव्य है कि दुनिया भर के लोगों के सामने 12 जुलाई को इस मिशन की अब तक की उपलब्धियों को पेश किया जाना है।
जेम्स वेब टेलीस्कोप या James Webb Space Telescope के निर्माण करने वाले इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के अनुसार इस टेलीस्कोप को इस प्रकार बनाया गया है कि अंतरिक्ष में घूम रहे आवारा अंतरिक्ष पिंडों या Micrometeoroid की टकराहट को भी झेल सके,लेकिन अभी टकराने वाले इस अंतरिक्ष पिंड का आकार अपेक्षाकृत कुछ बड़ा था !
नासा द्वारा अभी छ: महीने पहले अंतरिक्ष में प्रक्षेपित इस जेम्स वेब अंतरिक्ष टेलीस्कोप को अब तक का सबसे शक्तिशाली अंतरिक्षीय टेलीस्कोप माना जाता है,जिसमें सेंसरों का एक सूट और 21मीटर लंम्बाई वाले 18 सोने की परत चढ़ें दर्पण खंड एक साथ काम कर रहे हैं ताकि सुदूर ब्रह्माण्ड में स्थित ग्रहों और तारों के साथ-साथ आकाशगंगाओं के शुरुआती चरणों की खोज भी की जा सके !
अंतरिक्ष में तैरते पिडों की टकराहट कितनी भयावह ?
आपकी जानकारी के लिए बताना जरूरी है कि अंतरिक्ष में घूम रहे प्राकृतिक और कृत्रिम पिंडों की गति बहुत ही ज्यादा होती है ! वैज्ञानिकों के अनुसार इन पिंडों की गति 34किलोमीटर प्रति सेकंड यानी 12240 किलोमीटर प्रतिघंटे तक भी हो सकती है ! मान लीजिए अगर कोई अंतरिक्ष यान या जेम्स वेब टेलीस्कोप या सूर्य की तरफ प्रक्षेपित मानव निर्मित उपकरण प्रोब की गति 62764.41 किलोमीटर प्रतिघंटे है तो किसी अंतरिक्ष पिंड के टकराने पर 12240 + 62764.41= 75004.41किलोमीटर के तीव्र और भयावतम् वेग से दोनों की बीच टक्कर होगी !
नासा के वैज्ञानिकों ने भविष्य में इस प्रकार के अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे अनियंत्रित अंतरीक्षीय पिंडों से टकराने से बचने के लिए अध्ययन और शोध करने हेतु वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम बुलाई है।
-निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक,राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ, आमजनहितैषी,न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क-9910629632