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‘एक’ बेहतर पुरुष संग कम्प्लीट सहवास से पूर्णत्व पाती है स्त्री 

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      दिव्यांशी मिश्रा, भोपाल 

 पुरुष और औरत में सेक्स सम्बन्ध बनाने का वेग किसमें ज्यादा है? लोग बोलेंगे पुरुषों में. मैं बोलती हूं ये गलत है. काम का वेग जितना औरतों में हैं उतना पुरुषों में नहीं.

    मैं सालों से डॉ. मानवश्री के साथ इंटीमेट होते हुए उनके गायिडेन्स में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट का काम कर रही हूं. पति पत्नी के बीच संबंध अच्छा रहे उन्हें सेक्स संबंधी कोई समस्या ना हो इसकी काउंसलिंग करना भी मेरा काम है.

     पिछले कई साल की तुलना में आज के युग में मैने अनेक ऐसे पैटर्न देखे हैं जो साबित करते कि शादी के बाद पति पत्नी के संबंधों में समरसता की कमी आई है।

     पुरुष का वेग ऐसा होता है कि वह हरदम धीरे धीरे जलता है और जलता रहता है. औरत का वेग ऐसा होता है कि एक बार अगर आ जाए तो संतुष्ट हुए बिना उसे कोई भी शांत नहीं कर सकता. ये वही औरतें समझ सकती हैं जिनके पति उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते. ऐसी औरतें 99% हैं. डॉ. मानवश्री अपवाद हैं. वे तो मेरे इस वेग को हर रात शिखर पर पहुंचा देते हैं, वो भी पहली ही बार मे. फिर मुझे उन्हें पांच राउंड लेना पड़ता है. कभी सात राउंड और सारी रात स्वाहा. वे मेडिटेशन से अपने स्पर्म को डिस्चार्ज होने से दो घंटे तक रोक सकते हैं. हॉटेस्ट स्त्री भी एक घंटे से कम मे स्खलित हो जाती है. मेरा काम तो 35-40 मिनट मे हो जाता है. मेरे कहने पर वे रुक जाते हैं.

    मेरे पास आए दिन ऐसे केस आते हैं जिसमें पति या पुरुष पार्टनर ये शिकायत लेके आते हैं कि उनकी पत्नी अब संभोग करने में रुचि नहीं दिखाती हैं, जिसके वजह से उसके बीच विश्वास और प्रेम खत्म हो रहा है.

   जब मैने सर्वेक्षणपरक रिसर्च किया और इसके पीछे का वजह जानी तो हैरान करने वाली बात सामने आई, 

    अधिकतर महिलाओं ने बोला कि अब उन्हें पति में कोई रुचि नहीं, क्यों की लाइफ में कोई एक्साइटमेंट नहीं है. रोज एक ही तरह से संभोग करना, चंद मिनट मे नामर्द बन जाना, हमारे गरम होने से पहले ही लूज होकर सो जाना : यह रूटीन पसंद नहीं आता हमे. घिन आती है ऐसे सेक्स से. जब हमें ऊँगली से ही करना है, तो इनके घिनौनी हवस की बर्तन क्यों बनना.

    आगे बात करने पर एक और बात खुलकर सामने आई. पति से डिस्चार्ज होने पर भी कई मॉडर्न फीमेल्स ने कहा कि एक ही इंसान से संभोग कराते-कराते वो ऊब चुकी हैं. यदि कोई नया समर्थ मर्द मिले तो मज़ा आये. ऐसी गर्ल्स, फीमेल्स को चाहिए की वे एक रात डॉ. मानवश्री को आज़माएँ. फिर वे जिंदगी भर के लिए किसी और के बारे मे सोचना तक भूल जायेंगी.

     जब ऐसों के पति से इस बारे में बात हुई तो सभी ने लगभग एक ही बात कही कि वो अपनी पत्नी से अब उतना ही प्रेम करते हैं जितना पहले करते थे. इसलिए किसी और के साथ उसे बर्दास्त नहीं कर सकते.

     जब मैने मानवश्री से ऐसे केस के बारे में डिस्कस किया तो पता चला : ये अधिकतर वो औरतें हैं जिन्होंने स्टेटस, अच्छी नौकरी और घर संपत्ति देख के शादी की होती हैं.

    उनकी परवरिश ऐसे हुई होती है, जैसे किसी एक चीज से मन भरने पर उन्हें तुरंत दूसरी चीज उपलब्ध करा दी जाती थी. उस चीज़ को कैसे सजोकर रखना है इस बात को सिखाने पर किसी ने जोर नहीं दिया. बॉलीवुड के लोग भी यही करते हैं. कुछ साल शादी में रहने के बाद उन्हें एक नाया पार्टनर चाहिए होता है.

     दूसरा सबसे बड़ा कारण यह आया कि एक से अधिक पुरुषों के साथ शादी से पहले सम्बन्ध बनाने का आज कल hookup कल्चर है जिसे कॉरपोरेट में काम करने वाले बखूबी जानते हैं. इसमें कोई लड़की लड़का एक रात किसी अंजान व्यक्ति के साथ अपनी शारीरिक भूख को बुझाते हैं. इसे वन नाइट स्टैंड भी कहते हैं. यह बड़े शहरों में तो आम सी बात हो गई है. 

   जब इन लड़कियों की शादी होती है या लड़कों की शादी होती है तो वो किसी एक के साथ ज्यादा समय तक वैसा महसूस नहीं करते हैं और कुछ समय बाद उन्हें एक नए पार्टनर की तलाश होती है.

     यही कारण है कि आजकल शादी के बाद भी पति पत्नी के मध्य अंतरंग सम्बन्ध बनाने की इच्छा खत्म होती जा रही है. वो शादी को सिर्फ एक बोझ समझ कर जी रहे हैं.

     गाँवो और छोटे शहरों की लड़कियां और लडको की तो वो शादी के बाद ज्यादा खुश रहते हैं। उन्हें रिश्तों को संभालना आता है. परपुरुषगमन या स्त्रीगमन जैसी कोई भी चीज उनके बीच नहीं होती और इनकी अपेक्षाएं भी काफी कम होती है.

     यही कारण है कि आज भी छोटे शहर और गांव में लोग ज्यादा खुश हैं पर शहरों में अपने पति पत्नी के बीच  दूरियां बढ़ने लगी है। समय रहते अगर लोग इसे नहीं संभाल सके तो वो स्थिति दूर नहीं है जब कोई भी शादी 2 , 3 साल से ज्यादा नहीं टिकेगी. (चेतना विकास मिशन).

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