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आचार्य चाणक्य कहते हैं…मनुष्य को किन जगहों पर घर नहीं बसाना चाहिए

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में व्यक्ति के निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्ते, मित्र, शत्रु संबंधि विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार साझा किए हैं। चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य का जीवन अनमोल है। इस जीवन को यदि सफल और सार्थक बनाना है, तो हर किसी को कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। साथ ही आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में एक श्लोक ” लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ॥ ” के माध्यम से बताया है कि मनुष्य को किन जगहों पर घर नहीं बसाना चाहिए। इन जगहों पर घर बसाने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में…

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