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*शराब करती है सेक्स लाइफ खराब*

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       डॉ. श्रेया पाण्डेय 

    शराब के शौकीनों के लिए शराब एक सेलिब्रेशन का जरिया, दुःख का साथी और एक्साइटमेंट बढ़ाने का एक तरीका होता है। शराब पीने वाले लोगों को इसका सेवन करने के लिए सिर्फ एक बहाने की जरूरत होती है।

     कुछ लोग शराब को ‘एक्साइटमेंट बूस्टर’ की तरह भी लेते हैं और उन्हें लगता है कि शराब पीने के बाद सेक्स करने से उनको अधिक आनंद प्राप्त होगा, साथ ही उनकी परफॉर्मेंस भी सुधरेगी।

     लेकिन, तमाम शोधों के अनुसार ऐसा नहीं है। ऐसा हो सकता है कि कम मात्रा में शराब पीने से व्यक्ति को इस तरह के अनुभवों की प्राप्ति हो, लेकिन ज्यादा मात्रा में शराब पीने से आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ ‘सेक्सुअल प्लेज़र’ पर भी प्रभाव पड़ता है।

     नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार, ऐसा जरूरी नहीं हैं कि शराब पीने के बाद हर महिला को उत्तेजित और आनंदित महसूस हो।

     स्वाभाविक रूप से कुछ मामलों में यह बात गलत भी हो सकती है, लेकिन रिपोर्ट में यह बताया गया कि अधिकतर महिलाओं को ज़्यादा शराब पीने से ऑर्गेज्म तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है । बहुत अधिक शराब का सेवन शारीरिक रूप से नकारात्मक प्रभाव डालता है और जेनिटल रिऐक्टिविटी को भी कम करता है।

पुरुषों के मामले में अल्कोहल हेल्थ एंड रिसर्च वर्ल्ड जर्नल में प्रकाशित हुए शोध के अनुसार, अधिक शराब पीने से पुरुषों के सेक्सुअल डिजायर में भी काफी कमी देखी गई। साथ ही लंबे समय तक अत्यधिक शराब पीने से पुरुषों में ‘इरेक्टाइल डिसफंक्शन’ का यह एक प्रमुख कारण बन सकता है।

      शराब शरीर के नर्व फाइबर को प्रभावित करती है, जिसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स की क्षमता कम होती है।

जिन लोगों को यह लगता है के शराब सेक्स ड्राइव को बढ़ाती है, यह पूरी तरह से एक मिथ है। शराब के सेवन से अक्सर प्रदर्शन ख़राब होता है, कामेच्छा कम होती है, और साथ ही यौन संबंधी समस्या हो सकती है।

   शराब पुरुषों के यौन प्रदर्शन को प्रभावित करता है और सेक्स ड्राइव को भी प्रभावित करता है। इसके अत्यधिक सेवन से इरेक्टाइल डसफंक्शन, टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना आदि समस्या होती है।

    साथ ही अत्यधिक शराब के सेवन से कई अन्य समस्याएं भी देखने को मिल सकती है।

*1. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ईडी) :*

       शराब के सेवन से स्तंभन दोष होता है, जो सेक्स के लिए पर्याप्त इरेक्शन प्राप्त करने या बनाए रखने में एक असमर्थता होती है।  

   शराब पेनिस के ब्लड फ्लो में बाधा उत्पन्न करती है, जिससे इरेक्शन को बनाए रखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।

*2. कामेच्छा में कमी :*

      शराब कुछ व्यक्तियों में सेक्सुअल डिजायर को कम करती है। हालांकि कुछ केसेज़ में देखा गया है कि यह शुरू में एक सेक्स बूस्टर की तरह काम कर सकता है, लेकिन लंबे समय तक और भारी शराब के सेवन से सेक्सुअल इंटरेस्ट को कम कर देता है।

*3. हार्मोनल असंतुलन :*

     शराब के सेवन से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना भी शामिल है। टेस्टोस्टेरोन मेल सेक्सुअल फंक्शन के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन होता है ।

*4. अन्य समस्याएं :*

      सेक्सुअल लाइफ में आने वाली समस्याओं के अलावा अत्यधिक शराब के सेवन से , लिवर डैमेज, हृदय संबंधी समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं में बढ़ोतरी हो सकती है।

*शराब से महिलाओं में पड़ने वाले प्रभाव :*

 शराब के सेवन से महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

    *1 कम हो जाती है सेक्सुअल डिजायर :*

      पुरुषों की तरह ही महिलाओं में भी अत्यधिक शराब पीने से महिलाओं में यौन इच्छा या कामेच्छा की कमी आ जाती है।

     इसके कारण यौन रूप से उत्तेजित होने में और सेक्सुअल एक्टिविटीज़ में कमी होती है, जिससे सेक्सुअल लाइफ प्रभावित होती है।

*2. ऑर्गेजम की स्थिति तक पहुंचने में कठिनाई :*

    शराब का सेवन महिलाओं में यौन क्रिया को ख़राब कर सकता है, क्योंकि ऐसा करने से महिलाओं के शरीर में स्त्री हार्मोन्स पर असंतुलन हो सकता है, जिससे सेक्सुअल उत्साह और प्रदर्शन में कमी हो सकती है.

      शराब का सेवन करने से संवेदनशीलता में कमी हो सकती है, जिससे महसूस करने में कठिनाई हो सकती है और ऑर्गैज्म तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।

*3 वेजाइनल ड्राईनेस :*

    शराब पीने से हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जो वैजाइनल स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें एस्ट्रोजन की कमी शामिल हो सकती है, जिससे वैजाइनल ड्राईनस हो सकती है।

    साथ ही शराब न्यूरोलॉजिकल प्रभाव भी छोड़ती है, जिससे वैजाइनल एरिया की सेंसेटिविटी कम हो सकती है और ड्राईनेस हो सकती है।

*4. हॉर्मोनल इम्बैलेंस :*

     शराब का सेवन महिलाओं में हार्मोनल संतुलन को बाधित करता है, जिससे रिप्रोडक्टिव होर्मोनेस प्रभावित होते हैं।

     इससे अनियमित मेंस्ट्यूरल साइकिल और अन्य रिप्रोडक्टिव हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं।

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