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आकलन : मुसलमान और भारत का नुकसान

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जूली सचदेवा

जब CAA जैसा सफ़ेद/काला कानून लाया गया “मुसलमानों” ने कहीं भी ट्रेने नहीं जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया!
जब तीन तलाक पर कानून बनाया गया “मुसलमानों” ने ट्रेन नहीं जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.

जब बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर का फ़ैसला सुनाया गया “मुसलमानों” ने ट्रेन नहीं जलाई, देश की सम्पति को नुकसान नही पहुंचाया.
जब हिजाब पे पाबंदियां कसा जाने लगा “मुसलमानों” ने ट्रेने नही जलाई , देश की सम्पति को नुकसान नही पहुंचाया.

गौ माता के नाम पर एखलाक से लेकर….तबरेज अंसारी तक की लिंचिंग कर दी गई, मगर “मुसलमानों” ने ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया!
जुनैद को चलती ट्रेन मे चाकुओं से गोद-गोद कर मार दिया गया, मगर “मुसलमानों” ने कभी ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.

रामनवमी पे हिंदुत्ववादी दंगाइयों द्वारा जब रमजान जैसे पवित्र माह मे इफ्तार के वक्त उनके मस्जिदों के आगे DJ बजाया गया – उन्हें प्रोवोक किया गया,
मगर “मुसलमानों” ने कभी ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.
पैगम्बर मुहम्मद साहब के बारे मे जब एक भाजपा नेत्री द्वारा अपशब्द कहा गया, तब भी “मुसलमानों” ने कोई ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.

मुहम्मद साहब पे की गई गलत टिप्पणी के बावजूद, जब “मुसलमानों” ने शांतिपूर्ण विरोध किया तो उनके ऊपर गोलियां चलाई गई, जिसमें एक माँ ने अपने दो नवजवान बच्चे खो दिए, मगर मुसलमानों ने कभी ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को नुकसान नही पहुंचाया.
शक के बिना पे अब भी हजारों मुसलमानों को जेल के सलाखों के पीछे डाला गया है – उनके ऊपर UAPA/NSA लगाया गया, मगर “मुसलमानों” ने ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.

धर्म संसद से लगातार हिन्दू संतों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई गई – पूरे समुदाय को मारने/खत्म करने के बातें की गई, मगर “मुसलमानों” ने कभी ट्रेनें नही जलाई, देश की सम्पति को कभी नुकसान नही पहुंचाया.

बस सब्र किया हमेशा की तरह…!
मगर वहीं दूसरी तरफ खुद को वतन परस्त-देशभक्त कहने वालें लोग, एक स्कीम को ना झेल सके और पूरा देश जला दिया…एक के बाद एक ट्रेनें जलाते गए…देश की सम्पति का करोड़ों/अरबों का नुकसान कर दिए!

मै तो कहती हूँ कि वतन से मोहब्बत करना सीखना हो, तो मुसलमान से सीखो, जो इतना जुल्म-ज़्यादती सहने के बाद भी कभी देश पे एक आंच तक आने नहीं देते!
{चेतना विकास मिशन}

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