Site icon अग्नि आलोक

अखबार में होने लगा है Ai का उपयोग

Share

प्रकाश हिन्दुस्तानी 

द टाइम्स ऑफ इंडिया समूह ने अपने इनहाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Beans का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया समूह की खबरें अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी Ai की मदद से संकलित, सम्पादित, अनुवादित और प्रस्तुत की जा रही हैं।

इस कम्पनी में करीब 11000 लोग काम करते हैं और इंडियाटाइम्स  वेबसाइट दुनिया की (जी हाँ, दुनिया की) सबसे ज्यादा देखी जानेवाली वेबसाइट है।

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के अलावा द हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप भी न्यूज़ गैदरिंग के काम में Ai का इस्तेमाल कर रहा है।  जल्दी ही हिन्दी के अखबारवाले भी बड़े पैमाने पर Ai का उपयोग करने लगेंगे।    

पत्रकारों से कहा गया है कि वे Beans ai टूल  का इस्तेमाल करके ही खबरें जनरेट करें। इससे  समाचारों को इकट्ठा करने, संपादित करने और प्रस्तुत करने का तरीका बदल रहा है। अब पत्रकारों के लिए यह ज़रूरी नहीं रह गया है कि वे जिस भाषा में पत्रकारिता कर रहे हैं, वह भाषा उन्हें आती ही हो। यानी अब मुझ जैसा गैरमराठी पत्रकार भी मराठी में  पत्रकारिता कर सकता है।

ये Ai टूल्स गूगल ट्रांसलेट और स्पेल चेकर से आगे की दास्तान है।  ट्रांसलेशन और स्पेल चेकर पुराने दौर की चीज़ें मानी जा रही हैं। 

Ai  का उपयोग खेल, वित्तीय समाचारों और अन्य नियमित घटनाओं के बारे में लिखने के लिए किया जा रहा है। यह पत्रकारों को अधिक जटिल कहानियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। Ai  बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने में सक्षम है, जिससे रुझानों और पैटर्नों को पहचानना आसान हो जाता है। 

यह पत्रकारों को डेटा-संचालित कहानियां बनाने में मदद करता है। Ai  का उपयोग पाठकों की रुचियों के आधार पर समाचारों को व्यक्तिगत बनाने के लिए किया जा रहा है। यह पाठकों को अधिक प्रासंगिक सामग्री प्रदान करता है। 

Ai  का उपयोग फेक न्यूज़ और गलत सूचनाओं का पता लगाने में भी किया जा रहा है। अमेरिका के कई मीडिया हाउस  फैक्ट चेक करने के लिए  Ai  का उपयोग कर रहे हैं। रॉयटर्स  सोशल मीडिया के ब्रेकिंग न्यूज पर नजर रखने के लिए  News Tracer  का उपयोग हो रहा है। इसके जरिए ट्वीट्स की सच्चाई की जांच भी बेहद आसानी से कर ली जाती है।

Exit mobile version