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न्यू रिसर्च : प्रोटीन की अधिकता से आर्टरीज ब्लॉकेज 

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     ~ सोनी तिवारी, मेडिकल स्कॉलर 

उच्च प्रोटीन से भरपूर डाइट को अक्सर स्वस्थ जीवन शैली के हिस्से के रूप में देखा जाता है। कई डाइट में वजन कम करने और लीन मांसपेशियां हासिल करने के लिए प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट और वसा कम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

     पर क्या आप जानते हैं कि अपनी दैनिक आवश्यकताओं से ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना आपकी हार्ट हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है! जी हां, हाल ही में एक शोध सामने आया है, जिसमें जरूरत से ज्यादा प्रोटीन के सेवन और हार्ट डिजीज के बीच के संबंध को उजागर किया गया है।

    कुछ पोषक तत्व सेहत के लिए अनिवार्य होते हैं। मगर वही हेल्दी चीज जब हम जरूरत से ज्यादा खाने लगते हैं, तो यह फायदे की बजाए नुकसान का कारण बनने लगती है। ऐसा ही कुछ आपकी डाइट के साथ भी होता है।

    हमारे शरीर के लिए दैनिक जरूरतों के हिसाब से पोषक तत्वों के सेवन की मात्रा तय की गई है। जब हम शरीर की जरूरत से ज्यादा उनका सेवन करते हैं, तो वह शरीर के लिए नुकसानदायक होने लगती हैं।

*प्रोटीन के बारे में क्या कहते हैं शोध?*

    यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी स्कूल ऑफ मेडिसिन में रिसर्च कर रही एक शोध टीम ने पाया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई डाइट बहुत प्रचलित हैं।   

     उनमें से कई डाइट में यह बताया जाता है कि दैनिक कैलोरी सेवन में प्रोटीन का अनुपात बढ़ाना फायदेमंद है। मगर अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन न केवल दुबली मांसपेशियों के विकास में योगदान नहीं देता है, बल्कि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है।

  इसी शोध में बताया गया है कि प्रोटीन के अत्यधिक सेवन के परिणामस्वरूप हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है, जो एक खतरनाक संदेश है। प्रोटीन के लिए इन दिनों लोग सप्लीमेंट्स का सेवन करने लगे हैं।

    जो उनकी डाइट में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए है। सही मात्रा में प्रोटीन आवश्यक है, लेकिन अत्यधिक प्रोटीन का सेवन करने के नुकसान हो सकते हैं।

    अधिकतम प्रोटीन की मात्रा लेने से अतिरिक्त अमीनो एसिड्स का शरीर में संचय हो सकता है, जो अवशोषित किया नहीं जा सकता है। यह रक्त में सेलुलर स्तर पर एक सिग्नलिंग तंत्र को प्रेरित कर सकता है, जो हार्ट रोग को ट्रिगर कर सकता है।

*ब्लॉक हाे सकती हैं धमनियां :*

     बीफ, अंडे, और दूध जैसे एनिमल प्रोटीन खाद्य पदार्थों में ल्यूसीन जैसे अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो मैक्रोफेज कोशिकाओं में सिग्नलिंग गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

   यह मैक्रोफेज सेलुलर गतिविधि रक्त वाहिकाओं में प्लाक को साफ करती हैं। ल्यूसीन एक एसेंशियल अमीनो एसिड है। अर्थात यह शरीर द्वारा उत्पन्न नहीं किया जा सकता है और इसे आहार से प्राप्त किया जाना चाहिए।

     सामान्य रूप से कार्य करते समय ये मैक्रोफेज कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं को प्लाक निर्माण से मुक्त रखने का काम करती हैं। लेकिन जब हम अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो इसका उत्पादन अति सक्रिय हो जाता है, तो वैस्कुलर सिस्टम में निष्क्रिय कोशिकाओं का संचय प्लाक निर्माण और रुकावटों का कारण बन सकता है।

    इसका परिणाम एथेरोस्क्लेरोसिस, या धमनियों का सख्त होना, दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे के रूप में सामने आता है।

*एक दिन में कितना करना चाहिए प्रोटीन का सेवन?*

     पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न लेना स्वास्थ्य के लिए बुरा है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में मैक्रोफेज सिग्नलिंग तंत्र के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।

     शोधकर्ताओं ने बताया है कि प्रति भोजन में 20 से 30 ग्राम प्रोटीन प्राप्त करना एक सामान्य वयस्क के लिए पर्याप्त है। इससे अधिक प्रोटीन की मात्रा लेने से नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। प्रति दिन 60 से 90 ग्राम प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है।

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