आज उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में हिंसा का नया इतिहास लिखा गया जहां देश राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री एक साथ मंच साझा कर रहे हों उससे सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर पथराव, पेट्रोल बम आदि चलें।इसे क्या कहा जायेगा? राष्ट्रपति के आगमन से पूर्व जिस तरह तरह सुरक्षा एजेंसियां काम करती रहीं हैं यह उनकी बड़ी चूक ही मानी जाएगी।
इस घटना के संदर्भ में बताया गया है कि भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक चैनल के डिवेड में मोहम्मद पैगंबर साहिब को लेकर कुछ अपशब्द कहे थे जिसके चलते मुस्लिम समुदाय ने कानपुर में बंद का ऐलान किया था।आज ही जुमा था जहां पुलिस का अच्छा खासा बंदोबस्त था।नमाज़ शांतिपूर्वक अदा हुई उसके बाद तकरीर में पैगम्बर साहब की अवमानना के खिलाफ जुलूस निकालने की घोषणा हुई जो दूकान भी बंद करा रही थी। चूंकि बेकनगंज के इस घटना स्थल में जहां अधिकांश मुस्लिम बस्तियों में बंद शत् प्रतिशत था इसलिए सद्भावना चौक पर उनकी भीड़ एकत्रित हो गई। अचानक वहां बड़ी संख्या में हिंदू भी पहुंच गए और इसके बाद पत्थरों, पेट्रोल बमों की ऐसी बरसात हुई कि पुलिस देखती रह गई। कई लोग घायल हुए । पुलिस ने लाठीचार्ज किया,कई राउंड हवाई फायर हुए तब जाके जिलाधीश और पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि मामला शांत हुआ किंतु कहा जा रहा है पतली गलियों और जहां पुलिस की मौजूदगी ना के बराबर है वहां पत्थरबाजी जारी है। शहर में बवाल होने से पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है। साथ ही पुलिस की धरपकड़ और छापेमारी की कार्रवाई जारी है। इसके अलावा पीएसी के जवान भी सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। वैसे पुलिस और पीएसी पर भी पत्थरबाजी की गई थी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस बवाल के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी की तलाश में जुटी है।
सवाल एक बार फिर इस बात का है कि मुस्लिम विरोध के बीच में हिंदुओं का एकत्रीकरण किसने किया?पत्थर और पेट्रोल बम ले के कौन आया ? क्या यह भाजपा द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम था। जिसमें मुस्लिमों को उत्तेजित किया गया।क्योंकि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिये हैं। वह चिंता जनक है ।लखनऊADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि जिन भी लोगों ने उपद्रव किया है उनकी पहचान की जा रही है। हमने अब तक 18 लोगों को गिरफ़्तार किया है। उपद्रवियों के साथ षड्यंत्रकारियों के ख़िलाफ़ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी तथा उनकी संपत्तियों को जब्त या ध्वस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने वीडियो और फोटोग्राफ से लोगों को चिन्हित किया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस ख़बर से क्या यह आश्वस्त हुआ जा सकता है कि इसमें उन लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी जिन्होंने इस घटना के लिए बारुद का काम किया। बेकनगंज में भी कहीं एक कौम विशेष के लोगों के लिए बुलडोजर का शिकार तो नहीं होगा।यदि सरकार की नियत साफ़ है तो पहले उसे नुपुर शर्मा को गिरफ्तार करना ही चाहिए।हो सकता है वे यदि अपने कथन के लिए मुस्लिम समुदाय से माफ़ी मांग ले तो बुलडोजर और पत्थर शांत हो सकते हैं।देखना यह है कि सरकार इसे अपने मिशन के तहत लेती है या सर्व धर्म समभाव को मजबूत करती है।