अग्नि आलोक

कथित शिवभक्त कांवड़ियों ने सेना के एक जवान की निर्मम हत्या की !

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-निर्मल कुमार शर्मा

कितने दु:ख,अफसोस और हृदय विदारक बात है कि भगवान शंकर के परम् भक्त कांवड़िए इतने हिंसक हो गए कि उन्होंने अपने ही एक साथी शिवभक्त कांवड़िए की इतनी क्रूरतापूर्ण ढंग से लाठी,डंडों,लोहे की सरियों और धारदार हथियारों से हमला किया कि उसे तत्काल मौत के मुंह में धकेलकर रख दिया ! क्या शिवभक्ति के नाम पर इन तथिकथित शिवभक्तों का यह दुराचरण किसी भी दृष्टिकोण से धार्मिक सदाशयता,प्रेम करूणा,भाई-चारा,परोपकार, सेवा,विनम्रता,इंसानियत आदि मानवीय गुणों के खांचे में ठीक बैठता है ? यकीनन निश्चित रूप से कतई नहीं ! 

           समाचार पत्रों में आ रही खबरों के ही अनुसार इस अतिदु :खद घटना में मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव का एक 25वर्षीय युवक,जिसका नाम कार्तिक बालियान था,जो भारतीय थल सेना की जाट रेजीमेंट में गुजरात में तैनात था,वह गर्मी की छुट्टियों में गांव आया हुआ था,वह अपने एक मित्र के साथ बाइक पर कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आया था,वह पिछले मंगलवार दिनांक 26-7-2022को अपने घर लौट रहा था,मिडिया  के अनुसार मेरठ हाईवे पर रूड़की शहर के पास नगला इमरती गांव के मोड़ पर बने फ्लाईओवर पर हरियाणा के कुछ कांवड़ियों ने उसकी बाइक के सामने अपनी बाइक फंसा दी ! इस पर दोनों पक्षों में कहा-सुनी हो गई। इसके बाद हरियाणा के पानीपत के 5 गुंडों ने,जो कांवड़ियों का भेष बनाकर आए थे, लाठी-डंडों,लोहे की सरियों और चाकुओं से सेना के उस  25वर्षीय जवान युवक को इतनी बुरी तरह से मारे कि वह घटना स्थल पर ही मरणासन्न हो गया था,जिसकी रुड़की सिविल अस्पताल जाते-जाते मौत हो गई !  

अभी कुछ दिनों पूर्व एक बहुत ही समाजोपयोगी और शिक्षाप्रद लेख प्रकाशित हुआ था कि भारत में ये कथित धर्म के नाम पर ‘कांवड़ ढोने वाले आखिर कौन लोग हैं ? ‘ इस लेख में विद्वान लेखक ने बहुत ही बेहतरीन,साफ-सुथरे और न्यायोचित ढंग से अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले और इस देश और यहां के मूढ़ समाज को वर्तमान दुनिया के अन्य प्रगतिशील समाजों और उन्नत शील देशों के मुकाबले और भी पीछे ले जाने के साजिश के तहत इस देश की मूल समस्याओं मसलन भूखमरी,बेरोज़गारी,अशिक्षा,स्वास्थ्य आदि समस्याओं से भटकाने का एक भयावह षड्यंत्र के रूप में वर्तमान समय की सरकार के कर्णधारों द्वारा एक सुनियोजित साजिश रची गई है !

             कांवड़ ढोने वाले अपार भीड़ को आप ध्यानपूर्वक देखेंगे,तो पाएंगे कि उसमें अधिकतर बेरोज़गार,अनपढ़,गंवार,शराबी,नशेड़ी,चरस और गांजा पीनेवाले,अंधविश्वासी,धार्मिक तौर पर अंधभक्त,गरीब,गुमराह,मूर्ख,निचली,पिछड़ी, दलित,आदिवासी जातियों के और शूद्र लोग हैं ! कुछ एक-आध अपवादों को छोड़कर कांवड़ यात्रा में किसी बड़े नेता या उसका बेटा,मुंबई का कोई अभिनेता या अभिनेत्री,उद्योगपति,वैज्ञानिक इंजीनियर,डाक्टर,प्रोफेसर आदि एक भी नहीं हैं ! 

           कितने दुख,आश्चर्य और हतप्रभ करने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश के बेरोज़गारी से त्रस्त युवक जब लखनऊ में कथित योगी मुख्यमंत्री अजय बिष्ट के आवास के सामने रोजगार पाने हेतु धरना प्रदर्शन करते हैं,तो यही कथित धार्मिक होने का ढोंग रचनेवाला मुख्य मंत्री अपने पुलिस बलों द्वारा उन बेरोजगार युवकों का अतिक्रूरता और बर्बरतापूर्वक सिर फोड़ देता है और दूसरी तरफ इस देश और भारतीय धर्मभीरू जनता के वर्ग से आए मूर्ख और धर्मभीरू युवक जब हरिद्वार से कांवड़ यात्रा में शामिल होते हैं,तब उनके खानेपीने का इंतजाम करने के साथ-साथ उनपर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाने का ढोंग भी करता है !

      इस देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि कांवड़ ढोने वाले धार्मिक अंधविश्वास के अंधे कूप में गिरे ये युवा ये नहीं समझ पा रहे हैं कि वर्तमान सत्ता के कर्णधार उन्हें कथित धर्म,स्वर्ग,भगवान शिव और पुण्य की भ्रामक घुट्टी पिलाकर,कांवड़ यात्रा में दो-चार दिन पूड़ी-मिठाई खिलाकर और पुष्प वर्षा कराकर उनके जीवन को सदा के लिए बेरोज़गारी,भूखमरी,अशिक्षा और गरीबी तथा मुफलिसी के दलदल में धकेल रहे हैं !

            -निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण तथा देश-विदेश के सुप्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक,सामाजिक, राजनैतिक, पर्यावरण आदि विषयों पर स्वतंत्र,निष्पक्ष,बेखौफ , आमजनहितैषी, न्यायोचित व समसामयिक लेखन,संपर्क -9910629632

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