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*योनि को अट्रेक्टिव बनाने संबंधी सरंजाम के नफे-नुकसान*

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        डॉ. प्रिया

ब्यूटी को लेकर महिलाएं हमेशा सतर्क रहती हैं। फिर चाहे वो फेशियल स्किन हो या वेजाइना स्किन। रोज़ाना ट्रेंड में रहने वाले नए प्रकार के ट्रीटमेंट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसी कड़ी में वेजाइना की स्किन को क्लीन एंड क्लीयर बनाए रखने के लिए वेजाइनल पील ट्रीटमेंट इन दिनों चलन में है।

     इसका उद्देश्य योनि की त्वचा में और निखार लाकर उसे आकर्षक बनाना है। पर क्या यह वाकई सेफ है?

*क्या है केमिकल पील ट्रीटमेंट?*

      केमिकल पीलिंग एक ऐसा ट्रीटमेंट है जो व पर पिगमेंटेशन और अन ईवन टोन जैसी समस्या को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

       इसे दो तरीकों से किया जाता है। पहला, कैमिकल को इंटिमेट एरिया पर लगाकर ये ट्रीटमेंट किया जाता है। दूसरे में लेज़र की मदद से इस प्रोसेस को पूरा किया जाता है।

      महिलाओं को हार्मोनल चेजिंज के कारण पिगमेंटेशन की समस्या बढ़ने लगती है। इसके चलते महिलाएं इस प्रोसेस को कर रही हैं। इससे महिलाओं की सेल्फ इस्टीम कम होने लगती है और वो अपना आत्मविश्वास भी खोने लगती हैं।

     इस प्रक्रिया के तहत इंटिमेट एरिया पर कैमिकल अप्लाई किए जाते हैं, जिससे स्किन टोन पहले की तरह से वापिस आ जाती है। वहीं बहुत से लोग लेज़र ट्रीटमेंट भी लेते हैं।

     डॉक्टरी देखरेख और सलाह में ही इस उपचार को किया जाना चाहिए। अन्यथा स्किन बर्न होने और रैशेज की समस्या भी बढ़ सकती है।

*केमिकल पील करवाने के कारण :* 

   ~प्रेगनेंसी में वज़न बढ़ने से वेजाइना पर होने वाली पिगमेंटेशन.

   ~हार्मोनल उतार चढ़ाव के कारण स्किन की अनईवन टोन.

   ~डायबिटीज़ की समस्या के चलते त्वचा के रंग में बदलाव.

  ~टाइट फिटिंग अंडर वियर और जींस पहनने के कारण कालापन.

    ~इंटिमेट एरिया पर ब्यूटी प्रोडक्टस का अधिक इस्तेमाल.

*केमिकल पील ट्रीटमेंट के फायदे :*

1. स्टिच या कट का खतरा नहीं

      प्रोफेशनल डाक्टर्स की देखरेख में करवाया जाने वाला ये ट्रीटमेंट पूरी तरह से सेफ है। इसे करने के दौरान किसी प्रकार से त्वचा को कट किया किया जाता है।

     साथ ही स्टिचिज़ का भी खतरा नहीं रहता है। वे लोग जो कैमिकल के इस्तेमाल से कतराते हैं। वे लेज़र ट्रीटमेंट का रूख करते हैं।

*2. पेनलेस प्रक्रिया :*

     चाहे आप केमिकल का प्रयोग करें या फिर लेज़र का। ये प्रक्रिया पूरी तरह से पेनलेस हैं।

    बिकनी एरिया पर केमिकल पील  करवाने के कुछ वक्त बाद आप खुद को पूरी तरह से नॉर्मल फील करते हैं।

*3. इनअवन टोन की समस्या से राहत :*

    आपकी स्किन टोन पहले जैसी ही हो जाती है। स्किन का कालापन दूर होने लगता है। इसके अलावा वे लोग जो पिगमेंटिड स्किन के शिकार हैं। वे अब दोबारा से क्लियर स्किन महसूस कर पाते हैं।

    इससे आपकी स्किन के दोबारा पिगमेंटिड होने का खतरा कम हो जाता है।

 कई कारणों से वल्वा स्किन टोन में बदलाव आने से महिलाएं वहाइटनिंग ट्रीटमेंट लेती है। बिकनी एरिया पर केमिकल पील परमानेंट नहीं होता है। इसे करवाने के कुछ समय के बाद दोबारा से इस समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।

     इसके अलावा इसे करवाने इचिंग, जलन और रैशेज जैसे साइड इफैक्टस का खतरा बना रहता है। हार्मोनल बदलाव के कारण स्किनटोन में अंतर आने लगता है, जो महिलाओं की परेशानी का कारण बनने लगता है।

*केमिकल पील ट्रीटमेंट के नुकसान :*

     1. जलन महसूस होना

     कैमिकल्स के प्रयोग से वेजाइना में जलन का अनुभव होना सामान्य है। इससे बचने के लिए कॉटन के कपड़े पहनें।

    साथ ही कुछ दिनों तक टाइट फिटिंग कपड़े पहनने से भी बचें। जलन से बचने के लिए डॉक्टर की ओर से सुझाए गए ट्रीटमेंट का ही प्रयेग करें। इस

*2. खुजली की शिकायत :*

     चाहे आप लेज़र ट्रीटमेंट लें या कैमिकल ट्रीटमेंट। दोनों की प्रकार से बहुत सी महिलाओं को स्किन पील के बाद इचिंग रहती है। वेजाइना में लगातार इचिंग से बचने के लिए गीले कपड़े पहनने से बचें।

      इसके स्किन पर माइश्चर जमा होने लगता है। इसके अलावा वेजाइना की सेंसिटिव स्किन को बिना डॉक्टरी सलाह के क्रीम न लगाएं।

*3. वॉल्वा पर इरिटेशन :*

     बार बार महसूस होने वाली जलन और खुजली से वॉल्वा में इरिटेशन का होना स्वाभाविक है। जो त्वचा पर बढ़ने वाली लालिमा का कारण बनने लगता है।

    ट्रीटमेंट लेने के बाद धूप के संपर्क में आने से बचें। इससे वॉल्वा की स्किन रिलैक्स रहती है।

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