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अमेजन, वो कंपनी जो कभी पुरानी किताबें बेचती थी… आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी दुकान

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अमेजन, वो कंपनी जो कभी पुरानी किताबें बेचती थी… आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी कंपनी है…अमेजन शुरू करने वाले बेजोस के सीईओ पद छोड़ने के बाद से कंपनी के शेयर्स में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है… इस साल 20 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैप कम हो चुका है… ब्रैड स्टोन की किताब ‘द एवरीथिंग स्टोर: जेफ बेजोस एंड द ऐज ऑफ अमेजन’ के मुताबिक अमेजन के 1995 में लॉन्च के बाद एक महीने के अंदर इसने 50 राज्यों और 45 देशों से ऑर्डर लिए। अमेजन कंपनी के पब्लिक होते ही बेजोस दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए। साल 1999 में टाइम मैगजीन ने उन्हें ”किंग ऑफ साइबरकॉमर्स” कहा। आज अमेजन अपने ग्लोबल शिपिंग प्रोग्राम के तहत 100 से ज्यादा देशों में करता है अपने सामानों की डिलीवरी। फिलहाल अमेजन अपने फ्रीडम सेल और एक घरेलू काम के लिए रोबोट वैक्यूम्स बनाने वाली कंपनी ‘irobot’ को खरीदने को लेकर चर्चा में है।

अमेजन का सफर एक गराज से शुरू हुआ, पहले ऑनलाइन किताब बेची

साल था 1995, जब अमेजन ने किताब से बेचने से अपनी शुरुआत की थी। हालांकि कंपनी की स्थापना 1994 में हो गई थी। नवंबर 1994 में बेजोस ने अमेजन नाम को रजिस्टर करा लिया और 16 जुलाई 1995 अमेजन डॉट कॉम नाम की नई वेबसाइट लॉन्च कर दी। यहां ऑनलाइन किताबों को खरीदा जा सकता था। अमेरिका सिएटल उस समय टेक्नोलॉजी हब था। इसलिए बेजोस ने यहीं कंपनी शुरू करने की ठानी। यहां उन्होंने तीन कमरों वाला एक मकान किराए पर ले लिया और पत्नी मैकेंजी के साथ रहने लगे। इस मकान में ही गराज था। शुरू में फालतू पैसा खर्च नहीं करना चाहते थे। इस तरह मकान नंबर 10704 का गराज दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शापिंग कंपनी का पहला दफ्तर बना।

अमेजन नाम रखने के पीछे की कहानी

जब कंपनी का नाम रखना हुआ तो बेजोस की शर्त थी कि नाम का पहला अक्षर A से होना चाहिए क्योंकि यह अक्षर अंग्रेजी वर्णमाला का नेतृत्व करता है। उनकी दूसरी शर्त थी कि नाम से महसूस हो कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। जबकि यह बात 1994-95 की है, तब उन्हें बिजनेस की दुनिया में कोई नहीं जानता था। उनकी तीसरी शर्त थी कि नाम ऐसा हो, जिससे कंपनी का विशाल आकार पता चले। तमाम जद्दोजहद के बाद उन्होंने नाम अमेजन रखा, जो एक नदी के नाम पर है। अमेजन वॉटर डिस्चार्ज के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी नदी है।

ऑनलाइन शॉपिंग का तब सोचा जब लोग ई-मेल नहीं जानते थे

जेफ बेजोस हमेशा से कंप्यूटर और तकनीक में भरोसा करते रहे हैं। बेजोस इतने दूरदर्शी हैं कि 1990 के दशक की शुरुआत में ही ठान लिया था कि वो इंटरनेट के माध्यम से कोई बड़ा व्यवसाय करेंगे। साल 1993-94 के आसपास उन्होंने पाया कि एक ही साल में इंटरनेट के उपयोग में 2300 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। उन्हें तब ही महसूस हो गया कि लोग अब इंटरनेट के माध्यम से शॉपिंग करेंगे। जबकि उस समय विश्व में बड़ी आबादी ई-मेल भी नहीं करना जानती थी।

अमेजन की शुरुआत बेजोस ने नौकरी छोड़कर की थी

इंटरनेट की बढ़ती पहुंच को भांपते हुए 30 साल की उम्र में जेफ बेजोस ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। साल 2010 की अपने एक भाषण में उन्होंने अपने इस फैसले को एक असुरक्षित रास्ता कहा था। उन्होंने कहा था, ”मैंने एक झटके में कुछ करने का फैसला कर लिया था। मैंने नहीं सोचा कि कोशिश करने और असफल होने पर अफसोस करूंगा। अगर मैं ये नहीं करता हूं तो एक बार भी कोशिश न करने के ख्यालों से ज़रूर परेशान रहूंगा।” फोर्ब्स के हिसाब से आज अमेजन दुनिया के बेस्ट एम्पलॉयर्स की लिस्ट में चौथे नंबर पर है। कंपनी ने मिनिमम वेज पॉलिसी लागू की है और कर्मचारियों को कम से कम 15 डॉलर प्रति घंटे यानी दिन के 8 घंटे काम करने के हिसाब से महीने में लगभग 3.5 लाख रुपए सैलरी मिलती है।

1 साल में 18 से 105 डॉलर पहुंच गया था शेयर

अमेजन ने 1997 में अपना आईपीओ लाने की घोषणा कर दी थी। शुरुआत में कंपनी ने शेयर की कीमत 18 डॉलर तय की थी। इससे 5.4 करोड़ डॉलर जमा करने का निर्णय लिया गया था। कंपनी के प्रॉस्पेक्ट्स में सफलता का प्रतिशत 70 बताया गया था। लेकिन निवेशकों को बेजोस की योग्यता पर 100% भरोसा था। ऐसे में आईपीओ सफल रहा। आईपीओ के एक साल के बाद में अमेजन के शेयर की कीमत 105 डॉलर हो चुकी थी।

25 साल से भी कम वक्त में 1 ट्रिलियन डॉलर के पार हुआ अमेजन का मार्केट कैप

कंपनी शुरू होने के तीन साल बाद ही अमेजन का मार्केट कैप 1 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था। जो उस वक्त के हिसाब से 3,600 करोड़ रुपए होते हैं। उसके बाद 100 अरब डॉलर (4.70 लाख करोड़ रुपए) के मार्केट कैप तक पहुंचने में कंपनी को 14 साल लग गए, लेकिन उसके बाद कंपनी का मार्केट कैप तेजी से बढ़ा।सितंबर 2018 में अमेजन का मार्केट कैप पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर (उस समय के हिसाब से 68 लाख करोड़ रुपए) पहुंचा। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप 1.40 ट्रिलियन डॉलर यानी 111 लाख करोड़ रुपए है। और यह मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की पांचवी बड़ी कंपनी है।

क्या आपको पता है? रेलेंटलेस डॉट कॉम सर्च करने से अमेजन खुल जाता है

अमेजन का नाम रखने के लिए बेजोस ने अपने साथियों के साथ मिलकर लंबा चौड़ा मंथन किया था। बेजोस और पत्नी मैकेंजी ने कई नाम पसंद किए थे- MakeItSo.com, Arad.com, BookMall.com, Relentless.com आदि। रेलेंटलेस डॉट कॉम को तो जेफ बेजोस ने रजिस्टर्ड भी करवा लिया था। आज भी अगर आप www.relentless.com सर्च करेंगे तो वहां से आप सीधे अमेजन की वेबसाइट पर ही पहुंच जाएंगे।

27 साल सीईओ रहने के बाद बेजोस ने ब्लू ओरिजिन के लिए छोड़ा पद

बेजोस ने साल 2000 में ब्लू ओरिजिन लॉन्च की जबकि मस्क ने 2002 में स्पेस एक्स की शुरुआत की। इन सालों में ब्लू ओरिजिन कुछ खास नहीं कर पाई है। अंतरिक्ष में ट्रैवल की संभावनाओं को देखते हुए बेजोस ने इस क्षेत्र में ध्यान देने की योजना बनाई है। इसलिए अमेजन के सीईओ का पद 2021 में छोड़ने का फैसला लिया। आजकल बेजोस अपना पूरा समय अंतरिक्ष से जुड़ी कंपनी ब्लू ओरिजिन, बेजोस अर्थ फंड,अमेजन डे वन फंड और अखबार द वाशिंगटन पोस्ट को दे रहे हैं। इन कंपनियों में ब्लू ओरिजिन एक ऐसी कंपनी है, जिसके जरिए वे चांद पर कॉलोनी बसाना चाहते हैं। इस क्षेत्र में उनका कॉम्पिटिशन एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स से है।

रोचक: अमेजन का टू-पिज्जा टीम का कॉन्सेप्ट

2002 की शुरुआत में बेजोस टू-पिज्जा टीम कॉन्सेप्ट लेकर आए। उन्होंने हर प्रोजेक्ट, टास्क के लिए 10 लोगों से कम की टीम बनानी शुरू कर दी। यानी टीम इतनी छोटी कि दो पिज्जा में पेट भर जाए। इन्हें सख्त लक्ष्य दिया जाता था और इसी के आधार पर इनकी सफलता मापी जाती थी। कई कर्मचारियों को बेजोस का यह कॉन्सेप्ट पसंद नहीं आता था। बेजोस अक्सर कर्मचारियों पर बुरी तरह चिल्ला देते थे। कहा जाता है कि अपनी इस आदत को सुधारने के लिए उन्होंने एक लीडरशिप कोच की भी मदद ली।

तलाक के बाद मैकेंजी बन गई थी दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला

अमेजन की शुरुआत में मैकेंजी बेजोस का भी बड़ा रोल है। 3 सितंबर 1993 को दोनों की शादी हुई थी। 25 साल तक साथ रहने के बाद 2019 में दोनों ने तलाक ले लिया। बेजोस की पत्नी मैकेंजी बेजोस को पति से तलाक पर 38 अरब डॉलर यानी करीब 2.6 लाख करोड़ रुपए का डिवोर्स सेटलमेंट मिला। तलाक के बाद मैकेंजी दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला बन गई थीं।

भारत देश में कुछ खास है तो वह है लोकतंत्र: बेजोस

बेजोस ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि इस देश में कुछ खास है, वह है लोकतंत्र। आगे उन्होंने कहा था कि “मैं भविष्यवाणी करता हूं कि 21वीं सदी भारत की सदी बनने जा रही है। गतिशीलता, ऊर्जा हर जगह मैं जहां जाता हूं, मैं ऐसे लोगों से मिलता हूं जो आत्म-सुधार और विकास में काम कर रहे हैं।”

अमेजन एलेक्सा जल्द ही आपकी दादी की आवाज में कहानियां सुनाएगा

अमेजन एक नए एलेक्सा फीचर पर काम कर रहा है जो वर्चुअल असिस्टेंट को आपके परिवार के सदस्य की आवाज की नकल करने देगा और फिर सोते समय आपकी पसंदीदा सोने की कहानियां भी सुनाएगा। अमेजन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और एलेक्सा के हेड साइंटिस्ट रोहित प्रसाद ने एक इंटरव्यू में कहा कि हम निस्संदेह एआई के स्वर्ण युग में जी रहे हैं, जहां हमारे सपने और साइंस फिक्शन हकीकत बनते जा रहे हैं।

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