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*क्या आपके पेरेंट्स बोन प्रॉब्लम अवस्कुलर नेक्रोसिस से जूझ रहे हैं?*

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        रीता चौधरी

अवस्कुलर नेक्रोसिस (Avascular Necrosis) एक ऐसी स्थिति है, जो हड्डियों को प्रभावित करती है। विशेष रूप से हिप ज्वाइंट में। इसके कारण पर्याप्त रूप से ब्लड की आपूर्ति नहीं होने, दर्द और ठीक से न चल पाने जैसी समस्याएं होती हैं।

      इस समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। मेडिकल एडवांसमेंट ने अवस्कुलर नेक्रोसिस यानी एवीएन का  कारगर सॉल्यूशन पेश किया है। इसे बोन सेल थेरेपी के रूप में जाना जाता है।

      इस ट्रीटमेंट का उद्देश्य क्षतिग्रस्त बोन टिश्यू की मरम्मत और पुन: निर्माण करना है।

*क्या है बोन सेल थेरेपी?*

       बोन सेल थेरेपी एवीएन से प्रभावित क्षतिग्रस्त बोन टिश्यू को  ठीक करता है। इसके लिए यह  पेशेंट्स की बोन सेल्स के रिजनरेटिव पॉवर का उपयोग करता है।

   इस प्रक्रिया में ये प्रमुख स्टेप्स  शामिल हैं:

  स्टेप 1: बिल्डिंग ब्लॉक्स को इकट्ठा करना – बोन मैरो एस्पिरेशन/बायोप्सी.

    यह एक सरल आउटपेशेंट प्रोसीजर है। इसमें पेशेंट की बोन मैरो की छोटी मात्रा, लगभग 4 मिलीलीटर, आमतौर पर हिप या किसी अन्य हड्डी से एकत्र की जाती है। पेशेंट के आराम के लिए लोकल एनेस्थीसिया देकर इस प्रोसीजर को किया जाता है।

      इसमें करीब 10 से 15 मिनट लगते हैं। निकाले गए बोन मैरो को फिर एक विशेष सेल कल्चर लेबोरेटरी में ले जाया जाता है, जो सख्त क्वालिटी स्टैण्डर्ड का पालन करता है।

स्टेप 2: नई बोन की ग्रोथ नर्चर करना – ओस्टियोब्लास्ट इम्प्लांटेशन.

       लैब में स्किल्ड टेक्नीशियन 14-21 दिनों की अवधि में पेशेंट की बोन मैरो से ओस्टियोब्लास्ट नामक हड्डी बनाने वाली सेल्स को कल्चर करते हैं। एक बार जब ये विशेष सेल्स बढ़कर लगभग 48 मिलियन हो जाती हैं, तो उन्हें सावधानीपूर्वक कूल्हे के क्षतिग्रस्त क्षेत्र में इम्प्लांट किया जाता है।

      लगभग 30-45 मिनट तक चलने वाली यह इम्प्लांटेशन प्रक्रिया या तो स्पाइनल या सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाती है। आमतौर पर थोड़े दिन के लिए अस्पताल में रहने के बाद मरीज घर लौट सकते हैं।

बोन सेल थेरेपी प्रक्रिया के बाद, मरीज ठीक होने के लिए एक्सपर्ट द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करते हैं। इनमें फिजियोथेरेपी, मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज और धीरे-धीरे लोड-बेयरिंग एक्टिविटी को फिर से शुरू करना शामिल है। लगभग छह महीनों में, नए बने बोन टिश्यू को मैकेनिकल स्ट्रैंथ मिलती है, जिससे पेशेंट अपनी गतिशीलता को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।

*भारत में एवीएन के स्टैटिक्स और ट्रेंड :* 

      अब, भारत में एवीएन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं। भारत सरकार और इंडियन सोसाइटी ऑफ हिप एंड नी सर्जरी एक आंकड़ा जारी करते हैं। भारत में लगभग 50% हिप रिप्लेसमेंट अवस्कुलर नेक्रोसिस के कारण होते हैं।

     यहां हर साल हिप रिप्लेसमेंट इम्प्लांट सर्जरी कराने वाले लगभग 270,000 रोगी हैं, जो भारतीय आबादी पर एवीएन के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करते है।

       जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफॉर्मेशन सेंटर (GARD), द ब्रिटिश एडिटोरियल सोसाइटी ऑफ बोन एंड जॉइंट सर्जरी, द यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO), सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल (CDC), अमेरिकी जनगणना ब्यूरो और डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्री जैसे विभिन्न स्रोतों से मिले डेटा के विश्लेषण से भारत में एवीएन ट्रीटमेंट बढ़ने के संकेत मिलते हैं।

*कब ली जाए इस थेरेपी की मदद :*

     एवीएन के उपचार के विकल्प के रूप में बोन सेल थेरेपी पर विचार करते समय, कई महत्वपूर्ण फैक्टर पर विचार किया जाना चाहिए।  समस्या की शुरुआत से लेकर ज्वाइंट के पूरी तरह से ख़राब होने तक यह ट्रीटमेंट कराया जा सकता है।

यह थेरेपी हमारे चेतना विकास मिशन के शिविरों में भी प्रयुक्त होती है. इस थेरेपी फायदे ये हैं :

*1. रोग की प्रगति को रोकता है :*

   एवीएन प्रभावित हड्डी को और नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन बोन सेल थेरेपी रोग की प्रगति को रोकता है और आगे की कॉम्प्लिकेशन से बचाता है।

*2. ज्वाइंट्स का प्रिजर्वेशन :*

     बोन सेल थेरेपी नए, निरोग बोन टिश्यू के विकास को बढ़ावा देती है, और जोड़ों की इंटीग्रिटी को बनाए रखती है। रोगग्रस्त हड्डी के टिश्यू को रिपेयर करके, यह सुनिश्चित करता है कि ज्वाइंट फंक्शनल बना रहे और बेहतर मोबिलिटी बनी रहे।

*3. मिनमल इन्वेसिव प्रोसीजर :*

    पारंपरिक सर्जरी के विपरीत, बोन सेल थेरेपी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। यह लंबे और इनवेसिव इंटरवेंशन से बचाता है, उससे जुड़े रिस्क को कम करता है और तेजी से रिकवरी की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। यह मिनिमल इनवेसिव के साथ प्रभावी उपचार चाहने वालों को राहत प्रदान करता है।

*4. कोई साइड इफेक्ट नहीं :*

    कई ट्रीटमेंट लेने में उससे जुड़े साइड इफेक्ट की संभावना रहती है। लेकिन बोन सेल थेरेपी में रोगी की अपने सेल्स का उपयोग साइड इफेक्ट के जोखिम को कम करता है।

    यह व्यक्तियों को अतिरिक्त कॉम्प्लिकेशन के बारे में चिंता किए बिना, ठीक होने पर फोकस करने का मौका देता है।

*5. एक्टिविटी और स्पोर्ट्स में ले सकते हैं भाग :*

     एवीएन किसी व्यक्ति की फिजिकल एक्टिविटी और खेलों में शामिल होने की क्षमता को सीमित कर सकता है। लेकिन बोन सेल थेरेपी के साथ, व्यक्तियों को अक्सर शारीरिक कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार का अनुभव होता है।

    वे उन गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता पुनः प्राप्त कर लेते हैं जिनमें वे पहले एवीएन के कारण प्रतिबंधित थे।

     रोगी अपनी पसंदीदा गतिविधियों को नए उत्साह और स्वतंत्रता के साथ फिर से शुरू कर सकते हैं।

*6. दर्द से राहत :*

   एवीएन से संबंधित दीर्घकालिक दर्द का दैनिक जीवन और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। बोन सेल थेरेपी दर्द को काफी कम कर देती है, जिससे रोगियों को बहुत जरूरी राहत मिलती है।

     दर्द को कम करके, यह आराम को बढ़ाता है और लोगों को जीवन का पूरा आनंद लेने की क्षमता देता है।

      बोन सेल थेरेपी अवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) के उपचार में एक महत्वपूर्ण एडवांसमेंट है, जो रोगियों के लिए नई आशा और बेहतर परिणाम पेश करती है। रोग की प्रगति को रोकने, ज्वाइंट प्रीजर्वेशन को बढ़ावा देने और उल्लेखनीय परिणाम देने की अपनी क्षमता के साथ, यह इनोवेटिव थेरेपी पेशेंट्स की अपनी बोन सेल की रिजनरेटिव क्षमता का उपयोग करती है।

      क्षतिग्रस्त बोन टिश्यू की मरम्मत करती है। आंकड़े इसकी सफलता को प्रकट करते हैं, लगभग 80% रोगियों ने दर्द में कमी का अनुभव किया है। शारीरिक कामकाज में पांच गुना सुधार देखा है। उपचार के तीन महीने के भीतर खेल और एथलेटिक गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता हासिल कर ली है।

      बोन सेल थेरेपी न केवल रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार करती है, बल्कि पुनर्योजी चिकित्सा (regenerative medicine) में अधिक इनवेंसिव प्रोसीजर की जरूरत को भी कम करती है।

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